वित्तमंत्री की घोषणा से मरणासन्न एमएसएमई उद्योगों को कोई राहत नहीं : झा
वित्त मंत्री की घोषणा पर प्रतिक्रिया : पुराना लोन माफ करने की बजाए फिर लोन देने की बात छोटे एवं मध्यम उद्योगों पर दोबारा चोट
न्यूज डेस्क. भिलाई नगर।
छत्तीसगढ़ लघु एवं सहायक उद्योग संघ के महासचिव के. के. झा ने एमएसएमई (छोटे एवं मध्यम) उद्योगों के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा तीन लाख करोड़ का लोन दिए जाने की घोषणा को बेअसर एवं अस्पष्ट बताया है। उन्होंने कहा कि इन उद्योगों पर पहले से ही लोन है जिसे माफ किए जाने की मांग की जा रही थी। लेकिन पुराने लोन को माफ करने के बजाय नए लोन देने की बात की जा रही है।
श्री झा ने कहा कि तालाबंदी के कारण पुराने लोन का ब्याज बढ़ता जा रहा है। पुन: इन उद्योगों को लोन दिए जाने की घोषणा कर इन उद्योगों पर दोबारा चोट की गई है। उम्मीद की जा रही थी कि इन उद्योगों को उबारने राहत पैकेज की घोषणा की जाएगी लेकिन पीएफ और अन्य बातों में उलझा कर बातें रखी गई हैं, जिससे कोई फायदा नहीं। बैंक पहले ही लोन नहीं दे रहे हैं।
वैसे भी लॉकडाउन में तालाबंदी के चलते मरणासन्न स्थिति में पहुंच गए छोटे एवं मध्यम उद्योग फिलहाल नया लोन लेने की स्थिति में नहीं है। और फिर लोन की देने के लिए जो मापदंड बनाए गए हैं उसमें पहले से ही स्थापित उद्योग ही इसका फायदा ले पाएंगे। ऐसी स्थिति में बर्बाद हो चुके उद्योगों को फिर से नए सिरे से शुरू करने की कोई भी कोशिश बेकार साबित होगी।
उन्होंने कहा कि इन उद्योगों में काम कर रहे मजदूरों को वेतन न दे पाने की असमर्थता के कारण अप्रैल, मई एवं जून माह के वेतन की मांग सरकार से की गई थी। लेकिन वित्त मंत्री ने जो घोषणा की है उसमें इसका कहीं उल्लेख नहीं है। उम्मीद की जा रही थी कि मरणासन्न स्थिति में पहुंच चुके छोटे एवं मध्यम उद्योगों को फिर से शुरू करने, उन्हें बचाने एवं पटरी पर वापस लाने के लिए वित्त मंत्री इन उद्योगों को विशेष राहत के साथ-साथ आर्थिक पैकेज देने की भी बात कहेंगी लेकिन उनके प्रेस कॉन्फ्रेंस से हमें निराशा मिली।