ग्रेहाउंड और कोबरा के ऑपरेशन में नक्सली लीडर हिडमा की मौत…? हैदराबाद से पुलिस का बयान जारी…?
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इम्पेक्ट न्यूज़। रायपुर।
धुर नक्सल प्रभावित तेलंगाना सीमा पर कोंटा इलाके में सुबह से ही किसी बड़ी कार्रवाई के संकेत मिल रहे हैं। इस बीच कथित तौर पर हैदराबाद पुलिस का एक बयान सोशल मीडिया में प्रसारित हो रहा है। जिसमें माओवादियों के बड़े लीडर हिडमा की मौत का दावा है।
हैदराबाद: माओवादी सेंट्रल कमेटी के सदस्य हिड़मा की हत्या कर दी गई. बीजापुर-तेलंगाना सीमा पर हुई मुठभेड़ में हिडमा मारा गया। तेलंगाना ग्रेहाउंड्स और सीआरपीएफ कोबरा ने मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।
43 वर्षीय, पतली माओवादी, हिडमा ने लगभग एक दशक में दंडकारण्यम में सबसे अधिक संख्या में पुलिसकर्मियों की हत्या की है। दक्षिण बस्तर क्षेत्र के सुकमा जिले के पुवर्ती गांव की मूल निवासी हिड़मा वहां की आदिवासी जनजाति से संबंध रखती है. मदवी हिड़मा 1996-97 में 17 साल की उम्र में माओवादी पार्टी में शामिल हुईं। उनके उपनाम हिडमल्लू और संतोष भी हैं।
हिडमा माओवादियों की सशस्त्र शाखा PLGA (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) में एक प्रमुख नेता बन गया, भले ही उसने केवल 7 वीं कक्षा में पढ़ाई की हो। चूंकि हिड़मा की रणनीति वन क्षेत्र में पुलिस और सीआरपीएफ जवानों को निशाना बनाने में कई बार सफल रही है, इसलिए वह हिट लिस्ट में है। हिड़मा ने 2007 के उरपाल हमले में सीआरपीएफ के 24, 2011 के ताड़ीमेट हमले में 76 और 2017 में 12 जवानों की मौत की घटनाओं में अहम भूमिका निभाई थी। माओवादी पार्टी के तीन मुख्य दल हैं। एक पार्टी है, दूसरी सेना है और तीसरी जनता की सरकार है। तीनों विभागों में काम कर चुकी हिडमा पर 45 लाख रुपये का इनाम है।
उपरोक्त मूल अंग्रेज़ी का गुगल अनुवाद है। नीचे मूल अंग्रेज़ी
Respected sir
Jai Hind
Forwarded message –
Hyderabad: Maoist central committee member Hidma was killed. Hidma was killed in an encounter on the Bijapur-Telangana border. Telangana Greyhounds and CRPF Cobra jointly conducted this operation.
Hidma, a 43-year-old, thin Maoist, has killed the highest number of policemen in Dandakaranyam for nearly a decade. Hidma, a native of Puvarti village in Sukma district of South Bastar region, belongs to the tribal tribe there. Madavi Hidma joined the Maoist party at the age of 17 in 1996-97. He also has nicknames Hidmallu and Santhosh.
Hidma became a key leader in PLGA (People’s Liberation Guerrilla Army), the armed wing of the Maoists, even though he studied only in the 7th standard. As Hidma’s tactics have been successful many times in targeting the police and CRPF jawans in the forest area, he is on the hit list. Hidma played a key role in the incidents in which 24 CRPF jawans were killed in the 2007 Urpal attack, 76 jawans in the Tadimet attack in 2011, and 12 jawans in 2017. The Maoist party has three main divisions. One is the party, the second is the armed forces, and the third is the people’s government. Hidma, who has worked in all three departments, has a reward of 45 lakh rupees.
नोट – सुकमा एसपी सुनील शर्मा ने इस मैसेज को फ़र्ज़ी बताया है। नीचे उनके द्वारा दी गई जानकारी
सूचना/जानकारी
ज्ञात हुआ है कि जिला सुकमा अंतर्गत नक्सल विरोधी अभियान के संबंध में कुछ जानकारियां प्रसारित की जा रही है।
तत्सबंध में वर्तमान स्थिति में सुरक्षाबल के सभी बल सदस्य सुरक्षित हैं एवं किसी प्रकार का अप्रिय स्थिति नहीं है।
उपरोक्त विषय पर विस्तृत जानकारी जल्द ही पृथक से जारी जी जावेगी।
दरअसल आज सुबह से ही दक्षिण बस्तर के कोंटा इलाक़े में सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ की सूचना मीडिया में आ रही थी। कई समूहों में पुलिस सूत्रों के हवाले से हिडमा की घेराबंदी को लेकर ख़बरें प्रसारित हो रहीथी।
माओवादियों पर हुए हमले में हेलिकॉप्टर के उपयोग की भी ख़बरें देते बताया गया था कि धुर नक्सल इलाक़े में ग्रेहाउंड, कोबरा और सीआरपीएफ के ज्वाइंट ऑपरेशन में माओवादियों के गढ़ में सर्जिकल स्ट्राइक की गई। इसके बाद यह प प्रेस रिलीज़ बाहर आई है। जिसे सुकमा एसपी फ़र्ज़ी बता रहे हैं।
बहरहाल धुर नक्सल इलाक़े में कुछ बड़ी कार्रवाई के संकेत साफ हैं। जिसकी पूरी जानकारी का इंतज़ार है।