डिमरापाल मेडिकल कॉलेज झेल रहा स्टाफ की कमी : कर्मचारियों में रोष, तीन दिन तीन घंटे कार्य बहिष्कार का एलान…
इम्पैक्ट डेस्क.
मेडिकल कॉलेज डिमरापाल में स्टाफ नर्स की कमी को लेकर छत्तीसगढ़ परिचारिका कर्मचारी कल्याण संघ के द्वारा 3 दिनों तक रोजाना 3 घंटे तक काम को बंद करते हुए रोष व्यक्त किया जाएगा। इस मामले को लेकर संघ के द्वारा संयुक्त संचालक सह अधीक्षक शहीद महेंद्र कर्मा स्मृति चिकित्सालय को ज्ञापन भी सौप चुके हैं।
छत्तीसगढ़ परिचारिका कर्मचारी कल्याण संघ के उप प्रांताध्यक्ष अनशिला बैंस ने बताया कि 13 जून से 15 जून तक रोजाना सुबह 10 बजे से लेकर एक बजे तक काम को बंद किया जाएगा। अगर जल्द ही मांग को पूरी नहीं किया जाएगा तो संघ को अनिश्चितकालीन हड़ताल करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
संघ के सदस्यों ने यह भी बताया कि डिमरापाल में निरंतर स्टाफ की कमी एक बड़ा रूप ले चुकी है। जिसकी वजह से स्टाफ नर्स को अपनी क्षमता से अधिक काम करना पड़ रहा है। जिसकी वजह से शारीरिक व मानसिक रूप से ग्रसित हो रहे हैं। इसके अलावा देखा जाए तो स्टाफ की कमी को लेकर कई बार अधिकारियों के पास मामले की जानकारी देने के बाद भी कोई भी परिणाम सामने नहीं आया है।
एकता की है कमी
कुछ स्टाफ नर्स ने नाम न छापने की शर्त में बताया कि हमारे यहां एकता की कमी है, जिसके कारण कोई भी खुलकर विरोध नहीं कर पाता है, अगर आधे से ज्यादा लोग हड़ताल करते भी हैं तो बाकी के लोग अपने वार्ड में ड्यूटी करते नजर भी आते हैं।
जल्द आ जाती है नाइट ड्यूटी
स्टाफ नर्स ने यह भी बताया कि वार्ड में ज्यादा स्टाफ होने के कारण महीने में एक बार नाइट ड्यूटी लगाई जाती थी, लेकिन लगातार स्टाफ नर्स के तबादले, नियमित होने व अन्य कारणों के चलते कई स्टाफ कम हो गए हैं। जिसके कारण अकेले की ही ड्यूटी लगाई जाती है।
दिन हो या दोपहर करते हैं अकेले ड्यूटी
स्टाफ नर्स की सबसे बड़ी समस्या यह है कि एक वार्ड में बिस्तर भले ही 30 रहते हैं, लेकिन वहां पर क्षमता से अधिक मरीजों को भर्ती किया जाता है। ऐसे में अकेले स्टाफ नर्स को डॉक्टर को राउंड कराने से लेकर मरीजों को इंजेक्शन, से लेकर अन्य इलाजों के लिए अकेले ही देखना पड़ता है।
100 से अधिक है नियमित स्टाफ नर्स
बताया जा रहा है की इस मेडिकल कॉलेज डिमरापाल में देखा जाए तो 100 से अधिक नियमित स्टाफ नर्स कार्यरत हैं। लेकिन हक की लड़ाई में इसमें भी संख्या में कमी देखने को मिलने वाली है। जिसके कारण अधिकारी तक इनकी आवाज नहीं पहुंच पाने व वार्ड में समस्या नहीं हो पाने के कारण इनके अधिकारों के ऊपर अधिकारी ध्यान नहीं दे पाते हैं।
विधायक से लेकर मंत्री तक को दे चुके हैं ज्ञापन
मेडिकल कालेज डिमरापाल 2018 में शुरू किया गया था। उस समय भाजपा का शासन काल चल रहा था। उस समय से लेकर अब कांग्रेस के शासन काल तक जब भी मुख्यमंत्री से लेकर अन्य मंत्री बस्तर दौरे पर आए हैं। तब तक स्टाफ नर्स की भर्ती को लेकर ज्ञापन भी सौंपा गया, इस बदले उन्हें आश्वाशन तो मिला लेकिन स्टाफ की पूर्ति आज तक नहीं हो पाई है। जिसके कारण लगातार स्टाफ नर्स बढ़ते कार्य के लगातार बीमार हो रहे है।