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जब कोविड पाजिटिव “ताती” की तलाश शुरू हुई…

दंतेवाड़ा जिले में टेस्ट रिपोर्ट के बाद जब टीम जुटती है जान बचाने

इम्पेक्ट न्यूज. दंतेवाड़ा।

दंतेवाड़ा जिले में एक बार फिर कोविड पाजिटिव केस बढ़ रहे हैं। फिलहाल करीब 280 पाजिटिव मरीज होम आइसोलेशन में रखे गए हैं। गंभीर किस्म के मरीजों की पहचान की उन्हें कोविड हास्पिटल तक लाना और उपचार उपलब्ध करवाना भी एक चुनौती ही है।

डा. जगदंबा पंडा

ऐसे समय में जब टेस्ट करवाने वाले का नाम, पता और मोबाइल नंबर भी गलत दर्ज करवाया गया हो… 
एक ऐसे ही रोचक मामले की जानकारी मिली है। बीते 12 नवंबर को जिला कोविड टीम के पास जिले के सभी कोविड परीक्षण केंद्र की जानकारी पहुंची।

टीम ने होम आइसोलेशन के लिए मरीजों के संपर्क शुरू किया तो एक मरीज लापता हो गया। हुआ यूं कि जिला टीम की लिस्ट में बचेली के अंधेरी चौक पते पर 75 बरस के बुजुर्ग की रिपोर्ट पाजिटिव आई। लिस्ट में मरीज का नाम “ताती” लिखा था।

डा. जगदंबा पंडा कहते हैं “मुसीबत को तब शुरू हुई जब अंधेरी चौक पते पर किसी “ताती” नाम या उपनाम का कोई भी व्यक्ति नहीं मिला। उम्र 75 बरस देखने के बाद पाजिटिव पेसेंट को जल्द से जल्द ढूंढना और उपचार पहुंचाना जरूरी था।” 

निर्धारित पते पर एम्बुलेंस पहुंची और लौट आई। आस-पास के लोगों से पूछताछ की गई किसी के पास जानकारी नहीं थी। 

डा. पंडा बताते हैं “इसके बाद मामले की जानकारी जिला कलेक्टर को दी गई। कलेक्टर दीपक सोनी ने एसडीएम को निर्देशित किया कि कैसे भी कोविड पाजिटिव पेसेंट का पता लगाया जाए।”

लिस्ट में दर्ज मोबाइल नंबर गलत निकला। यह नंबर किसी कोरबा निवासी का था। बार-बार काल से परेशान होकर उसने यहां से कॉल करने वालों को गालियां भी दीं। क्योंकि उसे लग रहा था कि कोई उसके साथ कोरोना पाजिटिव केस को लेकर मजाक कर रहा था।

इसके बाद कोविड केयर टीम ने बचेली अपोलो हास्पिटल से “ताती” नाम के किसी भी पेसेंट की जानकारी मंगाई। जो बीते कुछ समय में किसी भी वजह से उपचार के लिए पहुंचा हो। 

अपोलो प्रबंधन ने एक “ताती” की जानकारी देते बताया कि हाल ही में इसने अपना उपचार करवाया था। मोबाइल नंबर लिस्ट में शामिल नाम से मैच कर रहा था पर पता और उम्र दोनो अलग। इस पेसेंट की उम्र 45 वर्ष दर्ज की गई थी। 

पते पर जाने से जानकारी मिली यही वह ताती है जिसकी तलाश की जा रही थी। इसका नाम ताती बघेल निकला और उम्र 75 वर्ष। भारी मशक्कत के बाद चौथे दिन मरीज को ढूंढा जा सका। 

इसके बाद कोविड पाजिटिव पेसेंट को कोविड केयर सेंटर लाया गया जहां फिलहाल वह स्वस्थ है। 
“ताती” बस्तर में बहुधा उपनाम के तौर पर प्रयुक्त होता है। टीम सोच रही थी कि आगे का मूल नाम दर्ज करना छूट गया होगा। मोबाइल नंबर में अंतिम अंक 2 दर्ज था दरअसल यह 3 था। 

डा. पंडा दंतेवाड़ा जिले में होम आइसोलेशन में रखे गए पेसेंट की निगरानी प्रमुख हैं। पूरे जिले के सभी जांच केंद्र की रिपोर्ट के आधार पर मरीजों की पहचान और कोरोना से बचाने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। हर परिस्थिति की जानकारी जिला कलेक्टर को देना और मरीजों के लिए समन्वय स्थापित करना इनका दायित्व है। 

वे कहते हैं “ऐसे बहुत से प्रकरण सामने आते हैं जब कोविड परीक्षण के दौरान लोग गलत पहचान दर्ज करवाते हैं। दक्षिण बस्तर में कोरोना वारियर्स को इस तरह की चुनौती का सामना भी करना पड़ रहा है।”

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