District Beejapur

सीईओ की जांच कमेटी पर ही उठ रहे सवाल, मामला उद्वहन सिंचाईं योजना में भ्रष्टाचार का, ताटी का कहना है कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने पांच सदस्य जांच कमेटी का गठन किया ही नहीं

बीजापुर।। ग्राम अर्जुनल्ली उदवहन सिंचाई योजना के संबंध में की गई शिकायत को लेकर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा दिए गए बयान को हास्यास्पद एवं गैर जिम्मेदाराना करार देते हुए क्षेत्रीय जिला पंचायत सदस्य बसंत राव ताटी ने कई सवाल उठाएं है। ताटी का कहना है कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने पांच सदस्य जांच कमेटी का गठन किया ही नहीं, परंतु इन्होंने अपने कार्यालयीन आदेश क्रमांक/1827/ जि0पं0/ बैठक शाखा/2020-21 बीजापुर दिनांक 11-09-2020 के द्वारा तीन सदस्यों को जांच अधिकारी नियुक्त किया है । इस कमेटी में जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता जे.पी सुमन, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यपालन अभियंता एम.पी खरे तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता जगदीश कुमार को शामिल किया गया है । इस जांच कमेटी मैं जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष को शामिल किया ही नहीं गया, लेकिन अब मुख्य कार्यपालन अधिकारी मीडिया के माध्यम से झूठ बोल रहे हैं। ताटी ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी से सवाल करते हुए कहा कि यदि आपने पांच सदस्यों वाली जांच कमेटी बनाया तो इसकी सूचना क्षेत्रीय जिला पंचायत सदस्य जो कि स्वयं शिकायतकर्ता भी है को इसकी सूचना क्यों नहीं दी गई? ताटी ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी के उस बयान पर भी पलटवार करते हुए कहा की कार्यालय जिला पंचायत मे तकनीकी जानकार आर.ई.एस विभाग के होते हुए ऐसी क्या मजबूरी थी कि इन्हें जल संसाधन विभाग पर अधिक विश्वास करना पड़ा। ताटी ने यह भी कहा की ग्रामीण विकास से संबंधित तकनीकी कार्यों के देख रेख के लिए क्या आर.ई.एस विभाग सक्षम नहीं है? मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने मनरेगा के तहत ग्राम अर्जुनल्ली में स्वीकृत रिटर्निंग वाल निर्माण कार्य में बड़े पैमाने पर किए गए भ्रष्टाचार मैं संलिप्त अधिकारी को क्या बचाने का प्रयास कर रहे हैं? यदि नहीं तो मनरेगा के तहत ग्राम अर्जुनल्ली में चल रहे निर्माण कार्य को समय-समय इनके द्वारा देखरेख करने से अनदेखी क्यों की गई? ताटी ने कहा कि जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा ग्राम अर्जुनल्ली में रिटरनिंग वॉल के लिए जारी प्रशासकीय स्वीकृति आदेश में भी असमंजस की स्थिति है एक तरफ सरपंच-सचिव ग्राम पंचायत अर्जुनल्ली को कार्य एजेंसी बनाया गया है वही दूसरी तरफ जल संसाधन विभाग को क्रियान्वयन एजेंसी बनाकर कई संदेहो को जन्म दिया है कुल मिलाकर जिला पंचायत द्वारा जारी प्रशासकीय आदेश अपने आप में विसंगति पूर्ण प्रतीत होता है।

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