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रायगढ़ के डीएम का सरकारी आवास सील… ईडी की कार्रवाई पर सीएम भूपेश का बड़ा बयान सीधी लड़ाई में पिछड़ रही भाजपा इसलिए सेंट्रल एजेंसियों का उपयोग…

इम्पेक्ट न्यूज़। रायपुर। छत्तीसगढ़ में ईडी के छापे को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि भाजपा सीधी लड़ाई नहीं लड़ पा रही है इसलिए सेंट्रल एजेंसियों का सहारा ले रही है। श्री बघेल ने कहा “ईडी-आईटी की कार्रवाई से डराने की कोशिश की जा रही है। आगामी चुनाव तक इस तरह की कार्रवाई होगी लेकिन जनता जान चुकी है कि केंद्र की भाजपा सरकार कैसे सेंट्रल एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।” मुख्यमंत्री ने सवाल किया है कि 6 हजार करोड़ रुपये के चिटफंड घोटाला पर ईडी-आईटी की

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State News

गोमूत्र से तैयार 22,528 लीटर ब्रम्हास्त्र और जीवामृत के विक्रय से 10.05 लाख की आय… गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को अब तक 350.54 करोड़ का भुगतान… हितग्राहियों को 8 करोड़ 13 लाख रूपए का सीएम भूपेश करेंगे गुरुवार को भुगतान

रायपुर, 05अक्टूबर 2022/ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 6 अक्टूबर को मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 8 करोड़ 13 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी करेंगे, जिसमें 16 सितंबर से 30 सितंबर तक गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय किए गए 2.67 लाख क्विंटल गोबर के एवज में 5.34 करोड़ रूपए भुगतान, गौठान समितियों को 1.69 करोड़ और महिला समूहों को 1.11 करोड़ रूपए की लाभांश राशि शामिल हैं।

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Breaking NewsEditorialPolitics

तो क्या छत्तीसगढ़ में भाजपा ने अपनी रणनीति का ऐलान कर दिया है… आदिवासी नहीं अब ओबीसी वोटबैंक लक्ष्य…

सुरेश महापात्र। त्वरित टिप्पणी। छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी ने विश्व आदिवासी दिवस के दिन अपने संगठन का सबसे बड़ा बदलाव कर दिया है। अब प्रदेश में संगठन की कमान आदिवासी के स्थान पर पिछड़ा वर्ग के हाथ सौंप दी गई है। विष्णु देव साय छत्तीसगढ़ में भाजपा के संगठन प्रमुख की भूमिका में थे। उनकी जगह पर बिलासपुर से सांसद अरूण साव को प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया है। विष्णु देव साय भले ही आदिवासी वर्ग से आते हैं पर संगठन की भाषा में वे पूर्व मुख्यमंत्री डा.

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State News

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कैबिनेट सदस्यों ने राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म ‘भूलन, द मेज’ देखी… कहा अब छत्तीसगढ़ में टेक्सफ्री…

उन्होंने निर्माता, निर्देशक, लेखक और फिल्म के कलाकारों को बधाई दी। इम्पेक्ट न्यूज़। रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि यह फिल्म छत्तीसगढ़ के एक गांव के ग्रामीण जीवन को दर्शाती है. भुलन कांडा गांव के जंगलों में प्रचलित एक कहानी पर आधारित है। छत्तीसगढ़ में एक ऐसी प्रचलित मान्यता है कि व्यक्ति एक विशिष्ट पौधे पर कदम रखकर अपना रास्ता भूल जाता है और जंगल में खो जाता है। सिनेमा देखने के बाद क्या कहा सीएम भूपेश बघेल ने देखिए फिल्म में दिखाया गया है कि फिल्म का नायक,

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D-Bastar DivisionEditorial

अरविंद नेताम : बस्तर में आदिवासी जनआंदोलन… उद्योग विरोध और जल—जंगल—जमीन का बुनियादी सवाल उठाने वाला सबसे बड़ा चेहरा…

सुरेश महापात्र। आखिर क्यों हैं निशाने पर बस्तर के सबसे बुजुर्ग कांग्रेसी नेता अरविंद नेताम… से आगे अरविंद नेताम के साथ कांग्रेस के नए विवाद को समझने के लिए थोड़ा पीछे जाने की जरूरत है। 1990 में मध्य प्रदेश में सुंदर लाल पटवा के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी। वर्ष 1991 में बस्तर में औद्योगिकरण को लेकर पहली निजी कंपनी एसएम डायकेम के लिए रास्ता खोला गया। यहां मावलीभाटा में बिना किसी तैयारी के सीधे भूमि पूजन की प्रक्रिया पूरी की गई। इसके बाद जमीन अधिग्रहण को

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District Bastar (Jagdalpur)

बच्चों के आगे CM बने बच्चे : लर्निंग सेंटर में बच्चे ने दिखाए अपने खिलौने… मासूमियत से कहा- आप कूद कर दिखाओ… मुख्यमंत्री ने भी आजमाया हाथ…

इम्पैक्ट डेस्क. 5वी कक्षा के जीवन दास बघेल की प्रतिभा से खुश मुख्यमंत्री ने कहा- आत्मानंद इंग्लिश मीडियम में कराएं एडमिशन कोरोना में स्कूल बंद रहे तो खोला गया खोला सीख केंद्र जगदलपुर । कोरोना काल में जब स्कूल बंद रहने पर बच्चों की सीखने की प्रक्रिया बाधित न हो, इसके लिए कलेक्टर के निर्देश पर गांव के युवकों-युवतियों ने दुबागुड़ा में सीख केंद्र अर्थात लर्निंग सेंटर खोल लिया। इस लर्निंग सेंटर में 32 बच्चों को खेलकूद के साथ ही पढ़ाई भी कराई। बच्चों का इतना समग्र विकास हुआ कि

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AAJ-KALEditorialState News

आखिर क्यों हैं निशाने पर बस्तर के सबसे बुजुर्ग कांग्रेसी नेता अरविंद नेताम…

सुरेश महापात्र। आजादी से करीब पांच बरस पूर्व 1942 में आदिवासी नेताम परिवार में जन्में अरविंद नेताम की उम्र अब करीब 80 बरस की हो गई है। वे अविभाजित मध्य प्रदेश के सबसे बड़े आदिवासी नेता रहे। बस्तर से केंद्रीय मंत्रिमंडल में राज्य मंत्री का पद हासिल करने वाले इकलौते कद्दावर रहे। एक समय था जब छत्तीसगढ़ के शुक्ल बंधुओं श्यामाचरण और विद्याचरण के बराबर खड़े हो गए और दिग्विजय सिंह की सीएम की कुर्सी को चुनौती देते मध्यप्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री की दौड़ का सबसे बड़ा चेहरा बनकर उभरे

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Breaking NewsDistrict Dantewada

दंतेवाड़ा में आदिवासी समाज के सम्मेलन में अरविंद नेताम रहे टार्गेट… पेसा एक्ट से लेकर हर मुद्दे पर खुलकर बोले सीएम भूपेश

इम्पेक्ट न्यूज़। दंतेवाड़ा। अनुसूचित क्षेत्र में पेसा एक्ट लागू है। इसके लिए नियम बनाने का काम नहीं किया गया जिसके लिए नियम बनाने का काम किया जा रहा है। अगली कैबिनेट की बैठक में इसे पास कर दिया जाएगा। उक्त बातें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दंतेवाड़ा के मेंडका डबरा मैदान में आयोजित आदिवासी समाज सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा “पेसा एक्ट से किसी को डरने की ज़रूरत नहीं है। ग्राम सभा को पहले से ही अधिकार दिया गया है। नए नियमों में किन क़ानूनों को ग्राम सभा

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Breaking News

Exclusive: सरई के पत्तल पर चापड़ा चटनी, मुरिया आमट, चापड़ा चटनी, कोलियरी भाजी के साथ तिखुर की बर्फ़ी का आनंद लिया CM भूपेश बघेल ने…

इम्पेक्ट एक्सक्लूसिव। मुख्यमंत्री श्री बघेल पहुँचे बारसूर में किसान रामलाल नेगी के घर उनके साथ किया भोजन। जिसमें आदिवासियों के पारंपरिक भोजन को ग्रहण किया। आज उनके लिए सजाए गए भोजन में सर्च के पत्ते से बनाए गए पत्तल में भोजन किया। उन्हें चावल ( भात ), टोरा की सब्जी, कोलियारी भाजी, आमट, सैगोड़ा ( इड़हर की सब्जी ) चेच भाजी, मड़िया पेज, चरौटा भाजी, जोंदरा ( मक्का ) पेज, आम की चटनी, चापड़ा चटनी पान पुड़गा ( पत्ते में पकाई गयी मछली ) छिंद चटनी, छिंदाड़ी ( छिंद की

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BeureucrateDistrict DantewadaEditorialState News

#BRAND दंतेवाड़ा विकास के ‘दशावतार’ स्वरूप का पर्याय बने ‘दीपक’

सुरेश महापात्र। बीते ढाई दशक में दंतेवाड़ा ने अपने को गढ़ा और अब ब्रांड दंतेवाड़ा ने बदलाव को अंगीकृत किया… अविभाजित मध्यप्रदेश के दौर में 25 मई 1998 को अविभाजित बस्तर जिले का प्रशासनिक तौर पर पहला बंटवारा हुआ तो दक्षिण में दंतेवाड़ा और उत्तर में कांकेर जिला का उदय हुआ। अगले दो दिन के भीतर दंतेवाड़ा का एक पृथक जिला के तौर पर 25वें बरस का सफर शुरू हो जाएगा। 25 बरस पहले के दंतेवाड़ा से लेकर अब के दंतेवाड़ा में एक बड़ा फासला साफ दिखाई देने लगा है।

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