जहांगीरपुरी हिंसा : एक्शन में आई दिल्ली पुलिस… पहली FIR दर्ज, अब तक 9 लोग गिरफ्तार…
इंपैक्ट डेस्क.
राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में शनिवार को हनुमान जयंती पर निकाली गई शोभायात्रा में पथराव के बाद भड़की हिंसा के सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने पहली एफआईआर दर्ज करते हुए अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
डीसीपी (नॉर्थ-वेस्ट) उषा रंगनानी ने बताया कि जहांगीरपुरी हिंसा मामले में अब तक 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। डीसीपी ने बताया कि इस हिंसा में 8 पुलिस कर्मियों और 1 नागरिक सहित 9 लोग घायल हो गए थे। एक सब-इंस्पेक्टर को गोली लगी है और उनकी हालत स्थिर है। घायलों को बाबू जगजीवन राम मेमोरियल अस्पताल भर्ती कराया गया है।
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में आईपीसी की धाराओं 147, 148, 149, 186, 353, 332, 323, 427, 436, 307, 120 बी और 27 आर्म्स एक्ट के तहत एफआईआर कर अब तक नौ आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और स्पेशल सेल समेत कई टीमें मामले की जांच में जुटी हैं। इलाके में स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए भारी पुलिस बल के साथ ही पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों को भी तैनात किया गया है।
घटना के एक कथित वीडियो में कई लोगों को जुलूस के दौरान पथराव करते देखा गया। वहीं, कुछ को सड़क पर तलवारें लहराते हुए देखा गया, जबकि अन्य गालियां दे रहे थे और इस दौरान पुलिस वाहन का सायरन भी बज रहा था।
गौरतलब है कि जहांगीरपुरी में शनिवार को हनुमान जयंती पर निकाली गई शोभायात्रा में पथराव के बाद दो समुदायों में हिंसा भड़क गई, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। हिंसा के दौरान कुछ वाहनों में आग भी लगा दी गई।
इस हिंसा की निंदा करते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने कहा है कि इस घटना के पीछे के जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना के साथ स्थिति का जायजा लेते हुए बैजल ने लोगों से शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस का सहयोग करने की अपील की।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी देते हुए नागरिकों से सोशल मीडिया पर अफवाहों और फर्जी खबरों पर ध्यान न देने का अनुरोध किया। उन्होंने ट्वीट किया, ”उत्तर-पश्चिमी जिले में घटना के बाद हालात नियंत्रण में है। जहांगीरपुरी और अन्य संवेदनशील इलाकों में पर्याप्त सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है।’
उल्लेखनीय है कि इससे पहले फरवरी 2020 में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा के बाद उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक झड़पों में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 700 लोग घायल हुए थे।