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खुलासा : जिन नंबरों से युवती को करते थे व्हाट्सएप कॉल… उन पर लगा देते थे आईपीएस अधिकारियों के फोटो… झांसा देकर चीनी एप से बनाते थे शिकार… 16 डेबिट कार्ड, 22 चेकबुक, 26 पासबुक, 20 मोबाइल, तीन लैपटॉप, 11 लाख बैंक खातों में फ्रीज, तीन कारें और चार लाख कैश बरामद…

इंपैक्ट डेस्क.


दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट ने एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह के आठ भारतीय ठगों को देश के अलग-अलग हिस्सों से गिरफ्तार किया है, जो चीन के एप से लोन दिलाने के नाम पर ब्लैकमेलिंग कर रहे थे। अब तक लाखों लोगों से हजारों करोड़ की ठगी की जा चुकी है। एक बैंक खाते से पता चला है कि महज 15 दिनों में उसमें 8.25 करोड़ रुपये जमा हुए। ऐसे 25 खातों का पता चला है। पुलिस ने इनके पास से 16 डेबिट कार्ड, 22 चेकबुक, 26 पासबुक, 20 मोबाइल, तीन लैपटॉप, 11 लाख बैंक खातों में फ्रीज, तीन कारें और चार लाख कैश बरामद किए हैं। भारत में बैठे गैंग के गुर्गे ठगी कर रकम को क्रिप्टो करेंसी में बदलकर चीनी नागरिकों को हांगकांग, दुबई और चीन भेज रहे थे। आईएफएसओ यूनिट के पुलिस उपायुक्त केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि पिछले दिनों दिल्ली की एक युवती ने ब्लैकमेल कर वसूली की शिकायत पुलिस से की थी। पीड़िता ने बताया कि उसने गूगल प्ले स्टोर के जरिये लोन लेने के लिए कैश एडवांस नामक एप डाउनलोड किया था। एप पर दावा किया गया था कि बेहद कम ब्याज दरों पर लोन दिया जाएगा। यदि 90 दिनों के भीतर रकम वापस कर दी तो उस पर कोई ब्याज भी नहीं लगेगा।

पीड़िता ने कुछ रुपये एप के जरिये लोन ले लिया। इस दौरान मोबाइल का डाटा एप के जरिए चोरी कर लिया गया। आरोपियों ने उसके व्हाट्सएप पर उसकी कुछ फर्जी तरीके से बनाई हुई अश्लील तस्वीरें भेजी। पीड़िता को ब्लैकमेल कर मोटी रकम की डिमांड की जाने लगी। पीड़िता की शिकायत पर आईएफएसओ यूनिट ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की।

परत-दर-परत गिरफ्तारी
13 मार्च को इंस्पेक्टर मनोज कुमार व अन्यों की टीम ने पीतमपुरा और रोहिणी इलाके से रोहित कुमार, विविध कुमार, पुनीत और मनीष को गिरफ्तार कर लिया। पुनीत से पूछताछ के बाद उसकी पत्नी दिव्या को पकड़ा गया। इन सभी से पूछताछ हुई तो अगले दिन जोधपुर (राजस्थान) से कृष्णा उर्फ रवि शंकर को दबोच लिया गया। यह भारत में सभी का सरगना था। इसका काम चीन में बैठे आकाओं को बैंक खाते उपलब्ध कराना था।

यह लोग ठगी की रकम को बैंक खातों से क्रिप्टो करेंसी में बदलकर चीन व दूसरे देशों में बैठे अपने आकाओं को भेजते थे। पुलिस ने तीन चीनी नागरिकों की पहचान की है। इनसे पूछताछ के बाद पुलिस ने बाद में गुरुग्राम से सुमित को गिरफ्तार किया। सुमित से पूछताछ के बाद कॉल सेंटर चलाने वाले प्रमुख कार्तिक पांचाल उर्फ दीपक को भी दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया।

क्रिप्टो करेंसी में बदलकर भेजते थे विदेश
आरोपियों ने खुलासा किया है कि भारत में इन लोगों ने कई लोगों को लालच देकर उनके करंट और बचत खाते खुलवाए हुए हैं। इन खातों को एक मुश्त रकम देकर खरीद लिया जाता था। ठगी की रकम को उन खातों में ट्रांसफर कर लिया जाता था। इसके बाद क्रिप्टो करेंसी में बदलकर विदेश भेजा जाता था। यहां कॉल सेंटर में बैठे कॉलर लोगों को एप के जरिये आसान लोन दिलवाने की कॉल भी करते थे। समय-समय पर एप के नाम भी बदल दिए जाते थे, लेकिन इनके काम एक से ही रहते थे।

आईपीएस अधिकारियों के फोटो का इस्तेमाल
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि जिन मोबाइल नंबरों से युवती को व्हाट्सएप कॉल की जाती थी उन पर कुछ सीनियर आईपीएस अधिकारियों के फोटो लगे आते थे। पीड़ितों को अलग-अलग व्हाट्सएप नंबरों से कॉल किए जा रहे थे। युवती ने जिन खातों में रकम भेजी थी वह दिल्ली के बालाजी टेक्नालॉजी के खाते में गई थी।

पुलिस उस पते पर पहुंची तो वहां बालाजी कंपनी की जगह एक पंक्चर बनाने की दुकान मिली। कंपनी का करंट अकाउंट रोहित कुमार नामक शख्स के नाम पर मिला। उसके खाते में 15 दिनों के भीतर 8.25 करोड़ का लेनदेन हुआ।