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अक्षय तृतीया लक्ष्मी मंत्र: इस पर्व पर कैसे करें देवी लक्ष्मी का आह्वान

अक्षय तृतीया का शास्‍त्रों में बहुत खास महत्‍व माना गया है। हिंदू धर्म की मान्‍यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया पर मां लक्ष्‍मी को प्रसन्‍न करने के लिए कुछ मंत्रों का जप करने से आपको शुभ फल की प्राप्ति होती है और मां लक्ष्‍मी आप पर कृपा बरसाती हैं। अक्षय तृतीया पर वि‍धि विधान से मां लक्ष्‍मी की पूजा करें और उनके कुछ विशेष मंत्रों का जप करें। आइए जानते हैं कौन-कौन से हैं ये मंत्र।

लक्ष्मी बीज मंत्र
ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥

अक्षय तृतीया पर मां लक्ष्‍मी को प्रसन्‍न करने के लिए 108 बार लक्ष्‍मी बीज मंत्र का जप करें। इस मंत्र का जप करने से आपके ऊपर मां लक्ष्‍मी की कृपा बनी रहती है और घर में सुख समृद्धि बढ़ती है।

महालक्ष्‍मी मंत्र

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥
मां लक्ष्‍मी को प्रसन्‍न करने के लिए और धन की कमी को दूर करने के लिए अक्षय तृतीया के दिन से इस मंत्र का जप आरंभ करें और रोजाना करें तो आपके घर में मां लक्ष्‍मी का वास होगा और साथ ही बरकत भी होगी।

लक्ष्‍मी गायत्री मंत्र

ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥
अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर लक्ष्‍मी गायत्री मंत्र का जप करने आपके यश और गौरव में इजाफा होगा। आपके घर में मां लक्ष्‍मी का आगमन होगा और परिवार के लोगों की तरक्‍की होने लगेगी। करियर में आपके घर के सभी लोग उन्‍नति करेंगे और आपका भाग्‍य साथ देगा।

कनकधारा स्‍त्रोत

अक्षय तृतीया के दिन कनकधारा स्‍त्रोत का जप करने से आपके घर में शुभता बढ़ती है। मान्‍यता है कि आदिगुरु शंकराचार्य ने इसी मंत्र का जप करके अक्षय तृतीय पर सोने की वर्षा करवाई थी। अपने घर में धन वृद्धि के लिए आप भी अक्षय तृतीया पर इस मंत्र का जप करें तो आपको भी लाभ होगा।

लक्ष्‍मी स्‍त्रोत

पौराणिक मान्‍यताओं में लक्ष्‍मी स्‍त्रोत का खास महत्‍व बताया गया है। मान्‍यता है कि इस स्‍त्रोत की रचना स्‍वयं देवराज इंद्र ने की थी। इसके प्रताप से उन्‍हें इसका खोया हुआ राजपाट वापस मिला था। लक्ष्‍मी स्‍त्रोत का पाठ अक्षय तृतीया के दिन करना बहुत ही प्रभावशाली माना जाता है। इसको आरंभ करने से पहले पूरे घर को गंगाजल से पवित्र करना चाहिए।

श्रीसूक्‍त ऋग्वेद में श्रीसूक्‍त का पाठ करने के लाभ के बारे में विस्‍तार से बताया गया है। इसका पाठ अक्षय तृतीया और धनतेरस पर करना बहुत ही शुभफलदायी माना जाता है। इसको करने से मां लक्ष्‍मी आपके सभी आर्थिक कष्‍टों को दूर करती हैं।