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पीएम छत्तीसगढ़ को देंगे 3 नेशनल हाइवे का तोहफा… जानवरों के लिए बनेगा अलग पाथ-वे… जानें क्यों…

इम्पैक्ट डेस्क.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7 जुलाई को छत्तीसगढ़ दौरे पर आ रहे हैं। पीएम यहां छत्तीसगढ़ सेक्शन के लिए 3 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे जो 6-लेन ग्रीनफील्ड रायपुर-विशाखापत्तनम कॉरिडोर का हिस्सा है। इन राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की सबसे खास बात यह है कि इसमें बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ वन्यजीवन को भी ध्यान में रखा गया है। दरअसल, पीएम मोदी का यह विजन है कि राष्ट्रीय राजमार्ग सहित किसी भी प्रकार के बुनियादी आधारभूत संरचना के विकास में वन्य जीवन को नुकसान ना पहुंचाया जाए। 

तीन राष्ट्रीय राजमार्गों की रखेंगे आधारशिला
दरअसल, पीएम ग्रीनफील्ड रायपुर-विशाखापत्तनम कॉरिडोर के तहत जिन 3 राष्ट्रीय राजमार्गों की आधारशिला रखने जा रहे हैं उसमें उदंती वन्यजीव अभ्यारण क्षेत्र में 2.8 किमी लंबा एनिमल पाथवे बनेगा। साथ ही इसमें बंदरों के लिए 17 छतरियां बनाई जाएंगी। ऐसा, वन्यजीवों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से किया जा रहा है। प्रधानमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि राजमार्गों के विकास का वन्यजीवों पर किसी भी प्रकार का नकारात्मक प्रभाव ना हो। 

वन्यजीवों को नुकसान पहुंचाए बिना विकास
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दृष्टिकोण के अनुसार ऐसे राजमार्ग विकसित किए जा रहे हैं जिसमें नेशनल हाइवे और एक्सप्रेस-वे के निर्माण के साथ-साथ वन्यजीवों के विचरण के लिए सुरक्षित रास्ता और आवास के लिए समर्पित बुनियादी ढांचा भी हो। दिसंबर 2021 में प्रधानमंत्री ने दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर की आधारशिला रखी थी। इसमें वन्यजीवों की आवाजाही के लिए एशिया का सबसे ऊंचा वन्यजीव गलियारा भी निर्मित किया गया है। इसकी ऊंचाई तकरीबन 12 किमी है। 

देशभर में 51 राजमार्ग परियोजनाओं पर काम जारी
गौरतलब है कि पूरे देशभर में राजमार्ग विकास के तहत ऐसी 51 परियोजनाओं पर काम चल रहा है जिसमें वन्यजीवों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। इन राजमार्गों अथवा कॉरिडोर के निर्माण में वन्यजीवों के लिए टनल, पाथ-वे और ओवरपास आदि का निर्माण किया जा रहा है ताकि वाहनों के चलने से उनको नुकसान ना हो। उदाहरण स्वरुप इंदौर से बलवाड़ा के बीच कॉरिडोर का निर्माण होगा जिसमें 2 टनल बनाए जाएंगे। 1590 मीटर का पाथवे बनेगा जो वन्यजीवों के विचरण के लिए होगा। रांची-जमशेदपुर सेक्शन में 7 अंडरपास बनेंगे क्योंकि यह इलाका हाथियों का विचरण क्षेत्र है। वाराणसी-कोलकाता कॉरिडोर जो बिहार के कुछ हिस्से को छुएगा उसमें टनल के साथ-साथ एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा, वहीं वाराणसी-कोलकाता सेक्शन में जो झारखंड से होकर गुजरेगा, इसमें एलिवेटेड कॉरिडोर, अंडरपास और छोटी-बड़ी ब्रिज का निर्माण होगा।