Impact Original

District BeejapurImpact Original

लखमा के वोट बैंक में लग सकती है सेंध! आदिवासी हितों की उपेक्षा का लग रहा आरोप… चुनाव में बहिष्कार की बात पर अड़े ग्रामीण, बोड़केल में ग्रामीणों ने कहा-ग्राम सभाएं कर तय करेंगे प्रत्याशी… (ग्राउंड रिपोर्ट– पार्ट 03)…

इंपैक्ट डेस्क. बीजापुर। सुकमा-बीजापुर के सरहदी गांवों में हवाई हमले को लेकर जारी विरोध के बीच अब 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भी हजारांे ग्रामीण मुखर हैं। बोड़केल में हवाई हमले के विरोध में जुटे हजारों ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक-जनप्रतिनिधियों पर निशाना साधा है और उन पर आदिवासी हितों की उपेक्षा का आरोप लगाते आने वाले विधानसभा चुनाव में सबक सिखाने की बात कही है।एयर स्ट्राइक को लेकर जुटे हजारों ग्रामीणों की नाराजगी अब अपने ही क्षेत्र के विधायक समेत तमाम जनप्रतिनिधियों को लेकर है। उनका कहना

Read More
District BeejapurImpact Original

बारह वर्ष बाद तुल डोकरी के दरबार देवी-देवताओं का होगा संगम… शीष नवाने जुटेंगे सैकड़ों श्रद्धालु, कमकानार करसाड़ की तैयारियां जोरों पर…

इंपैक्ट डेस्क. बीजापुर। बस्तर में इन दिनों मेले-मड़ई का दौर अंतिम चरण पर पहुंच चुका हैं, परंतु बस्तर की पहचान इन मेले -मड़ई में आदिवासी संस्कृति, परंपरा और ढोल नगाड़ों के साथ होने वाले नृत्य और वेष भूषा ने पूरे विश्व में अलग ही तरीके से अपनी कीर्ति फैलाई है। मेले मड़ई के बाद बस्तर में करसाड़ का आयोजन भी बड़े पैमाने पर किया जाता है। जहां पर शिरकत करने आदिवासी पंरपरानुसार देवी-देवताओं के साथ-साथ हजारों ग्रामीण पहुंचते हैं। बीजापुर जिले के कमकानार में स्थित माता तुल डोकरी के दरबार

Read More
BeureucrateBreaking NewsImpact OriginalState News

Breaking news : छत्तीसगढ़ में खेलगढ़िया की राशि में हो गया बड़ा खेल… करोड़ों का मामला ​निपटाने हर जिले में खंडन अधिकारी… सीएम को गुप्त शिकायती पत्र की जांच भी गुप्त…

आप यह जानकर चौंक सकते हैं कि छत्तीसगढ़ में शिक्षा विभाग के आला अफसरों की सरपरस्ती में खेलगढ़िया जैसी व्यवस्था में करोड़ों का सप्लाई खेला हो गया है। घटिया खेल सामग्री महंगी दाम में जिलों में डंप किए जा रहे हैं और पैसे के लिए चौतरफा दबाव बढ़ा दिया गया है। सरगुजा से बस्तर तक सभी जिलों में इस तरह की शिकायतें आ रही हैं। आप यह भी जान लें कि हाल ही में जिलों में शिक्षा विभाग ने खंडन अधिकारियों की ​नियुक्ति की थी उसकी असल वजह क्या थी?

Read More
between naxal and forceImpact OriginalState News

#between naxal and force कोंटा इलाके के 2500 वर्ग किलोमीटर तक विस्तारित आधार क्षेत्र में माओवादियों की C+4 टेक्टिस से ताड़मेटला में सीआरपीएफ को सबसे बड़ा नुकसान…

सुरेश महापात्र। सलवा जुड़ूम की परिस्थितियों में मीडिया अपना काम तो कर रही थी पर उसे बहुत ज्यादा सर्तकता बरतने की स्थिति रही। इसकी बहुत सी वजहें रहीं… (11) आगे पढ़ें…   दोरनापाल से चिंतलनार होते हुए जगरगुंडा दूरी 50 किलोमीटर और दोरनापाल से एर्राबोर होकर कोंटा करीब 50 किलोमीटर यानी करीब 2500 वर्ग किलोमीटर इलाके में माओवादियों का आधार क्षेत्र फैला हुआ है। एनएच के एक ओर सबरी का प्रवाह और दूसरी ओर माओवादियों का गढ़। विशेषकर इस इलाके में माओवादियों ने अपना आधार क्षेत्र बनाया हुआ है। 6

Read More
between naxal and forceImpact OriginalState News

between naxal and force हिमांशु कुमार ने इस तरह छोड़ा दंतेवाड़ा… सोढ़ी संभो प्रकरण के साथ VCA का 18 बरस का सफर ठहर गया… 

सुरेश महापात्र। पुलिस व प्रशासन की निगाह अब इस आश्रम की हर गतिविधि पर रहने लगी…  10 से आगे पढ़ें… कोंटा इलाके के गोमपाड़ में 1 अक्टूबर 2009 को सोढ़ी संभो के बताए मुताबिक एक मामला सामने आया। जिसकी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। दावे के मुताबिक इस महिला के साथ सुरक्षा बलों ने ना केवल दुर्व्यवहार किया बल्कि गोली भी चलाई जिससे उसके दाएं पैर में गोली लगी। याचिका में कथित तौर पर सोढ़ी संभो की ओर से बताया गया कि ‘घटना वाले दिन इंजरम कोंटा कैंप

Read More
between naxal and forceImpact OriginalState News

between naxal and force जब शुरू कर दी गई हिमांशु की घेराबंदी, ढहा दिया गया कंवलनार का आश्रम… सोढ़ी संभो मामला और माओवादियों से रिश्ते पर रार…

सुरेश महापात्र। सलवा जुड़ूम के बाद बिगड़ी हुई परिस्थितियों में किसी पुलिस अफसर का तेज तर्रार होना… दोनों ही तरह से खतरे का संकेत साबित हुआ। (9) …आगे पढ़ें   अपने तबादले से ठीक पहले राहुल शर्मा ने हिमांशु कुमार के कंवलनार आश्रम को तोड़ने में बड़ी भूमिका का निर्वाह किया। करीब 17 बरस तक दंतेवाड़ा जिले में एक एनजीओ के तौर पर काम करते हुए हिमांशु ने गोंडी बोली पर अपनी पकड़ बना ली थी। वे शुरूआती दौर में महेंद्र कर्मा के काफी नजदीकी माने जाते रहे। दंतेवाड़ा जिला के

Read More
between naxal and forceImpact OriginalState News

#between naxal and force सलवा जुड़ूम : कोया कमांडो का वह दौर और मुठभेड़, हत्याएं… बाहरी बनाम स्थानीय मीडिया की वह दास्तां…

सुरेश महापात्र। इस तरह से धीरे—धीरे समूचा दक्षिण बस्तर युद्ध क्षेत्र में तब्दील होता चला गया जहां वर्ग संघर्ष तो चल ही रहा था। पर बेशकीमती जान केवल एक ही वर्ग गवांता नजर आने लगा… से आगे (8) सलवा जुड़ूम शुरू होने के बाद दक्षिण बस्तर के बीजापुर से लेकर कोंटा तक वारदातों का दौर शुरू हो गया। पुलिस रिकार्ड में अकेले 2006 में करीब 50 और 2007 में करीब दो दर्जन से ज्यादा घटनाओं में सैकड़ों की तादात में मौतें दर्ज हैं। इन मौतों में दोनों तरफ से 99

Read More
between naxal and forceImpact OriginalState News

#between naxal and force राहत शिविर और फोर्स पर ताबड़तोड़ हमलों से सलवा जुड़ूम को लगने लगा झटका…

सुरेश महापात्र। वे हमले के दौरान चढ़ाई में उपयोग करते और हमले में किसी साथी की मौत होती तो उसे उसी सीढ़ी में उठाकर चले जाते। (7) आगे पढ़ें…   बीजापुर इलाके में सलवा जुड़ूम के प्रभाव को देखते हुए इसके सुकमा—कोंटा इलाके में विस्तार की घोषणा नेतृत्वकर्ता महेंद्र कर्मा ने कर दी। उनकी घोषणा के बाद कर्मा समर्थकों ने सबसे पहले दोरनापाल से कोंटा तक रैली निकाली। इस रैली में राष्ट्रीय राजमार्ग से सटे गांवों के लोगों को माओवादियों का साथ छोड़ने और शांति का पक्ष लेने के लिए दबाव

Read More
between naxal and forceImpact OriginalState News

#between naxal and force सलवा जुड़ूम के बाद सुलगते दक्षिण बस्तर में हमले, हादसे और बदले की भावना का कनेक्शन… 

सुरेश महापात्र। हिंदुस्तान के भीतर बस्तर का एक रक्त रंजित इतिहास भी दर्ज हो रहा था। जिसमें आदिवासी ही मारे जा रहे थे… (6)  से आगे… सलवा जुड़ूम के बाद दक्षिण बस्तर का हाल तेजी से बिगड़ने लगा। दो वर्ग में संघर्ष साफ दिखाई देने लगा। दोनों ही एक दूसरे के खिलाफ खड़े हो गए। करीब 80 हजार की आबादी वाले भैरमगढ़ ब्लाक के इंद्रावती नदी से सटे अंदरूनी गांवों से लोगों का पलायन तेजी से शुरू हुआ। भयाक्रांत आदिवासी यह तय करने में विफल थे कि वे किसका साथ

Read More
between naxal and forceImpact Original

#between naxal and force सलवा जुड़ूम : बस्तर के रक्त रंजित इतिहास का वह दौर जब दोनों तरफ से निशाने पर रहे आदिवासी…

सुरेश महापात्र। युवाओं की इस भीड़ में कितने माओवादी प्लांट हो रहे थे इसका अंदाजा किसी को नहीं था। …आगे पढें 19 जून को दंतेवाड़ा जिले के भैरमगढ़ ब्लाक के कोतरापाल गांव के पास माओवादियों ने आठ ग्रामीणों की हत्या कर दी इनके माओवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे आदिवासियों की बैठक के दौरान हमला किया था। इस हमले में करीब 100 ग्रामीण घायल भी हुए थे। इस दौरान तक ना तो नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा और ना ही सरकार का कोई प्रतिनिधि बीजापुर इलाके में चल रहे इस संघर्ष

Read More