कुछ यूं सक्सेस हुआ… “ऑपरेशन हे बेबी” …जब नवजात को उठा ले गई थी वो…
जशपुर से गणेश मिश्रा।
किसी हादसे के बाद जब पुलिस तक सूचना पहुंचती है और उसके बाद उसे किस तरह से काम करना होता है। यह समझना जरूरी है। हाल ही में जशपुर जिला के कुनकुरी में नवजात बच्चा चोरी की वारदात हुई थी। इसमें पुलिस ने रिकार्ड टाईम में केस साल्व किया और मां को उसका नवजात लौटाया।
इस नवजात तलाशी अभियान को “ऑपरेशन हे बेबी” का नाम दिया गया…। इस रिपोर्ट को टीआई विशाल कुजुर से हुई घटनाक्रम की चर्चा के बाद तैयार किया है।
कोरोना संकट में सुबह 4 बजे तक पेट्रोलिंग कर के लौटे टी आई विशाल कुजूर की नींद होलीक्रोस हॉस्पिटल के कॉल से सात बजे खुली। मोबाइल देखा तो एक मिस कॉल पड़ा हुआ था, जिसमें हॉलीक्रॉस अस्पताल के कॉल हैं।
कॉल बैक करने से पता चला कि 6 बजे के आसपास एक अज्ञात महिला दो दिन की नवजात बच्ची चुराकर भाग गई है। इस सूचना ने टीआई विशाल को अंदर से हिला दिया। जिस हाल में थे वैसे ही आनन-फानन में अस्पताल पहुंचे और घटना की जानकारी ली।
कुंजारा की महिला फुलमनी ने 29 मई को तीसरी संतान को जन्म दिया। नर्सों ने 30 मई की शाम को फुलमनी के बेड पर बच्ची को उसके हवाले किया। मां ने दो बेटों के बाद तीसरी सन्तान के रूप में बेटी को जन्म दिया था वह बेटी पाकर खुश थी।
उसे क्या पता था कि कोई उसकी बेटी पर नजर रखे हुए है। सुबह फुलमनी उठी और शौचालय गई। थोड़ी देर में एक मास्क लगाई हुई महिला बेड के पास आई और नवजात की नानी मनप्यारी को बोली तेरी बेटी बाथरूम में गिर गई है जा कर देख लो, बेड के बगल में एक महिला और थी उससे भी बोली कि बेटी हेल्दी है तुम भी जाओ उठा देना।
इसके बाद जैसे ही नवजात की नानी बाथरूम की तरफ भागी उधर मौका की तलाश पूरी होते देख अज्ञात महिला ने बच्ची को उठाया और वहां से भाग निकली।
यह वृतांत विशाल को मौके पर पहुंचते ही बताया गया। इसके बाद पुलिस का काम शुरू हुआ। 8 बजे तक पुलिस ने सारे रास्तों में नाकाबंदी कर दी। स्टॉफ को टीआई ने निर्देश दिया कि “ऑपरेशन हे बेबी” हर हाल में कम्प्लीट करना है। बच्ची को सुरक्षित बरामद करना है। यह जिम्मेदारी पुलिस ने ली।
कोरोना ड्यूटी के कारण कोई सुबह 6 बजे ड्यूटी से घर लौटा था तो कोई देर रात 12 बजे ड्यूटी से घर लौटा था। लेकिन सबके सब इस मानवीय पहलू को समझते हुए टीम बनाकर काम में जुट गए।
तब तक टीआई विशाल ने आला अधिकारियों को भी जानकारी दे दी। एसपी शंकरलाल बघेल ने “ऑपरेशन हे बेबी” को गाइड करना शुरू किया।
पुलिस बल की 6 टीम बनाई जिसमें अलग-अलग टीम में, टीआई विशाल कुजूर, asi खिरोवती बेहरा, हेड कांस्टेबल रामानुजम पांडे, मोहन बंजारे, आरक्षक मुकेश पांडे, नंदलाल यादव, प्रमोद रौतिया, मनोज एक्का, राजेश कुजूर, विनोद तिर्की, लेविड कुजूर, दिलीप बंजारे, जितेंद्र गुप्ता, पदुम वर्मा, महिला कांस्टेबल गीता यादव, नगर सैनिक अजय श्रीवास्तव ने नाकेबंदी दौरान करीबन सैकड़ों लोगों से पूछताछ की।
होलीक्रोस अस्पताल के सीसीटीव फुटेज को बल्क में वायरल किया गया। साथ ही सोशल मीडिया में थानाप्रभारी द्वारा अपील भी की गई। सीसीटीवी फुटेज में दिखने वाली महिला के बारे में तत्काल सूचना देने कहा गया।
संदेही का वीडियो वायरल होने बाद थाना प्रभारी को कई कॉल आये। कुडुकेला, रेमते रोड, गिनाबहर चौक में संदेही देखे जाने की खबर आई। सभी सूचना की तस्दीक में निराशा हाथ लगी। इसी बीच मयूरचूंदी से कॉल आया कि एक महिला हूबहू वायरल वीडियो वाली महिला जैसी साड़ी पहनी है और गोद मे कुछ छुपाई है। उम्मीद रखते हुए पुलिस वैन मयूरचुंदी की तरफ रवाना हो गई।
महिला पकड़ा गई महिला से पूछा गया कि बच्चा किसका है, तो महिला 3 घंटे तक पुलिस को गुमराह करती रही। तब थाना प्रभारी ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी और नवजात बच्ची की फ़ोटो हॉस्पिटल में भेजी गई। फ़ोटो देख कर बच्चे की माँ रो पडी और बताया कि यही मेरी बच्ची है।
उधर थाना प्रभारी बच्ची लेकर थाना रवाना हुए और पुलिस अधीक्षक ने एडिशनल एसपी उनेजा ख़ातून अंसारी को कुनकुरी रवाना किया। जब महिला से कड़ाई से पूछताछ किया गया तो उसने सारी सच्चाई पुलिस के सामने रख दी। इस तरह “मिशन हे बेबी” को जशपुर पुलिस ने सकुशल अंजाम दिया…
जब अस्पताल में बच्ची को थाना प्रभारी ने उसकी नानी और माँ को सौंपा तो बच्ची को सीने से लगा कर माँ फुलमनी टीआई का हाथ पकड़ कर रो पड़ी और थाना प्रभारी भी अपने आंसू नही संभाल पाए… और ऐसे पूरा हुआ “ऑपरेशन हे बेबी”।