हत्याओं से सामने आया जुडूम के दौर में मची हिंसा का मंजर, बीजापुर में एक माह के भीतर सर्वाधिक हत्याएं, बड़ा सवाल: नक्सलवाद पर अंकुश कब तक…?
गणेश मिश्रा. बीजापुर। नक्सली नेता रमन्ना की मौत के बाद बस्तर से माओवादियों के पांव उखड़ने के कयास लगाए जा रहे थे। यह पुख्ता और भी हो गया था जब माओवादियों के थिंक टैंक के रूप में चर्चित गणपति के समर्पण की बात आई थी, हालांकि माओवादियों की तरफ से इसे खारिज किए जाने के बाद अटकलों पर विराम लग गया है। रमन्ना की मौत से नक्सली वारदातों में कमी आने जैसे पुलिसिया दावा फेल हो गया है। बीते एक महीने के भीतर बीजापुर में नक्सली नरसंहार की जो भयावह
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