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कोरबा में बच्चों से भरी स्कूल बस में लगी आग, बाल बाल बचे

कोरबा.

बच्चों को कोरबा से कटघोरा छोड़ने जा रही जैन पब्लिक स्कूल की बस में छुरी के निकट अचानक आग लग गई। चलती बस के इंजन से धुंआ उठते देख चालक ने आनन फानन में सात बच्चों को बस से उतारा। आग पर काबू पाने जुगत लगाई जाती इससे पहले बस धूं धू कर राख हो गई। इस घटना ने वाहन के फिटनेस और परिवहन विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर दिया है।

मंगलवार को कोरबा-कटघोरा मार्ग में बड़ी घटना होने से टल गई। शहर के निकट ग्राम गोढ़ी में जैन पब्लिक स्कूल संचालित है। यहां दर्री, छुरी व कटघोरा क्षेत्र के 30 बच्चे पढ़ते हैं। बच्चों को घर से स्कूल पहुंचाने व घर छोड़न के लिए बस सुविध्ाा उपलब्ध है। हर रोज की तरह शुक्रवार को सुबह की पाली के बच्चों को छोड़ने के लिए बस चालक कटघोरा की ओर रवाना हुुआ। बस जैसे ही छुरी बस स्टैंड के निकट पहुंचने वाली थी कि वाहन के इंजन के आगे से धुंआ निकलने लगा। चालक को समझने में देर नहीं हुई कि वाहन में आग लग चुका है। उसने सूझबूझ का परिचय देते हुए वाहन को सड़क के किनारे रोका और बच्चों को बस से बाहर उतारा। इस दौरान उठता धुंआ आग की लपटों में तब्दील हो गया। बस के पहिए और डीजल टैंक ब्लास्ट होने की आशंका से सड़क की दोनों ओर वाहनों की कतार लग गई। दमकल वाहन आने से पहले बस जलकर राख हो गई। निजी स्कूलों में सुविधा देने के नाम पर प्रतिस्पर्ध्ाा देखी जा रही है। बच्चों को घर से स्कूल लाने ले जाने में खटारा वाहनों का संचालन किया जा रहा। जिस पर परिवहन विभाग का नियंत्रण नहीं है।

सुविधा विहीन स्कूलों की भरमार
निजी स्कूलों ने नियमों को दर किनार कर दिया है। जिले में 120 से भी अध्ािक स्कूल बिना पार्किंग स्थल और खेल मैदान के संचालित हो रहे है। उससे भी गंभीर बात यह है कि स्कूल परिसर से बच्चों को 40 से 45 किलोमीटर दूर बिना फिटनेस वाहनों में लाने ले जाने का काम किया रहा है। निजी स्कूलों के संसाध्ानों के निरीक्षण की जिम्मेदारी शिक्षा विभाग की है, लेकिन विभाग अपने ही विद्यालयों तक सिमट कर रह गई है। कमोबेश यही हाल परिवहन विभाग की है। लाइसेंस बनवाने वाले बीचौलियों से विभाग को फुर्सत नहीं है। ऐसे में निजी संस्थानों के वाहनों की जांच नहीं हो रही है।

फिटनेस जांच के लिए स्थान नहीं
जिला परिवहन कार्यालय वाहनों के फिटनेस जांच के लिए पर्याप्त स्थल नहीं है। स्कूल प्रबंधन जांच कराना भी चाहें तो कार्यालय पहुंच मार्ग में भारी वाहनों की कतार लगी रहती है। विभाग की ओर से जून माह में बसों की सामूहिक फिटनेस जांच कराई जाती हैै। इस दौरान केवल वहीं बसें चयनित जगह में पहुंचती है जिनका फिटनेस की सयम सीमा समाप्त हो चुकी होती है।