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ड्रग्स केस में जेल में बंद बेटा बीमार पिता को देना चाहता है किडनी… सुप्रीम कोर्ट ने यह दिया आदेश…

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इंपेक्ट डेस्क.

बीमार पिता को अपनी किडनी डोनेट करने की इच्छा जताने वाले ड्रग्स केस में बंद एक आरोपी को सुप्रीम कोर्ट ने जरूरी जांच के लिए अस्पताल ले जाने की अनुमुति दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर आरोपी को किडनी डोनेट करने के लिए मेडिकल तौर पर फिट पाया जाता है तो वह अंतरिम बेल पाने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘अगर आरोपी फिट पाया गया और सरकारी मेडिकल कॉलेज की कमेटी किडनी ट्रांसप्लांट प्रक्रिया को मंजूरी दे देती है तो आरोपी मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के सामने अंतरिम बेल अर्जी दायर कर सकते हैं, जिसपर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाना चाहिए।’

जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जेके महेश्वरी की पीठ ने यह टिप्पणी इसी साल जून माह में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने के लिए दायर एक अर्जी पर सुनवाई के दौरान दी। हाई कोर्ट ने इस केस में बेल याचिका खारिज कर दी थी। याचिकाकर्ता के वकील ने शीर्ष न्यायालय को बताया कि आरोपी के पिता किडनी फेल्योर से जूझ रहे हैं और जल्द ही उनका ट्रासप्लांट कराए जाने की जरूरत है।

वकील ने कोर्ट से कहा कि उनका क्लाइंट अपने बीमार पिता को किडनी देना चाहता है। हालांकि, सरकारी वकील ने इसका विरोध करते हुए कहा कि कई गंभीर आरोपों में शख्स जेल की सजा काट रहा है और उसके अन्य भाई-बहन भी पिता की देखभाल कर सकते हैं। 

सुप्रीम कोर्ट ने इसपर टिप्पणी दी, ‘मां-बाप की देखरेख करना एक बात है और शादीशुदा- बाल बच्चे होने के बाद माता-पिता को किडनी डोनेट करना दूसरी बात है, जो हर बच्चे के लिए संभव नहीं है।’ कोर्ट ने आदेश दिया कि अगर आरोपी अपने पिता को किडनी दान करना चाहता है तो उसे जरूरी जांचों के लिए अस्पताल ले जाया जाना चाहिए। साथ ही कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट ने शख्स पर चल रहे ड्रग्स केस का भी छह महीने के अंदर निपटारा करने को कहा।

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