मलेरिया मुक्त अभियान…ट्रेक्टर से नदी-नाला पार कर नक्सलगढ़ में स्वास्थ्य टीम की दस्तक…ग्रामीणों का स्वास्थ्य जांच…
इम्पेक्ट न्यूज़.सुकमा।
इन दिनों नक्सलगढ़ से काफी सुखद तस्वीरे सामने आ रही है। ठीक ऐसी यह तस्वीर है घोर नक्सल प्रभावित इलाक़ा पोलमपाढ़, तिम्मापुरम की है जहां स्वास्थ्य अमला ट्रेक्टर में नदी-नाले पार कर पहुँचा। मलेरिया मुक्त अभियान के तहत स्वास्थ्य अमला ने इन इलाकों में दस्तक दी है। यहां ग्रामीणों का स्वास्थ्य जांच उपरांत इलाज किया गया।
जिले में सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित कोंटा ब्लाक है जहां अधिकांश गांव प्रशासन की पकड़ से दूर है। आज भी उन इलाकों में नक्सलियों की हुकूमत चलती है। लेकिन इस बीच उन इलाकों में मलेरिया मुक्त अभियान के तहत स्वास्थ्य अमला ने दस्तक दी है। पहली बार मलेरिया मुक्त अभियान अंतिम छोर तक पहुँच रहा है। ब्लाक के पोलमपाढ़, पेदाबोड़केल, तिम्मापुरम व मोरपल्ली जैसे इलाको में स्वास्थ्य विभाग की टीम ट्रेक्टर से पहुँची। यहां पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 2076 ग्रामीणों की जांच की गई। जिसमें 15 ग्रामीण मलेरिया से पीड़ित मिले और 19 अन्य बीमारी के मरीज मिले। डॉक्टरों ने इन मरीजो को दवा दी और स्वास्थ्य को लेकर जागरूक भी किया। इसके अलावा कोरोना संक्रमण के बारे में बताया सावधानी बरतने की सलाह के साथ शोसल डिस्टेंस के बारे में भी जानकारी दी।
नदी-नाला पार कर पहुँची टीम
बारिश के दिनों में जिले के कई हिस्सों में स्थित नदी-नाले उफान लर रहते है। चिंतलनार से ट्रेक्टर पर सवार होकर निकली स्वास्थ्य विभाग की टीम को मोरपल्ली से पहले बरसाती नाला मिला। जिसमे काफी पानी था। लेकिन टीम ने आगे बढ़ते हुए नाला पार कर गांव तक पहुँचे। और अपना काम कर वापस लौटे।
इम्पेक्ट से चर्चा करते हुए कलेक्टर चंदन कुमार ने बताया कि मलेरिया मुक्त अभियान चल रहा है। ऐसे में गांव गांव स्वास्थ्य टीम पहुँच रही है। आगामी 30 जुलाई तक मलेरिया मुक्त करने का लक्ष्य है। जिसके मद्देनजर स्वास्थ्य टीम ग्रामीण इलाकों में जाकर जांच कर रही है। और मलेरिया जांच के अलावा अन्य उपचार भी कर रही है।