आदिवासी नृत्य महोत्सव के दूसरे दिन देश विदेश से नर्तक दलों की रंगारंग और मनमोहक प्रस्तुतियों ने बांधा समां…
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इंपेक्ट डेस्क.
आदिवासी महोत्सव के दूसरे दिन विविध राज्यो के बीच लोक नृत्य की प्रतियोगिता का सिलसिला शुरू हो चुका है। पहली प्रस्तुति उत्तराखंड के लोक नृत्य दल ने दी। दूसरी प्रस्तुति छत्तीसगढ़ के कर्मा नृत्य की धूम रही। मांदर की थाप के साथ महिलाओं, पुरुषों ने हाथों में डंडा और मोर पंख, तीर कमान, भाला, बरछी लेकर मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति दी।
इसे गंडई के जय महादेव कर्मा नृत्य दल ने पेश किया। यह नृत्य भादो शुक्ल पँचमी पर नुवाखाई के दौरान किया जाता है। पुरखा के देवता गीत को मधुर स्वर में गाते हुए उत्साह से नर्तक दल झूम उठा। कार्यक्रम सुबह 9.30 बजे शुरू हुआ है। अलग अलग सत्र में अनेक राज्यों के दल प्रस्तुति देंगे।
इससे पहले पहली प्रस्तुति उत्तराखंड के दल ने झिंझि हन्ना के रूप में दी गई थी। तीसरी प्रस्तुति तेलंगाना की हो रही है। इस नृत्य का नाम गुसारी है, जिसे शरद पूर्णिमा पर किया जाता है, जो दीपावली तक चलता है। इसके अलावा मिजोरम के कलाकार प्रस्तुतिकी तैयारी करने के लिए रिहर्सल किया।