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जसम सम्मेलन के बहाने कुछ बातें : जिस सांस्कृतिक जनक्रांति की बात की जाती है वह सभी वर्गों के लोगों को, सभी मेहनतकशों को शामिल किए बिना सफल नहीं हो सकती…

दिवाकर मुक्तिबोध। बस्तर के आदिवासियों के हितों के लिए वर्षों से संघर्षरत सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु कुमार ने जन संस्कृति मंच के राष्ट्रीय सम्मेलन में जो विचार व्यक्त किए हैं, वे फासीवाद के मुद्दे पर बौद्धिक तबके की कथित सक्रियता पर सवाल खडे करते हैं। उन्होंने कहा-फासीवाद का सबसे पहले हमला आदिवासियों पर होता है। वे उसका सामना करते हैं। बाद में किसान व मजदूर मुकाबला करते हैं। गरीब व निम्न वर्ग पर जब हमला होता है तो वह अपने तरीक़े से उसके खिलाफ संघर्ष करता है लेकिन हम और आप

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आखिर नेता नगरी के हीरो सौरभ #लल्लनटॉप ने माफी क्यों मांगी? क्या थी वह गलती जिसका पछतावा उन्हें भी हुआ? देखें विडियो में माफी नामा… सोशल मीडिया की ट्रोल आर्मी की हकीकत…

सुरेश महापात्र। इन दिनों देश के लल्लन टॉप पत्रकार सौरभ द्विवेदी सोशल मीडिया में बहुत ज्यादा ट्रेंड कर रहे हैं। इस ट्रेंडिंग की वजह जानेंगे तो चौंक जाएगें! वजह है अतीत की गलतियां जिनके लिए आज उन्हें जबरदस्त ट्रोल किया जा रहा है। मसला है उन दिनों का जब ट्विटर का क्रेज बस शुरू ही हुआ था। उच्च मध्यम वर्ग और उच्च वर्ग के मध्य अपनी बात को रखने का एक ऐसा जरिया जिससे वे खुद ही लहालोट हुए जाते थे। धीरे—धीरे सोशल मीडिया का यह प्लेटफार्म करोड़ों उपयोगकर्ताओं तक

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सबसे खराब दौर में कांग्रेस… हताशा व अविश्वास की परिणति आंतरिक संघर्ष…

दिवाकर मुक्तिबोध। बडी दिक्कत में है कांग्रेस। 137 साल पुरानी पार्टी और उसका नेतृत्व कभी इतना असहाय, इतना निराश नजर नहीं आया था जितना इन दिनों दिखाई दे रहा है। हालांकि उस दौर में भी पार्टी ने अनेक आंतरिक संकटों का सामना किया था, तरह तरह की चुनौतियां झेलीं थीं,  दर्जनों असंतुष्ट बडे नेता पार्टी छोडकर चले गए , इनमें से कुछ ने अपनी-अपनी कांग्रेस बना लीं लेकिन कांग्रेस की आत्मा अपने मूल शरीर में कायम रही। अब यही आत्मा मृतप्राय शरीर की दारूण स्थिति देखकर छटपटा रही है और

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इनक्रेडिबल दंतेवाड़ा के रियलिस्टिक गोल के साथ संसाधन, सुविधा और विकास की दिशा में काम ही प्रमुख लक्ष्य: विनीत नंदनवार

अमूमन बस्तर का नाम आते ही इससे बाहर के लोगों में इसकी एक छवि खुद बा खुद गढ़ जाती है… इसका जिक्र आते ही पिछड़ापन, अशिक्षा, अंधकार के साथ नक्सलवाद और सुरक्षा बालों के दोतरफा फांस में फंसे आदिवासियों का चेहरा घूमने लगता है। पर अब बस्तर की तस्वीर अब लगातार बदल रही है। जब अविभाजित बस्तर में दो नए जिले बने तब जगदलपुर के एक बालक की उम्र महज 13 बरस की रही… तब वह कक्षा आठवीं का विद्यार्थी रहा… अब वही बालक छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद बस्तर

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गीतांजली श्री लिखित उपन्यास ‘रेत समाधि’ ने बुकर जीता! हिंदी की पहली कृति जिसे यह पुरुस्कार प्राप्त हुआ…

पीयूष कुमार। गीतांजलि श्री द्वारा लिखित और राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित ‘रेत समाधि’ हिंदी की पहली ऐसी कृति बन गयी है जिसके अंग्रेजी अनुवाद ने 2022 का प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीता है। इसका अंग्रेज़ी अनुवाद Tomb Of Sand के नाम से अमेरिका की मशहूर अनुवादक डेज़ी रॉकवेल ने किया है। इसके लिए लगभग 50 लाख रुपये मिलेंगे जो लेखक और अनुवादक के बीच बराबर बांटी जाएगी। बुकर पुरस्कार के लिए रचना या उसके अनुवाद को आयरलैंड या ब्रिटेन से प्रकाशित होना जरूरी होता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गीतांजलि

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‘ अर्धविराम ‘ के बहाने कुछ बातें…

दिवाकर मुक्तिबोध। दो मई को प्रेस क्लब में पत्रकार सनत चतुर्वेदी पर केन्द्रित किताब ‘अर्धविराम ‘ के लोकार्पण कार्यक्रम में मुझे शामिल होना था। समय था शाम साढे पांच बजे । आधे घंटे पहले मैं घर से निकल ही रहा था कि एकाएक मौसम बुरी तरह बिगड़ गया। तेज आंधी तूफान के साथ बरसात भी शुरू हो गई। करीब एक सवा घंटे के बाद आसमान साफ हुआ। अंधड शांत हुआ और बरसात भी थम गई पर विलंब हो चुका था लिहाजा मेरा जाना रूक गया। जबकि इस कार्यक्रम में शामिल

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मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि जनता के आवेदन रद्दी की टोकरी में नहीं जाने चाहिए…

दिवाकर मुक्तिबोध छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इन दिनों ग्रामीण जनता से सीधे संवाद के लिए उनके बीच हैं। चार मई से उनकी यात्रा सरगुजा संभाग के बलरामपुर जिले से प्रारंभ हुई जो संभवतः 15 जून तक चलेगी। वे सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में जाएंगे। हर जिला मुख्यालय में वे रात्रि विश्राम करेंगे और प्रत्येक विधानसभा के किन्हीं तीन गांवो के निवासियों से बातचीत के जरिए जानने की कोशिश करेंगे कि सरकारी योजनाओं का समुचित लाभ उन्हें मिल रहा है अथवा नहीं? शासन-प्रशासन से संबंधित उनकी समस्याएं क्या हैं ?

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छत्तीसगढ़ में ‘आप’ की दस्तक के मायने…

दिवाकर मुक्तिबोध पंजाब विधानसभा चुनाव में प्रचंड विजय से उत्साहित आम आदमी पार्टी अब गुजरात, हिमाचल प्रदेश व छत्तीसगढ़ में अपने लिए नयी संभावनाएं तलाशने जुट गई है। छत्तीसगढ़ में अगले वर्ष नवंबर में राज्य विधानसभा के चुनाव हैं। कांग्रेस व भाजपा की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। आम आदमी पार्टी भी पीछे नहीं है। पार्टी के गुजरात प्रभारी व मूलत: छत्तीसगढ़ निवासी सांसद संदीप पाठक, प्रदेश प्रभारी संजीव झा व दिल्ली की आप सरकार के मंत्री गोपाल राय के हाल ही के छत्तीसगढ़ दौरे से यह स्पष्ट है कि

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खैरागढ़ उपचुनाव के बहाने यह भी तय प्रतीत होता है कि 2023 के दौरान व्यवस्था के खिलाफ चलने वाली लहर की गति भी धीमी रहेगी….

दिवाकर मुक्तिबोध छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आसानी से ‘सत्ता का कथित सेमीफाइनल ‘ जीत लिया है। खैरागढ़ उपचुनाव को वे सत्ता का सेमीफाइनल ही मानते थे। भाजपा भी इसे सेमीफाइनल मानकर चल रही थी। यहां 12 एप्रिल को मतदान हुआ और 16 को मतगणना के साथ ही यह सीट भी कांग्रेस के खाते में चली गई जो 2018 के विधानसभा चुनाव में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के पास थी। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद यह चौथा उपचुनाव था। इसके पूर्व दंतेवाड़ा , चित्रकोट व मरवाही सीट

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‘मैं अपनी पुस्तकों को बंधक मुक्त कराना चाहता हूं’ साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल की पीड़ा और प्रकाशकों की अकड़…

प्रफुल्ल ठाकुर। प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता व लेखक मानव कौल कुछ दिनों पूर्व देश के सबसे बड़े लेखकों में से एक विनोद कुमार शुक्ल से मिलने रायपुर उनके घर आए. बातों ही बातों में रॉयल्टी पर चर्चा होने लगी. इस पर श्री शुक्ल ने बताया कि उनकी राजकमल से 6 और वाणी प्रकाशन से आई कुल 3 किताबों की सालाना रॉयल्टी औसतन 14 हजार के आसपास मिली है. देश के सबसे बड़े लेखक को इतनी कम रॉयल्टी किसी को भी चौंका सकती है. इस बात को मानव कौल ने अपने इंस्टा

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