Madhya Pradesh

सॉफ्टवेयर इंजीनियर अश्विनी कोष्टा का शव पहुंचा घर, मच गई चीख-पुकार

पुणे

पुणे में हुए बहुचर्चित हिट एन्ड रन केस में जबलपुर की अश्वनी कोष्टा उमरिया जिले के बिरसिंहपुर पाली निवासी  सॉफ्टवेयर इंजीनियर अनीश अवधिया पिता ओमप्रकास की दर्दनाक मौत हुई है।पुणे के कल्याणी नगर में हुए इस हादसे में उमरिया जिले में पाली निवासी अनीश अवधिया पिता ओमप्रकास अवधिया की दर्दनाक मौत सड़क हादसे में हुई है.अनीश के पिता ओमप्रकास पेशे से व्हैंयवसायी हैं और पाली नगर में बिरासनी प्रेस का संचालन करते है. 21 मई की रात 2 बजकर 30 मिनट के आसपास जैसे ही अनीश का शव लगभग 48 घंटे के बाद पाली पहुंचा घर में चीख पुकार मच गई.

पुणे के कल्याणी नगर में हुए इस हादसे में जबलपुर के शक्ति नगर से लगे साकार हिल्स में रहने वाली 25 साल की अश्वनी कोष्टा ने हादसे के तुरंत बाद मौके पर ही दम तोड़ दिया। अश्विनी के शव को सोमवार की शाम पुणे से जबलपुर लाया गया। परिवार में सबसे छोटी होने के कारण अश्वनी को सभी लोग प्यार से आशी कह कर बुलाया करते थे। सड़क हादसे में आशी की दर्दनाक मौत की जैसे ही खबर आई परिवार मैं मातम छा गया। जबलपुर के शक्ति नगर से लगे साकार हिल्स कॉलोनी में रहने वाले सुरेश कुमार कोष्टा बिजली विभाग में कार्यालय सहायक के पद पर पदस्थ हैं, इनका एक बेटा सम्प्रित बेंगलुरु में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है तो दूसरी बेटी अश्विनी पिछले 2 सालों से पुणे में रहकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम कर रही है। अश्विनी इसके पहले अमेजॉन कम्पनी में थी, 1 साल पहले ही उसने स्विच करके जॉनसन कंट्रोल कंपनी में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर ज्वाइन की थी।

कब और कैसे हुई थी घटना

रविवार की तड़के अश्वनी अपने साथ काम करने वाले अनीश अवधिया के साथ रेस्टोरेंट से निकलकर अपने रूम जा रही थी कि इसी बीच कल्याणी नगर के पास एक बिगडै़ल रईस जादे ने करोड़ों की पोर्शे कार को बेलगाम रफ्तार से भगाते हुए मोटरसाइकिल पर सवार दोनों को जोरदार टक्कर मार दी। अचानक हुए इस दर्दनाक हादसे में अश्वनी और उसके दोस्त अनीश की मौके पर ही मौत हो गई। पोर्शे कंपनी की करीब 2 करोड़ की कार एक नाबालिग चला रहा था। बताया जा रहा है कि बेलगाम रफ्तार से कार वेदांत अग्रवाल नाम का नाबालिग चला रहा था जो पुणे के एक बड़े बिल्डर का बेटा है और उसे हादसे के तुरंत बाद किशोर न्याय बोर्ड ने चंद घंटे में ही जमानत दे दी।

आरोपी नाबालिग की जमानत पर हैरत में परिजन

जिन शर्तों पर किशोर न्याय बोर्ड ने जमानत दी है उससे दोनों  परिवार वाले भी हैरत में है और वे इसके खिलाफ आक्रोश भी जता रहे हैं। अश्विनी कोष्टा उर्फ आशी के परिवार वालों का कहना है कि आशी को इंसाफ दिलाने के लिए वे हर स्तर की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं। आशी का शव सोमवार की शाम को पुणे से जैसे ही उसके घर पहुंचा तो परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल था और आसपास के लोग भी आशी को आखरी बार देखने के लिए जमा होने लगे।

आरोपी को सख्त से सख्त सजा दी जाए : आत्माराम अवधिया

मृतक अनीश अवधिया के दादाजी आत्माराम अवधिया का कहना है कि दबाव में घटना के ठीक दूसरे दिन उसे नाबालिक आरोपी को कोर्ट से जमानत दे दी गई है। जबकि इस एक्सीडेंट में दो लोगों की मौत हुई है। यह पूर्णता है गलत है। हमारी मांग है कि इस मामले में सिस्टमैटिक तरीके से प्रोसिडिंग की जाए। और आरोपी को सख्त से सख्त सजा दी जाए। आरोपी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। आरोपी की जो जमानत मंजूर कर ली गई है उसे निरस्त भी किया जाए।

304 के तहत की जाए विवेचना  : अखिलेश अवधिया

वहीं मृतक अनीश अवधिया के चाचा अखिलेश अवधिया का कहना है कि इस मामले में 304 ए का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया। जबकि इस मामले की विवेचना 304 के तहत की जानी चाहिए थी। इस मामले में पुलिस ने पूर्णता गलत विवेचना की है। आरोपी नाबालिक ने शराब पी रखी थी और वह 240 की स्पीड से कार को चल रहा था। और दोनों बाइक सवारों को पीछे से उसने हिट किया। हिट एंड रन केस के नए एक्ट में भी अब प्रावधान आ चुका है कि आरोपी चाहे भले ही नाबालिक हो उसे कम से कम 7 साल की सजा होनी है। यदि पुलिस पुराने एक्ट में कार्यवाही करना चाह रही है तो आरोपी के खिलाफ 304 का मुकदमा दर्ज करके विवेचना करनी चाहिए। यह पूरी तरीके से हत्या का प्रकरण है जबकि इस लापरवाही पूर्वक गाड़ी चलाने का प्रकरण बनाया गया है। आरोपी नाबालिक के पास ना तो ड्राइविंग लाइसेंस था और उसने शराब खुद पी रखी थी यह पूर्ण रूप से हत्या का मामला है ना की दुर्घटना का। पुलिस की विवेचना पूर्णता गलत है और विवेचना के आधार पर ही उक्त आरोपी को बेल मिल चुकी है। हम चाहते हैं की हिट एंड रन मामले का जो नया कानून बना है वह जल्द से जल्द लागू हो।