National NewsState News

डोर-टू-डोर वैक्सीनेशन का आदेश देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, कहा- सही तो चल रहा है टीकाकरण…

Impact desk.

देश में चल रहे कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने घर-घर जाकर टीकाकरण को लेकर आदेश देने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि देश की विविध स्थितियों को देखते हुए घर-घर जाकर कोरोना का टीकाकरण करना संभव नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिलहाल टीकाकरण सही तरीके से चल रहा है, ऐसे में हम मौजूदा टीकाकरण नीति को खत्म करने के लिए अलग से एक सामान्य आदेश पारित नहीं कर सकते। 

सुप्रीम कोर्ट ने विकलांगों और समाज के कमजोर वर्गों के लोगों के लिए डोर-टू-डोर कोरोना वैक्सीन की मांग करने वाले वकीलों के निकाय की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस हेमा कोहली की पीठ ने कहा कि टीकाकरण अभियान उचित प्रगति पर है और 60 प्रतिशत से अधिक आबादी को वैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है। पीठ ने याचिकाकर्ता ‘यूथ बार एसोसिएशन’ को अपने सुझावों के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय में सक्षम प्राधिकारी से संपर्क करने को कहा।

पीठ ने कहा कि लद्दाख में स्थिति केरल से अलग है। उत्तर प्रदेश में स्थिति किसी भी अन्य राज्य से अलग है। शहरी क्षेत्रों में स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों से अलग है। इस विशाल देश में हर राज्य में विभिन्न प्रकार की समस्याएं हैं। ऐसे में आप पूरे देश के लिए एक आदेश चाहते हैं। टीकाकरण अभियान पहले से ही चल रहा है और 60 प्रतिशत से अधिक आबादी को पहली खुराक दी गई है। इस कठिनाई को समझना चाहिए। यह सरकार का मामला है और हम मौजूदा नीति को खत्म नहीं कर सकते है.

शीर्ष अदालत ने एसोसिएशन की ओर से पेश अधिवक्ता बेबी सिंह से कहा कि याचिका को कठोर तरीके से दायर नहीं किया जा सकता है। याचिका में भारत संघ और सभी राज्यों को समाज के कम विशेषाधिकार प्राप्त लोगों, विकलांग, कमजोर वर्गों के लिए घर-घर जाकर कोरोना टीकाकरण के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी। इसमें दलील दी गई थी कि ऐसे लोगों को कोविन ऐप पर रजिस्टर करने में काफी परेशानी होती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *