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बीजापुर जलसंसाधन विभाग में भ्रष्टाचार का बड़ा खेल : बगैर मरम्मत ईई ने डकार लिए 18 लाख !…भोपालपट्नम में 13 स्टॉप डेम मरम्मत कार्य को मिली थी मंजूरी…
पत्रवार्ता में युवा आयोग सदस्य अजय ने किया खुलासा…भ्रष्टाचार में विधायक की संलिप्तता का लगाया आरोप…
कमिश्नर से शिकायत और एफआईआर दर्ज कराने की बात भी कही, विधायक को खुली चुनौती, अजय ने कहा – हिम्मत हो तो जांच कराएं…

इम्पैक्ट डेस्क.

बीजापुर। पार्ट 01- जिले के भोपालपट्नम ब्लाक से बड़ी खबर निकलकर आई है। यहां स्टॉप डेम मरम्मतीकरण के नाम पर जलसंसाधान विभाग के कार्यपालन अभियंता ने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करते हुए डीएमएफ मद के तहत् स्वीकृत 18 लाख रूपए से ज्यादा की राशि का गबन किया है। मामले का खुलासा युवा आयोग के सदस्य अजय सिंह ने किया है। अजय ने पूरे प्रकरण को बड़ा भ्रष्टाचार बताते हुए क्षेत्रीय विधायक एवं बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विक्रम मंडावी को मामले में सहभागी बताया है।
भोपालपट्नम स्थित विश्रामगृह में पत्रवार्ता के दौरान अजय का कहना था कि जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता को भ्रष्टाचार को अंजाम देने का हौसला विधायक से मिला। अजय के मुताबिक विधायक के संरक्षण के बिना अफसर इतने बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम नहीं दे सकते। अजय के मुताबिक उन्होंने पूरे मामले की तह तक पड़ताल की तो उन्हें पता चला कि जून माह में 13 स्टॉप डैम के मरम्मत के लिए डीएमएफ और मनरेगा से 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ मरम्मतीकरण का कार्य स्वीकृत किया गया था। चूंकि 15 जून के बाद बीजापुर में मानसून सक्रिय हो गया था और जुलाई माह में बाढ़ की वजह से जिले में हालात बिगड़े हुए थे, ऐसे समय में जल संसाधन विभाग के विभाग प्रमुख की तरफ से यह दावा किया जाना कि डैम का मरम्मतीकरण कार्य हुआ है, यह बात सतह पर झूठ साबित हुई। उन्होंने कांग्रेस के ही स्थानीय नेताओं के माध्यम से इसकी पड़ताल करवाई तो उनका शक सही निकला। लीपा पोती तो दूर ईई मौके पर झांकने तक नहीं गए और तो और बगैर सब इंजीनियर के मूल्यांकन कराए बिना स्थानीय लोगों, विभाग को गुमराह कर ईई ने गुपचुप तरीके से डीएमएफ की 18 लाख 61 हजार 430 रुपये का गबन कर लिया।

जिपं सदस्य के पिता के खाते में राशि
मामले में एक और बड़ा खुलासा करते हुए अजय ने कहा कि ईई के द्वारा भ्रष्टाचार के अपने मकसद को पूरा करने बड़ी प्लानिंग की गई थी। जिपं सदस्य सरिता चापा के पिता गणपत कोर्राम के जीएसटी नंबर के जरिए उसके खाते में रकम जमा करवाई गई, जबकि गणपत कोर्राम कोई व्यवसायी भी नहीं है, बाबजूद उनका जीएसटी नंबर है। इस तरह ईई द्वारा मूसलाधार बारिश के बावजूद रिकॉर्ड में मरम्मतीकरण कार्य को दर्शाते हुए गणपत कोर्राम से जीएसटी नंबर हासिल कर डीएमएफ की राशि पर हाथ साफ कर लिया।

पत्रवार्ता के बाद पोषड़पल्ली पहुंचे अजय
पत्रवार्ता के बाद अजय पत्रकारों को साथ लेकर पोषड़पल्ली पहुंचे। डैम को दिखाते हुए अजय ने दावा किया कि ईई द्वारा भरी बरसात मंे काम होने का जो दावा किया जा रहा है, उसकी जांच होनी चाहिए। इस दौरान अजय ने विधायक को पूरे मामले की जांच के लिए भी खुली चुनौती दे डाली।

कलेक्टर पर भरोसा नहीं कमिश्नर से करूंगा शिकायत
पत्रवार्ता के बीच युवा आयोग सदस्य ने कहा कि उन्हें बीजापुर कलेक्टर पर भरोसा नहीं है, इसलिए पूरे मामले को लेकर वे संभागायुक्त से मिलकर उन्हें शिकायत करेंगे, इसके अलावा कोतवाली में लिखित शिकायत भी करेंगे। जरूरत पड़ी तो पूरे मामले को लेकर उच्च स्तर तक जाएंगे, लेकिन किसी भी हाल में भ्रष्टाचार की जांच कराकर रहेंगे।

यहां होना था मरम्मतीकरण कार्य
भोपालपट्नम ब्लाक में जलसंसाधन विभाग के तहत् कुल 13 स्टॉप डेम के मरम्मतीकरण को स्वीकृति प्रदान की गई थी, जिसमें चेरपल्ली, संगमपल्ली, पोषड़पल्ली, सण्डरापल्ली, अंगमपल्ली, गिलगिच्चा, अन्नारम, यापला, वाडला, बुरगुड़ा, नेरलावागु, गोखूर, मीनूर शामिल है।

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