महेश गागड़ा ने बीजापुर के जनादेश का अपमान किया है – विक्रम मंडावी
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बीजपुर 05 दिसम्बर . बीजापुर के नवनिर्वाचित विधायक विक्रम मंडावी ने बीजापुर के पूर्व विधायक महेश गागड़ा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुनाव होते है चुनावों के दौरान जनता अपनी मनपसंद से आगामी पाँच वर्षों के लिए अपना जनप्रतिनिधि चुनती है, इसी प्रक्रिया के तहत बीजापुर की जनता ने विधान सभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी विक्रम मंडावी पर अपना भरोसा जताते हुए लोकतांत्रिक रूप से अपना जनप्रतिनिधि चुन लिया है। लेकिन भाजपा के पूर्व विधायक महेश गागड़ा का अपने प्रेसवार्ता में चुनाव को लेकर दिया गया बयान बीजापुर के मतदाताओं द्वारा कांग्रेस पार्टी को दिये गये जनादेश का अपमान है।
अपने प्रेसवार्ता में विक्रम मंडावी ने कहा कि पूर्व विधायक और भाजपा प्रत्याशी रहे महेश गागड़ा लगातार दो बार चुनाव हार चुके है इसी हार से बौखलाकर बीजापुर में शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुए चुनावों पर उलजुलूल बयानबाजी कर बीजापुर जिले के मतदाताओं का अपमान करने में लगे है। विक्रम मंडावी ने प्रेस वार्ता में यह भी कहा कि वर्ष 2008 और 2013 में वे भी विधायक निर्वाचित हुए थे और भाजपा की सरकार भी बनी थी वे मंत्री भी बन गये तो क्या पूर्व विधायक महेश गागड़ा को उस समय के जिले के कलेक्टर और एस.पी. ने उन्हें चुनाव जिताया था या फिर बीजापुर ज़िले की जनता ने चुनाव जिताया था उन्हें इस बात का खुलासा करना चाहिए। विक्रम मंडावी ने प्रेस वार्ता में कहा “वास्तविकता यह है कि महेश गागड़ा को मिली स्वयं की हार और कांग्रेस पार्टी को मिली जीत को वे पचा नहीं पा रहे है लगातार दो बार मिली हार से बौखलाकर मनगढ़ंत बयानबाजी कर अपनी ज़िम्मेदारी से बचने का प्रयास कर रहे है इस तरह के स्तरहीन बयानबाज़ी करके पूर्व विधायक महेश गागड़ा ने बीजापुर की जनता के जनादेश का अपमान किया है इसलिए पूर्व विधायक महेश गागड़ा को बीजापुर की जनता से माफ़ी माँगनी चाहिए।