आदिवासियों ने हाईवे जाम किए, ट्रेनें रोकी: 15 से ज्यादा जिलों में प्रदर्शन, बालोद में रेलवे ट्रैक पर बैठे, सड़कों पर पंडाल लगाए; सिलगेर कांड पीड़ितों को मुआवजे की मांग पर अड़े…
Impact desk.
सिलगेर गोली कांड में न्याय, पेसा कानून और पदोन्नति में आरक्षण जैसी 9 मांगों को लेकर आंदोलित आदिवासी समाज आज सड़कों पर उतर आया है। सर्व आदिवासी समाज के नेतृत्व में प्रदेश की आर्थिक नाकेबंदी की कोशिश हो रही है। प्रदर्शनकारियों ने कई जिलों में मुख्य राजमार्गों पर चक्काजाम किया है। वहीं, बालोद जिले के मानपुर में आदिवासी समाज रेलवे ट्रैक पर बैठ गया है।
सर्व आदिवासी समाज का प्रदर्शन सुबह 11 बजे के बाद शुरू हुआ। दिन चढ़ने के साथ प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ रही है। रायपुर के आरंग में प्रदर्शन हो रहा है। बलौदा बाजार, बालोद, बिलासपुर, रायगढ़, गरियाबंद, धमतरी, राजनांदगांव, दल्ली राजहरा, कांकेर, नारायणपुर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, सरगुजा जैसे जिलों में भी प्रदर्शन की खबर है।
कई जिलों में प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर ही पांडाल लगा दिया है। कुछ चौराहों पर प्रदर्शनकारियों का भारी जमावड़ा है। इसकी वजह से यात्री बसें भी प्रभावित हैं। प्रशासन ने भारी पुलिस बल तैनात किया है। रेलवे ट्रैक खाली कराने की कोशिश शुरू हो चुकी है।
बताया जा रहा है, प्रदर्शनकारी अभी भी ट्रैक पर बैठे हुए हैं। दुर्ग-बालोद पैसेंजर को दल्ली-राजहरा में ही रोक दिया गया है। आगे की यात्रा के लिए लोग पैदल ही जा रहे हैं। वहीं लौह अयस्क की खदानों से भिलाई स्टील प्लांट आने-जाने वाली गाड़ियों को भी रोक दिया गया है।
छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बीएस रावटे ने बताया, इस आंदोलन में सड़कों और रेलवे ट्रैक पर केवल माल वाहक वाहनों और रेलगाड़ियों को रोका जा रहा है। अति आवश्यक सेवाओं और यात्री सेवाओं को रोकने की कोशिश नहीं हो रही है। रावटे ने कहा, जब तक मांग पूरा नहीं होगी तब तक आर्थिक नाकेबंदी आंदोलन जारी रहेगा। भविष्य में, राजधानी में स्थायी कैंप लगाकर धरना प्रदर्शन और समय-समय पर शहर के चौक-चौराहों पर भी अधिकार प्राप्त करने के लिए संघर्ष जारी रखा जा सकता है।
सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप
सर्व आदिवासी समाज ने राज्य सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया है। कार्यकारी अध्यक्ष बीएस रावटे का कहना है, सरकार ने अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायतों का विस्तार (पेसा) कानून लागू करने का वादा किया था। अब तक पूरा नहीं किया गया है। सिलगेर गोली कांड के पीड़ितों को न्याय नहीं मिला। पदोन्नति में आरक्षण नहीं मिल रहा है, जबकि सामान्य वर्गों की पदोन्नति जारी है।
फर्जी जाति प्रमाण पत्रों पर नौकरी कर रहे लोगों पर कार्रवाई नहीं हो रही है। अगर सरकार वादा करने के बाद ऐसा नहीं करती तो हमारे पास आंदोलन का ही रास्ता बचा है। बीएस रावटे ने कहा, हमने 19 जुलाई से विकास खंडों से आंदोलन शुरू किया। सरकार बातचीत करने तक नहीं आई। अब यह आंदोलन और तेज होगा