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Madhya Pradesh

तुर्किए और अजरबैजान पर फूटा टूरिस्ट का गुस्सा, कैंसल करवा रहे टूर की बुकिंग

इंदौर  हाल ही में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष के दौरान तुर्किए और अजरबैजान न सिर्फ पाकिस्तान के समर्थन में रहे, बल्कि ड्रोन व अन्य हथियार भी दिए। इसके बाद से ही तुर्किए और अजरबैजान के बहिष्कार की मांग जोर पकड़ रही है। अब भारतीय इन दोनों देशों की पर्यटन अर्थव्यवस्था पर प्रहार करने की तैयारी में हैं। तुर्किए और अजरबैजान बहिष्कार का प्रभाव इंदौर में भी दिखाई दे रहा है और मई-जून के लिए बुकिंग करवा चुके 50 प्रतिशत पर्यटक इसे निरस्त करवा चुके हैं। खुद ही कैंसल करवा

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National News

भारत में विदेशी पर्यटकों की संख्या में आने वाले समय में बढ़ोतरी होने की उम्मीद की जा रही

नई दिल्ली भारत में विदेशी पर्यटकों की संख्या में आने वाले समय में बढ़ोतरी होने की उम्मीद की जा रही है। इस वर्ष ही देश में विदेशियों का आगमन 10 मिलियन से ज्यादा होने का अनुमान लगाया जा रहा है। बुकिंग डॉट कॉम द्वारा एक्सेंचर के सहयोग से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में विदेशी पर्यटकों का आगमन इस वर्ष 10.1 मिलियन तक पहुंचने का अनुमान है, जो 2022 में 9.2 मिलियन से अधिक है। यह अभी भी 2019 में कोविड महामारी के पूर्व स्तर 10.9 मिलियन से कम

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RaipurState News

छत्तीसगढ़-बस्तर के तीरथगढ़ में पहुंच रहे हजारों पर्यटक, मिनी गोवा का लुभा रहा नजारा

बस्तर. बरसात का मौसम आते ही अब विदेशी सैलानियों से लेकर बस्तर के युवा मिनी नियाग्रा के नाम से मशहूर चित्रकोट से लेकर तीरथगढ़ की ओर आ रहे हैं। युवाओं की टोली नए-नए छोटे बड़े वाटर फॉल की खोज करने के बाद इनके वीडियो को सोशल मीडिया पर साझा कर रहे हैं। दो दिन पहले ही बस्तर में मानसून ने दस्तक दी है। जिसके बाद से चित्रकोट, तीरथगढ़, बिजाकासा, मेन्द्रीघूमर, तामडाघूमर के अलावा अन्य जगहों में युवाओं की भीड़ लगने लगी है। चित्रकोट में बने रिसोर्ट में पहले से एडवांस

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District Beejapur

तीन राज्यों की सरहद पर आस्था और इतिहास की संगम स्थली भद्रकाली सैलानियों की नजरों से ओझल,
जीवनदायिनी इन्द्रवती पहुँचकर गोदावरी में होती है समाहित, छत्तीसगढ़ के साथ तेलंगान, महाराष्ट की सीमाएं भी करती है स्पर्श,
पर्यटन की असीम संभावनाओं के बाद भी उपेक्षित है यह स्थल.

बीजापुर। बस्तर में काकतीय राजवंश की स्थापना के प्राचीनतम इतिहास पर गौर करें तो बीजापुर के भद्राकाली गांव का जिक्र सबसे पहले होता है। वो इसलिए कि वर्तमान तेलंगाना के वारंगल से काकतीय राजा अन्नमदेव भद्राकाली के इंद्रावती और गोदावरी दो नदियों के संगम स्थल से ही बस्तर में दाखिल हुए थे और भोपालपट्नम पर अपनी पहली जीत दर्ज कर बस्तर में काकतीय राजवंश की नींव रखी थी। मां भद्रकाली के मंदिर के लिए चर्चित बीजापुर का भद्रकाली गांव के समीप ही बस्तर की जीवनदायिनी इंद्रावती और दक्षिण की तरफ

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