CG breaking

गोधन न्याय योजना पहला भुगतान : मुख्यमंत्री ने अंतरित किए 1.65 करोड़ रूपए… 46 हजार 964 गोबर विक्रेताओं को मिला लाभ…

  • गोधन न्याय योजन से बारहों महीने मिलेगा रोजगार: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
  • शहीद महेन्द्र कर्मा के नाम पर तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना का शुभारंभ
  • प्रदेश के 12.50 लाख तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को मिलेगा लाभ
  • शहीद महेन्द्र कर्मा को उनकी जयंती पर दी गई श्रद्धांजलि
  • मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गोबर विक्रेताओं से की चर्चा

इम्पेक्ट न्यूज. रायपुर।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि गोधन न्याय योजना देश-दुनिया की एक अनूठी योजना है। इस योजना पर सभी लोगों की निगाह है। उन्होंने कहा कि येाजना के शुरूआत के एक पखवाड़े के भीतर इसके उत्साह जनक परिणाम देखने और सुनने को मिल रहे हैं। यह योजना ग्रामीणों, किसानों और पशुपालकों के जीवन में बदलाव लाने वाली तथा लोगों को बारहों महीने रोजगार देने वाली योजना है।

मुख्यमंत्री श्री बघेल आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित गरिमामय कार्यक्रम में राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी ‘गोधन न्याय योजना’ के तहत गोबर खरीदी के पहले भुगतान का शुभारंभ करते हुए उक्त बातें कही। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 46 हजार 964 गोबर विक्रेताओं के खाते में एक करोड़ 65 लाख रूपए की राशि आनलाइन अंतरित की।

कार्यक्रम की शुरूआत में शहीद महेन्द्र कर्मा की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके नाम पर प्रदेश में ‘तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना‘ का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व मंत्री और लोकप्रिय नेता शहीद महेंद्र कर्मा की जयंती पर उनके तैलचित्र पर माल्यार्पण उन्हेें विनम्र श्रद्धंाजलि दी। इस अवसर पर मंत्रिमंडल के सभी सदस्यगणों ने भी शहीद श्री कर्मा को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा है कि श्री महेन्द्र कर्मा बस्तर टाइगर के नाम से जाने जाते थे, वे आदिवासियांे के हक की हर लड़ाई में दमदारी से खड़े रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना देश-दुनिया में अपने तरह की पहली अनूठी योजना है, जिसमें पशुपालकों, किसानों से 2 रूपए प्रति किलो की दर पर गौठानों में खरीदी की जा रही है। इस योजना के माध्यम से एक ओर जहां पशुपालकों को आर्थिक लाभ होगा, दूसरी ओर प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। इस योजना से लोगों को कई फायदे मिलेंगे। इससे गांवों में बारह महीने लोगों को रोजगार सुलभ होगा। गोबर विक्रय करने से ग्रामीणों, किसानों और पशुपालकों को नियमित आमदनी होगी। इसके अलावा गौठानों में गोबर से वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन होगा।

खुले में चराई पर रोक लगेगी और किसान एक से अधिक फसलों का उत्पादन कर सकेंगे। इससे पशुओं के संरक्षण तथा संवर्धन को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि राज्य के हर गौठानों में रोजगार ठौर स्थापित किए जाएंगे। गौठानों में इसके लिए एक-एक एकड़ जमीन को आय मूलक व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन के लिए सुरक्षित रखा जाएगा। इनमें समूहों के सदस्य गोबर से वर्मी कम्पोस्ट के अलावा गौमूत्र से फिनाईल तथा औषधि का निर्माण, साबुन, अगरबत्ती का निर्माण, धान कुट्टी मशीन के माध्यम से चावल निकालने और सिलाई मशीन के माध्यम से सिलाई-बुनाई आदि जैसी विभिन्न गतिविधियों का प्रशिक्षण एवं संचालन सुगमता से कर सकेंगे और इससे उन्हें गांव में ही रोजगार और जीवन यापन का जरिया मिलेगा।

इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने जशपुर, जांजगीर-चांपा, सुकमा, बलौदाबाजार जिले कीे विभिन्न गौठान समितियों, स्व-सहायता समूह की महिलाओं, पशुपालक एवं गोबर विक्रेताओं से गोधन न्याय योजना के संबंध में विस्तार से चर्चा की।

कार्यक्रम के शुभारंभ में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने गोधन न्याय योजना की अब तक की गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की परिकल्पना आज मूर्तरूप ले चुकी है। यह योजना ग्राम पंचायतों के बाद गांव तक विस्तारित होगी। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना के तहत 20 जुलाई से 1 अगस्त तक राज्य में कुल 4140 गौठानों में पंजीकृत 65 हजार 694 हितग्राहियों में से 46 हजार 964 हितग्राही द्वारा 82 हजार 711 क्विंटल गोबर का विक्रय किया गया, जिसकी कुल राशि 2 रूपए प्रति किलो की दर से 1 करोड़ 65 लाख रूपए पशुपालकों के बैंक खातों में जमा की गई है।

इस योजना से 38 प्रतिशत महिला हितग्राही, 48 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग, 39 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति, 8 प्रतिशत अनुसूचित जाति एवं 5 प्रतिशत सामान्य वर्ग के हितग्राही लाभान्वित हुए हैं। गोबर खरीदी का आगामी भुगतान 20 अगस्त को किया जाएगा। कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम. गीता ने प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि इस योजना के अंतर्गत राज्य के रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, धमतरी और बालोद जिलों में सबसे अधिक गोबर विक्रय किया गया है। इसी प्रकार नगरीय क्षेत्रों में रायपुर एवं दुर्ग के पशुपालकों ने सबसे ज्यादा गोबर विक्रय किया गया है।

प्रदेश में शुरू हुई शहीद महेन्द्र कर्मा तेन्दूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना

प्रदेश में आज से शुरू हुई शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना में तेंदूपत्ता संगहण कार्य में लगे पंजीकृत संग्राहक परिवार के मुखिया (50 वर्ष से अधिक आयु न हो) की सामान्य मृत्यु पर नामांकित व्यक्ति अथवा उत्तराधिकारी को 2 लाख रूपए की अनुदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी। दुर्घटना से मृत्यु होने पर दो लाख रूपए अतिरिक्त प्रदान किया जाएगा। दुर्घटना में पूर्ण विकलांगता की स्थिति में 2 लाख रूपए और आंशिक विकलांगता की स्थिति में एक लाख रूपए की सहायता अनुदान राशि दी जाएगी।

वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने तेन्दूपत्ता संग्राहकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए विशुद्ध रूप से वन विभाग द्वारा संचालित होने वाली शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि तेन्दूपत्ता संग्राहकों को बीमित किए जाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा संचालित बीमा योजना के बंद होने के कारण प्रदेश सरकार द्वारा यह सामाजिक सुरक्षा योजना तेन्दूपत्ता संग्राहकों के लिए शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि वन विभाग द्वारा संचालित इस योजना के तहत बीमा दावा के प्रकरणों का तत्परता से निराकरण एवं पीडि़त परिवार को एक माह के भीतर दावा राशि का भुगतान हो सकेगा।

संग्राहक परिवार के मुखिया की 50 से 59 आयु वर्ष के बीच सामान्य मृत्यु होती है, तो 30 हजार रूपए, दुर्घटना में मृत्यु होने पर 75 हजार रूपए, दुर्घटना में पूर्ण विकलांगता की स्थिति पर 75 हजार रूपए और आंशिक विकलांगता की स्थिति में 37 हजार 500 रूपए की सहायता अनुदान राशि परिवार के नामांकित व्यक्ति अथवा उत्तराधिकारी को दी जाएगी।

इस अवसर पर मंत्री सर्वश्री रविन्द्र चौबे, मोहम्मद अकबर, ताम्रध्वज साहू, टीएस. सिंहदेव, डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, डॉ. शिव कुमार डहरिया, कवासी लखमा, गुरू रूद्र कुमार, अमरजीत भगत, श्रीमती अनिला भेंडि़या, संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी एवं चंद्रदेव राय, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, रूचिर गर्ग, विनोद वर्मा, मुख्य सचिव आरपी. मण्डल, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू एवं अमिताभ जैन, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम. गीता, वन विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *