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राज्य में एक और टायगर रिजर्व की स्थापना के लिए भारत सरकार से मिली मंजूरी… प्रकृति के संतुलन के लिए मानव के साथ-साथ वन तथा वन्यप्राणियों का सह अस्तित्व जरूरी- वन मंत्री…

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इम्पेक्ट डेस्क.

छत्तीसगढ़ में वन तथा वन्यप्राणी दोनों की ही सुरक्षा के लिए हो रहे लगातार कार्य

लेमरू हाथी रिजर्व की स्थापना शीघ्र

वन मंत्री ने भालू तथा तेंदुआ के मानक प्रचालन प्रक्रिया नामक दो पुस्तिका का किया विमोचन

रायपुर। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने आज 8 अक्टूबर को वन्यप्राणी संरक्षण सप्ताह के समापन अवसर पर नंदनवन जंगल सफारी नवा रायपुर के विभिन्न कार्यक्रमों में विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया। उन्होंने राजधानी के शंकर नगर स्थित अपने निवास कार्यालय में आयोजित समापन कार्यक्रम में वन्यप्राणी ’भालू’ तथा ’तेंदुआ’ के मानक प्रचालन प्रक्रिया नामक दो पुस्तिका का विमोचन किया। साथ ही बारनवापारा अभ्यारण्य के सोशल मीडिया एकाउंट का भी शुभारंभ किया।


वन मंत्री श्री अकबर ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ वन एवं वन्यप्राणियों से समृद्ध राज्य है। प्रदेश के कुछ क्षेत्रफल के 44 प्रतिशत से अधिक हिस्से वनों से आच्छादित हैं, यहां विभिन्न प्रकार के वन्य प्राणी विचरण करते हैं। ये हम सब के लिए महत्वपूर्ण धरोहर हैं। हमारी सरकार द्वारा इसकी महत्ता को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ में वन तथा वन्यप्राणी दोनों की ही सुरक्षा को प्राथमिकता में रखी गई है। उन्होंने बताया कि प्रकृति के संतुलन के लिए मानव के साथ-साथ वन तथा वन्यप्राणियों का सह अस्तित्व जरूरी है।


वन मंत्री श्री अकबर ने बताया कि प्रदेश में वन तथा वनों की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा हर संभव पहल की जा रही है। इसके तहत राज्य में वर्तमान में संरक्षित वन क्षेत्र के अंतर्गत 3 राष्ट्रीय उद्यान, 11 अभ्यारण्य, 3 टायगर रिजर्व, एक हाथी रिजर्व और एक बायोस्फियर रिजर्व के माध्यम से वन्य प्राणियों की सुरक्षा एवं संवर्धन के विविध कार्य किए जा रहे हैं। इसके अलावा राज्य में लेमरू हाथी रिजर्व की स्थापना की प्रक्रिया काफी आगे बढ़ गई है। साथ ही राज्य में एक और टायगर रिजर्व की स्थापना के लिए भारत सरकार से मंजूरी मिल गई है। उन्होंने कहा कि इनकी महत्ता को ध्यान में रखते हुए देश में 1972 से वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम लागू है।

अधिनियम के लागू होने से वन्यप्राणियों के संरक्षण को बढ़ावा मिला है और इनके सरंक्षण में हम सफल हुए हैं।
कार्यक्रम को प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री राकेश चतुर्वेदी तथा प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) श्री पी.व्ही. नरसिंग राव ने भी सम्बोधित किया। उनके द्वारा बताया गया कि राज्य में वन तथा वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए विभाग द्वारा लगातार कार्य किए जा रहे हैं। इस अवसर पर पचेड़ा, खंडवा, उपरवारा, कुर्रू, भेलवाडीह आदि के प्रतिभागी स्कूली बच्चों खेमन, मेघा साहू, कु.डाली यादव, साहिल धु्रव, कु.यामिनी साहू, कु.मानसी यदु, अंजू सिन्हा, स्नेहा यदु, विद्या साहू, कल्पना वर्मा, चंद्रकांत साहू, भगवती सोनवानी, मोना वर्मा, विनिता सिन्हा, राजकुमारी यादव, गींताजली सिन्हा, लक्ष्मी जोशी, रूपाली, हिना बारले, गुलशन साहू, नीतिश हरवंश, सत्या ध्रुव, चंद्रकांत साहू तथा धंनजय पटेल को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम मे आभार प्रदर्शन मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) श्री राजेश पाण्डेय ने किया। इस अवसर पर सचिव वन श्री प्रेमकुमार तथा संचालक सह वन मंडलाधिकारी जंगल सफारी सुश्री एम. मर्सिबेला आदि उपस्थित थे।

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