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पेनाडेमिक के दौर में जगदलपुर के जैन समाज ने सेवा की मिसाल कायम की…

0 जैन समाज ने कोरोना महामारी से निपटने, सुविधा के साथ दिए दो भवन
0 कोविड और वैक्सीनेशन सेंटर के साथ
0 अब तक 5000 पैकेट भोजन वितरण और 34 ने किया रक्तदान

इम्पेक्ट न्यूज। जगदलपुर।

जगदलपुर संभाग मुख्यालय जगदलपुर में कोरोना से जूझ रहे लोगों के लिए जैन समाज सहारा बनकर हर मुकाम में खड़ा नजर आ रहा है। लुंकड़ भवन को कोविड सेंटर ओसवाल भवन को वैक्सीनेशन सेंटर और महावीर भवन को भोजन शाला के रूप में विकसित किया गया है।

ऐसा करके जैन समाज ने एक अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है इतना ही नहीं कई मरीजों की जान बचाने के लिए समाज के युवाओं ने रक्तदान भी किया।

कोविड सेंटर
शहर में बढ़ती कोरोना मरीजों की संख्या और लोगों के घरों में जगह नहीं होने की स्थिति को देखते हुए जैन समाज ने लूंकड़ भवन को कोरोना सेंटर के रूप में विकसित किया जहां श्रेयांश वर्धन जैन की सेवाएं भी पहले दिन से यानी 14 अप्रैल से मुहैया कराई जा रही है।

चर्चा में डॉ जैन ने बताया कि अब तक 33 लोगों का यहां सफलतापूर्वक इलाज किया गया जिसमें 4 मरीजों को ही मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया गया,अब तक यहां से 22 लोगों को पूर्ण रूप से स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किया गया और 07लोग अभी भी अपना इलाज यहां प्राप्त कर रहै हैं।

यहां सुविधा के रूप में अधिकांश मरीजों को ऑक्सीजन, दवाइयां, भोजन और अन्य आवश्यक सामग्री निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है केवल ब्लड टेस्ट के लिए ही मरीजों को भुगतान करना पड़ता है। वह भी आधी दरों पर युवा जैन समाज के अध्यक्ष शिखर मालू जयेश बरडिया और उनकी टीम लगातार सेवा दे रही है। जरूरत पड़ने पर ये स्वयं भी पीपीई किट पहन कर भीतर तक जाकर ये अपने आप में एक बड़ी सेवा का काम है।

वैक्सीनेशन सेंटर
जैन समाज ने अपने सबसे बड़े और सुविधायुक्त ओसवाल भवन को भी कोरोना वैक्सीनेशन सेंटर में तब्दील कर दिया पहले यहां पैंतालीस साल से ऊपर के लोगों का वैक्सीनेशन किया गया। जिसमें 1600 से भी अधिक लोगों ने लाभ लिया। फिर इसी सेंटर को अठारह साल से ऊपर के लोगों के लिए भी वैक्सीन सेंटर में बदल दिया जहां अब तक 500 से अधिक लोगों का टीकाकरण हो चुका है। ओसवाल भवन में श्री जैन कुशल संगठन के युवा पूरी मुस्तैदी से बिना डरे न केवल सेवा दे रहे हैं बल्कि जिनके पास पंजीयन की सुविधा नहीं है उनका पंजीयन भी कर रहे हैं।

राजकुमार दुग्गड़, कमलेश पारख, देवीचंद संचेती, विजय रीड और उनकी पूरी टीम सबेरे से ही इस काम में जुट जाती है। हमने वहां की सुविधा का जायजा लिया, टीकाकरण के लिए आये लोगों से बात की तो सभी व्यवस्था और व्यवहार से संतुष्ट नजर आए।

भोजनशाला
जैन समाज के युवा लोगों की एक टीम जिसमें महिलाएं भी शामिल है प्रातः छह बजे से जरूरतमंदों के लिए भोजन बनाने जुट जाती है। प्रमोद पारख, प्रकाश चावड़ा, प्रकाश लोढ़ा, दिनेश शर्मा और उनकी पूरी टीम ने अब तक 5000 पैकेट भोजन के वितरित कर चुकी है। ये भोजन रेलवे, बस स्टैंड और अन्य सड़कों के किनारे भोजन का इंतजार करनेवालों में बीस अप्रैल से वितरित किया जा रहा है।

रक्तदान
कोरोनकाल में इन सुविधाओं के बीच अठारह प्लस के वैक्सीनेशन हो जाने के बाद कंही शहर में ब्लड देनेवालों की कमी न हो जाए इस बात को ध्यान में रखते हुए जैन समाज के युवाओं ने पहलीबार ओसवाल भवन में रक्तदान शिविर लगाकर 34 यूनिट ब्लड ब्लड बैंक में दिया इस कार्य को अंजाम तक पहुंचाया जैन सोशल वेलफ़ेयर एसोसिएशन और जैन युवा संघ ने।
ब्लड डोनेट करने में बालिकाएं भी पीछे नहीं रही।

लॉक डाउन और खेल
जैन समाज के युवा संगठनों ने जहां सामाजिक सरोकार के कार्य किये वहीं अपने सभी वर्ग के लोगों के लिए ऑनलाइन खेल और सांस्कृतिक और रचनात्मक प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जिसमे निबंध, गवली, चित्रकला, द्वार सजाओं, गायन, रंगोली प्रतियोगिता शामिल की गई। इसमें कुल 125 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

खेल प्रतियोगिता में रस्सी कूद और पुशअप जैसे खेल शामिल किए ताकि कोविड नियमों का पालन भी हो सके और लोगो में उत्साह भी बना रहे इन आयोजनों को मूर्त रूप दिया जैन सोशल वेलफ़ेयर एसोसिएशन और
जैन स्पोर्ट्स एंड क्रेटिविटी संस्था ने।

भंवर बोथरा

जैन समाज के अध्यक्ष भंवर बोथरा से जब हमने इतनी गतिविधियों के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि सामाजिक और क्षेत्रीय जिम्मेदारी निभाने के भाव हमेशा ही जैन समाज का रहा है। कोविड के पहले दौर में भी जैन समाज ने कोविड सेंटर बनाया था और अब भी बनाया उन्होंने कहाँ की अन्य सब व्यवस्था तो आसानी से की जा सकती है लेकिन कोविड सेंटर बनाना और चलाना निश्चित ही चुनौतिपूर्ण है। लेकिन हमारे युवा लोगों ने पहले दिन से ही ऐसे कार्य करने का मन बना लिया था निश्चित ही कोविड सेंटर चलाकर हमें सकून मिला, समाज के सभी लोगों से मिले श्रम और आर्थिक सहयोग की तारीफ करते उन्होंने विधायक रेखचंद जैन के प्रति भी आभार जताया कि उन्होंने हर सम्भव मदद की।

प्रशासन की तरफ से कलेक्टर रजत बंसल और पुलिस अधीक्षक दीपक झा से भी मिले सहयोग और बढ़ाये गए हौसले के लिए आभार जताया और इन सबके प्रयासों से ही बस्तर की हालत नियंत्रण में होने की बात कही
साथ ही ये भी कहा कि जैन समाज हमेशा अपने दायित्वों को निभाने आगे रहेगा।

वैक्सीनेशन में ऐसे और हो सकता है सुधार

अनेक लोग कई बार अलग अलग सेंटरों के लिए पंजीयन कर लेते हैं उसका सबसे बड़ा कारण है कहीं एक सेंटर में वैक्सीन खत्म तो नहीं हो जाएगी, ज्यादा भीड़ तो नहीं रहेगी। इसके चलते कई लोग वैक्सीनेशन से उस दिन वंचित रह जाते हैं। बार बार समझाने के बाद भी लोग कई जगह पंजीयन करा लेते हैं। पंजीयन एप्प में किसी आईडी के नहीं मांगे जाने का सीधा फायदा उठा लेते हैं। अकेले ओसवाल भवन की साइट मात्र आधा घंटे में पैक हो जाती है जबकि 15 से 20 वैक्सीन रोज बच जाती हैं जब लोगों को कॉल किया जाता है तो अन्य और नजदीकी सेंटर में वैक्सीन लगा लेने की बात सामने आती है। इससे कुछ वैक्सीन खराब होने की भी स्थिति बनती है। क्योंकि वैक्सीन सेंटरों में वैक्सीन दस की मात्रा के आधार पर सप्लाई हो रही है। इस समस्या को पंजीयन के दौरान किसी आईडी की बाध्यता या वैक्सीन की सेंटरों पर ही अंत की स्थिति के आधार पर रिसेड्यूलिंग व्यवस्था से सुधारा जा सकता है ।

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