छत्तीसगढ़ : नक्सल मोर्चे पर अंतिम लड़ाई! क्या बस्तर में रुक पाएगी हिंसा?
दिवाकर मुक्तिबोध। साल 2015 में बीबीसी से बातचीत के दौरान छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉक्टर रमनसिंह ने कहा था, ‘नक्सली धरती माता के सपूत हैं और उनका मुख्य धारा में बच्चों की तरह स्वागत होगा.’ उन्होंने यह बात वार्ता की संभावना के मद्देनजर कही थी. उनका यह कथन अनायास इसलिए याद आ रहा हैं, क्योंकि बस्तर में केन्द्र व राज्य सरकार का नक्सलियों के खिलाफ जो चौतरफा अभियान चल रहा है, उसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा नक्सलियों को मुख्य धारा में लाना भी है. रमनसिंह की सरकार में सबसे ज्यादा नक्सली
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