दूसरे प्रदेश से आए मजदूरों को गांव से दूर रखा गया… स्वास्थ्य जांच के बाद खेत मे रखा गया… पंचायत की तरफ ने दिया राशन…
सत्यनारायण चांडक. (छत्तीसगढ़) सुकमा.
एक और कोरोना को लेकर लगातार देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री जागरूक करने के लिए अभियान चला रहे है जिसका असर ग्रामीण इलाकों में देखने को मिल रहा है। गांव-गांव के सचिव दूसरे प्रदेशों से आ रहे मजदूरों को ना सिर्फ मेडिकल चेकअप करवाया जा रहा बल्कि एतिहात बरतते हुए गांव से दूर रखा जा रहा है।
जिले के पाखेला पंचायत में कल दूसरे प्रदेश में मजदूरी करने गए करीब एक दर्जन मजदूर अपने गाँव लौटे। जिसकी जानकारी मिलते है ग्रामीण और सचिव बस स्टैंड पहुँचे और मजदूरों को वही रोका गया। उसके बाद मेडिकल टीम को सूचना दी गई। मेडिकल टीम ने सभी मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और सभी स्वस्थ्य होने की बात कही गई। उसके बाद ग्रामीणों से उन सभी को गांव के समीप एक लोड़ी (खेत) में बनी झोपड़ी में रखा गया।
पंचायत दे रहा राशन
उन सभी मजदूरों को गांव से दूर खेत मे रखा गया है। और उनके खाने-पीने के लिए पंचायत की और से राशन दिया जा रहा है। स्वस्थ्य जांच के बाद भी 14 दिन तक गांव से दूर रखा जाएगा।
हर सचिव यही कर रहा है
वही जिला प्रशासन की और से सभी सचिवों को सूचना दी गई है कि बाहर से आ रहे मजदूरों का पहले स्वास्थ्य जांच कराया जाए उसके बाद ही गांव में घुसने दिया जाए।
काफी संख्या में बाहर करते है मजदूरी
जिले के अलग अलग जगहों से काफी आदिवासी मजदूरी के लिए दूसरे प्रदेशों में जाते है। खासकर मिर्ची तोड़ने के लिए तेलंगाना, आंध्रप्रदेश में ज्यादा संख्या में जाते है।
सीमाएं सील
सुकमा जिला ओडिसा, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना से लगा हुआ है। इसलिए प्रशासन की और से सीमाएं सील कर दी गई है। बाहर से भी वाहनों को आने नही दिया जा रहा है साथ ही जो लोग आ भी रहे है उनका स्वास्थ्य जांच किया जा रहा है।
कलेक्टर चंदन कुमार ने कहा है कि राज्य सरकार के निर्देश का पालन जिला प्रशासन कर रहा है। सभी सचिवों को निर्देश दिए गए है कि कोई भी बाहर से आता है तो उसका स्वास्थ्य जांच कराया जाए। उसके बाद उन्हें गाव के समीप रखा जाए। अगर वो घर मे भी रहे तो परिजनों से एक मीटर की दूरी बनाकर रहे। साथ ही बार बार हाथ धोने और कोरोना को लेकर जो एहतियात बरतना चाहिए उसका निर्देश दिया गया है।