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11 बैंको ने लोन सेटलमेंट के जरिए रिकवर की 61,000 करोड़ रुपये की कर्ज की फंसी रकम…

इंपैक्ट डेस्क.

लगभग चार वित्तीय वर्षों में 11 बैंकों ने एकमुश्त निपटान यानी वन टाइम सेटलमेंट के माध्यम से लगभग 61,000 करोड़ रुपये की वसूली की है। सरकार ने सोमवार को संसद को ये जानकारी दी। ये आंकड़े पिछले तीन वित्तीय वर्षों और चालू वित्त वर्ष के दिसंबर 2021 तक के हैं।

वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात कही। उन्होंने कहा कि  रिजर्व बैंक के निर्देशों के अनुसार, बैंकों के पास एक बोर्ड-अप्रूव्ड लोन रिकवरी पॉलिसी नीति होनी चाहिए, जिसमें एकमुश्त निपटान (ओटीएस) सहित समझौता के माध्यम से बातचीत के जरिए निपटारे को कवर किया जा सकता है, जिसके तहत गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) ऋण खातों में वसूली न्यूनतम खर्च पर अधिकतम संभव सीमा तक प्रभावी किया जाना संभव हो।

उन्होंने कहा कि इस तरह के उपायों का उद्देश्य बैंकों को एडवांटेज के साथ उनके फंड को तुरंत रिसाइकिल करने में मदद करना है। उन्होंने कहा, “सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों के पास बोर्ड-अप्रूव्ड लोन रिकवरी पॉलिसी है। 11 राष्ट्रीयकृत बैंकों से प्राप्त इनपुट के अनुसार, पिछले तीन वित्तीय वर्षों के दौरान 38,23,432 मामलों में ओटीएस को मंजूरी दी गई थी। इसके अलावा, पिछले तीन वित्तीय वर्षों के दौरान और चालू वित्त वर्ष के दिसंबर 2021 तक इन राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा ओटीएस के माध्यम से कुल 60,940 करोड़ रुपये की वसूली की गई है।

ये 11 बैंक हैं, पंजाब नेशनल बैंक ने सबसे अधिक 8.87 लाख ओटीएस दर्ज किए, इसके बाद बैंक ऑफ इंडिया 4.97 लाख; बैंक ऑफ बड़ौदा 4.34 लाख; इंडियन बैंक 4.27 लाख; केनरा बैंक 4.18 लाख; और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 4.02 लाख। अन्य हैं यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 2.99 लाख; यूको बैंक 2.38 लाख; इंडियन ओवरसीज बैंक 1.33 लाख; बैंक ऑफ महाराष्ट्र 63,202 और पंजाब एंड सिंध बैंक ने 20,607 ओटीएस दर्ज किए।

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