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चांद पर बनेगी सड़क और लैंडिंग पैड!… सीमेंट का काम करेगी धूल, जानें क्या है प्लान…

इंपेक्ट डेस्क.

चांद पर बस्तियां बसाने का प्लान NASA कर चुका है। वहीं अब यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) चांद की सतह पर सड़क बनाने की तकनीक पर काम कर रही है। यूरोपियन एजेंसी का कहना है कि चांद की सतह को समतल बनाया जाएगा जिससे कि पृथ्वी से छोड़े जाने वाले लैंडर और रोवर को सॉफ्ट लैंडिंग और रिसर्च में दिक्कत ना हो। इस इनिशिएटिव का नाम PAVER दिया गया है। प्लान है कि शक्तिशाली लेजर का इस्तेमाल करके धूलभरी सतह को मजबूत और समतल बनाया जाएगा। 

चांद के बड़े इलाके में गड्ढे और धूल दोनों ही किसी भी मिशन के लिए बड़ी चुनौती बनते हैं। अपोलो के समय भी धूल ने बाधा पहुंचाई थी। ऐसे में यूरोपियन एजेंसी का प्लान है कि कोई बड़ा मिशन प्लान करने  से पहले चांद की सतह के अनुकूल बनाया जाए। अपोलो 17 के रोवर को भी धूल की वजह से काफी नुकसान पहुंचा था। रोवर को ऊर्जा सोलर पैनल से मिलती है। इसपर अगर धूल जमती है तो यह काम करना बंद कर देता है। वहीं धूल की वजह से रोवर के ओवरहीट होने का भी खतरा बना रहता है। 
सोवियत यूनियन के लूनोखोड 2 का रोवर भी धूल की वजह से ही ओवरहीट हो गया था। PAVER प्रोजेक्ट को जर्मनी का BAM इंस्टिट्यूट लीड कर रहा है। इसके अलावा LIQUIFER सिस्टम ग्रुप ऑफ ऑस्ट्रेलिया और आलेन यूनिवर्सिटी भी प्रोजेक्ट में शामिल है। यूरोप के अन्य देशों की एजेंसियां भी इस मिशन में सहयोग करेंगी। इस प्रोजेक्ट में 12 किलोवॉट कार्बन डाइऑक्साइड लेजर का इस्तेमाल किया जाएगा जिससे कि चांद की धूल को सॉलिड सरफेस में बदला जा सकेगा। 

इस प्रॉसेस में लेजर बीम का इस्तेमाल किया जाएगा और फिर सॉलिड सरफेस को इंटरलॉक कर दिया जाएगा। इससे चांद पर सड़क और लैंडिंग पैड तैयार हो जाएंगे। इस सतह को इस तरह तैयार किया जाएगा कि अगर यह टूटती भी है तो दोबारा रिपेयर हो सके। टीम का अनुमान है कि 100 स्क्वायर मीटर का लैंडिंग पैड जिसकी मोटाई 2 सेंटीमीटर होगी, 115 दिनों में तैयार हो जाएगा। इस प्रोजेक्ट में निवेश के लिए रास्ते खोल दिए गए हैं। एजेंसी का कहना है कि चांद पर इस तरह का प्लैटफॉर्म बनने के बाद अध्ययन आसान हो जाएगा।