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सावधान! cgschool.in इसमें लाग इन सुरक्षा प्रावधान ताक पर… फर्जी पहचान से कोई भी विद्यार्थी और शिक्षक दोनों के लिए पंजीकृत हो सकता है… वेब में अपलोड कंटेट की भी जांच जरूरी…

इम्पेक्ट न्यूज. रायपुर।

जरा सोचिए किसी सरकारी विभाग की वेबसाइट पर यदि कोई बाहरी व्यक्ति गलत कंटेट पब्लिश कर दे तो सरकार की छवि पर कैसा प्रभाव पड़ सकता है। और तो और इस वेब पर आने वाले किसी भी उपयोगकर्ता के लिए वैधता की पहचान को यदि ताक पर रख दिया जाए तो इसके परिणाम क्या हो सकते हैं?

हां, स्कूल शिक्षा विभाग की आन लाइन शिक्षा से जुड़ी वेब साईट cgschool.in में ऐसा ही कुछ है। सीजी इम्पेक्ट को इस बात का अंदेशा तब हुआ जब शिक्षा विभाग के संचालक जितेंद्र शुक्ला ने 19 अप्रेल को विडियो कान्फरेंस में शामिल शिक्षकों को इस बात के लिए चेताया कि इस वेबसाइट में गलत कंटेट डालने वालों पर नजर रखी जा रही है।

सभी की आईपी एड्रेस निगरानी में है। इससे इस बात का आभास हुआ कि कुछ तो गड़बड़ है। वैसे इस विडियो कान्फरेंस की विडियो यू ट्यूब पर अपलोड की गई है। जिसमें शिक्षा विभाग में काम कर रहे एम सुधीश ने जितेंद्र शुक्ला को जानकारी दी कि इस विडियो कान्फरेंस में 500 लोग शामिल हैं और बाकि कतार में हैं।

इसकी विडियो यूट्यूब पर उपलब्ध है। इसे शिक्षकों के समूह और तमाम उपयोगकर्ताओं को शेयर किया गया है। बावजूद इस विडियो को करीब 36 घंटे में साढ़े 8 हजार व्यूवर दर्ज हैं। इसमें जितेंद्र शुक्ला ने साफ तौर पर इस बात को लेकर चेताया है कि वेब में किसी तरह का गलत कंटेट डालने वाले पर निगरानी रखी जा रही है कार्रवाई की जाएगी।

सवाल यह नहीं है कि ऐसा कैसे संभव है? सवाल यह है कि वेब पोर्टल में शिक्षकों और विद्यार्थियों को यूजर पंजीकृत होने के लिए जो व्यवस्था की गई है उसमें गंभीर तकनीकी खामी है। यही खामी किसी भी यूजर के द्वारा कभी भी गलत कंटेट अपलोड करने के लिए वेबसाईट के दरवाजे खोल देती है। यानी इस वेबपोर्टल में सुरक्षा प्रावधानों को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है।

इस तथ्य को स्थापित करने के लिए सीजीइम्पेक्ट ने इस वेब साइट पर पहले विद्यार्थी और उसके बाद कालेज के शिक्षक के लिए अपना पंजीयन किया। इसमें ईमेल पता, मोबाइल नंबर, आवास का पता और नाम गलत नाम का प्रयोग किया।

उसके बावजूद यह पंजीकृत हो गया। इसी आधार पर कॉलेज शिक्षक के लिए पंजीयन की प्रक्रिया पूरी कर ली। यह कैसे संभव हो सकता है कि एक ही पहचान वाला विद्यार्थी और कॉलेज का शिक्षक भी हो जाए? यदि ऐसा है तो यह बेहद गंभीर है।

विजिटर की संख्या रात भर में बढ़ी करीब 12 लाख!

इसे लेकर हमारी पड़ताल में यह तथ्य सामने आया कि ‘कई निजी वेब साईट्स पर विजिटर की संख्या बढ़ाने के लिए वेब कंटेट में बग का उपयोग किया जाता है जिससे उपयोग कर्ताओं की संख्या को अपने हिसाब से बढ़ाया जा सकता है। इसकी प्रोग्रामिंग कर दी जाती है ताकि आंगतुकों को रिझाया जा सके।’

पर सरकार वेबसाईट के साथ ऐसा प्रयोग ना केवल अनुचित है बल्कि सरकार को अंधेरे में रखने वाला भी है। क्या यह तथ्य विश्वास योग्य है कि शाम 5 बजे से सुबह 8 बजे तक करीब 12 लाख विजिटर ने अपनी उपस्थिति इस वेबसाइट पर दर्ज करवाई है। इसके भी स्क्रीन शॉट उपलब्ध हैं पर इसे देने का अब कोई औचित्य नहीं है।

देखें स्क्रीन शॉट

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