बाढ़ के आगे बेबस हुई ममता… दक्षिण बस्तर में जब मौत के बाद भी अपने घर नही पहुँच पाया नवजात का शव… पुलिस ने फिर जीता दिल…
इम्पेक्ट न्यूज़. सुकमा।
घर से अपनी गर्भवती पत्नी को लेकर अस्पताल पहुँचे नुप्पो जोगा ने कभी सोचा नही था कि उसका बच्चा वापस घर पहुँचेगा। अस्पताल में जन्में जुड़वा में से एक की मौत का पता तब चला जब गर्भवती अस्पताल पहुंची। जुड़वा में एक बच्चा स्वस्थ था पर वह भी घर नहीं पहुंच सका। उसकी मौत घर जाते रास्ते में हो गई। जिसके बाद बाढ़ को देखते हुए पुलिस की मदद से नवजात के शव को केरलापाल में दफनाया गया। किस तरह बाढ़ व हालात के आगे बेबस हुई ममता और जज़्बात। यह दास्तान है नक्सल प्रभावित इलाके चिंतलनार के दंपति की…
चिंतलनार के मोरपल्ली के निवासी श्रीमती नुप्पो पोज्जे पति नुप्पो जोग को प्रसव पीड़ा हुई। जिसके बाद इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया। जहाँ एक बच्चा गर्भ में ही मर गया और दूसरा बच्चा सुरक्षित पैदा हो गया। जिसके बाद कल अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी।
एम्बुलेंस से गाँव तक छोड़ने के लिए भेजा गया। लेकिन केरलापाल के पास बोदागुडा के पास एनएच 30 जाम हो गया जिसके बाद एम्बुलेंस ने उन्हें वही छोड़ दिया। उसके बार अपने छोटे बच्चे के साथ नुप्पो चिकपाल पहुंचा।
जहां थाना प्रभारी शैलेन्द्र नाग ने सभी फंसे हुए लोगों को खाना खिलाया। रात में अचानक बच्चे की तबियत खराब हुई और सुबह नवजात की मौत भी हो गई। जिसके बाद परिजन शव को लेकर गांव जाना चाहते थे। लेकिन रास्ते मे कई जगह बाढ़ के चलते वो गांव नही जा सकते थे। जिसकी जानकारी थाना प्रभारी शैलेन्द्र नाग को लगी। जिसके बाद उन्होंने केरलापाल के ग्रामीणों से बातचीत की और शव को केरलापाल में ही दफना दिया गया।
पुलिस ने जीत लिया दिल
बाढ़ में फंसे हुए लोगों की मदद जवान लगातार कर रहे है। कभी गर्भवती महिला की मदद कर रहे तो कही फंसे हुए लोगों को नाला पार करा रहे हैं। वही केरलापाल में एक नवजात बच्चे की मौत के बाद उसका अंतिम संस्कार कराया गया बल्कि उन्हें पैसा व वाहन की व्यवस्था भी की गई।