OMG 2 : मास्टरबेशन से कॉन्डम तक सेंसर बोर्ड ने बदले ये सीन्स… फिल्म में अब अक्षय कुमार नहीं बनेंगे शिव…
इम्पैक्ट डेस्क.
अक्षय कुमार की फिल्म ओएमजी 2 को सेंसर बोर्ड से ‘A’ सर्टिफिकेट मिल चुका है। बीते काफी वक्त से मूवी सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन में फंसे होने की वजह से हेडलाइन्स में थी। अब इसमें किए गए बदलाव चर्चा में है। बता दें कि अक्षय कुमार की इस फिल्म का टीजर और कई गाने आ चुके हैं। सीबीएफसी से ग्रीन सिग्नल न मिल पाने की वजह से ट्रेलर रुका हुआ था। फिल्म में 27 बदलाव किए गए हैं। कई सीन्स में चेंजेज हैं और कुछ में डिसक्लेमर भी डालने को कहा गया है। आइए जानते हैं कि ओएमजी 2 का प्लॉट और इसमें क्या बदलाव हुए।
फ्रंटल न्यूडिटी और कॉन्डम हटे
अक्षय कुमार और पंकज त्रिपाठी की फिल्म ओएमजी 2 को लेकर दर्शकों में काफी उत्साह है। लोग बेसब्री से ट्रेलर का इंतजार कर रहे हैं। इस बीच सेंसर बोर्ड ने मूवी में जो बदलाव किए हैं, वे सुर्खियों में हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अक्षय कुमार जो कि पहले मूवी में शिव बने थे उनका पूरा किरदार बदला गया है। अब वह शिव भक्त और उनके दूत के रूप में दिखाए जाएंगे। फ्रंटल न्यूडिटी को हटाकर नागा साधुओं के विजुअल्स से रिप्लेस किया गया है। एक विज्ञापन बोर्ड से कॉन्डम का ऐड हटाया गया है। फिल्म से लिंग शब्द भी हटाया गया है। जहां जरूरत हो वहां इसे सिर्फ लिंग नहीं बल्कि शिवलिंग या शिव के रूप में बोलना है।
हराम की जगह पाप, हटे ये शब्द…
एक लड़के के सेक्शुअल ऐक्ट के विजुअल्स बदलने को कहा गया है। कोर्ट में जज के सेल्फी लेने वाले सीन को बदलने को बदला गया है। मास्टरबेशन वाले डायलॉग में हराम शब्द को पाप से रिप्लेस किया गया है। अक्षय कुमार के और कोर्ट में महिलाओं को लेकर कुछ और डायलॉग्स भी बदले गए हैं। ‘क्या होवे है से आप अश्लील कह रही’ डायलॉग से शिवजी के लिंग, अश्लीलता, श्री भगवद्गीता, उपनिशद का रिफरेंस, द्रौपदी, पांडव, कृष्ण, गोपियां, रासलीला जैसे शब्द हटे हैं।
क्या है प्लॉट
ओएमजी 2 कांति शरण मुद्गल की कहानी है। वह शिवजी भक्त, साधारण इंसान, प्यार करने वाला पिता और केयरिंग पति है। जीवन में सब ठीक चल रहा होता है फिर एक दिन उसके बेटे विवेक पर अनैतिक व्यवहार करने का आरोप लगाकर स्कूल से निकाल दिया जाता है। कांति को पता चलता है कि उसका बेटा गलत जानकारी और गलत गाइडेंस का शिकार हो गया है। कांति उन सबको कोर्ट ले जाने का फैसला लेता है। फिल्म में यह आस्था दिखाने की कोशिश की गई है कि सच उतना ही खूबसूरत होता है जितना कि ईश्वर।