EXCLUSIVE : इंद्रावती टाइगर रिजर्व में घायल बाघ का रेस्क्यू, शिकारी गिरोह का पर्दाफाश…?
इम्पेक्ट न्यूज। रायपुर/बीजापुर, 17 अप्रैल 2025:
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में इंद्रावती टाइगर रिजर्व के बफर जोन में एक 5-6 वर्षीय बाघ को गंभीर रूप से घायल अवस्था में रेस्क्यू किया गया है। शिकारियों द्वारा लगाए गए तार के फंदे में फंसने से बाघ के दोनों पिछले पैर बुरी तरह जख्मी हो गए, जिसके घावों में सड़न और कीड़े पड़ गए। इस घटना ने क्षेत्र में सक्रिय महाराष्ट्र के शिकारी गिरोह और स्थानीय सहयोगियों की गतिविधियों को उजागर किया है।
घटना का विवरण
यह घटना बीजापुर बफर रेंज के कांदुलनार, मोरमेड़, और तोयनार गांवों के बीच घने जंगल में हुई, जो बीजापुर मुख्यालय से 25-30 किलोमीटर दूर है। वन विभाग की टीम ने बीती रात (16-17 अप्रैल) बाघ को ट्रैंकुलाइज कर तार का फंदा हटाया और प्राथमिक उपचार के बाद उसे जंगल सफारी क्षेत्र में इलाज के लिए भेजा। रेस्क्यू ऑपरेशन का वीडियो और फोटो सामने आए हैं, जिसमें वन कर्मी तार काटते दिख रहे हैं।

लगभग 15-20 दिन पहले, कांदुलनार गांव के सर्वे कुन्ना नामक व्यक्ति की बाघ के हमले में मृत्यु हो गई थी। वह और 10-12 अन्य ग्रामीण बाघ की स्थिति की रेकी करने गए थे, जब बाघ ने उन पर हमला कर दिया। सर्वे कुन्ना की मौके पर ही मृत्यु हो गई। वन विभाग ने शुरू में इसे महुआ बीनने के दौरान हुआ हमला बताया, जो बाद में गलत साबित हुआ।
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शिकारी गिरोह की साजिश
जानकारी मिली है कि महाराष्ट्र के गढ़चिरौली क्षेत्र से आए शिकारी गिरोह पिछले डेढ़ महीने से बाघ की खाल और अंगों के शिकार के लिए सक्रिय थे। कांदुलनार के 10-12 ग्रामीण, जिनमें सर्वे कुन्ना भी शामिल था, इस गिरोह के साथ मिलकर काम कर रहे थे। शिकारियों ने तार के फंदे लगाए, जो बाघ के लिए घातक साबित हुए। घायल बाघ कई दिनों तक जंगल में शिकार की तलाश में घूमता रहा। बड़ी बात तो यही है कि शेर का घाव देखने से साफ पता चल रहा है कि यह काफी पुराना है करीब दो से तीन सप्ताह पुराना। यानी शिकारियों ने बाघ का शिकार करने के लिए पहले तार लगाए। इसके बाद वे सर्चिंग करने के लिए निकले तो उन्हें यह घायल शेर दिखाई दिया। शेर को बुरी तरह से घायल पाते शिकारी जब नजदीक पहुंचा तो शेर ने हमला कर दिया। जिससे एक की मौत हो गई। जबकि प्रारंभिक रिपोर्ट में यह बताया गया था कि शेर के हमले से एक ग्रामीण की मौत तब हो गई जब वह महुआ बीनने के लिए पहुंचा था। घने जंगलों में जिस जगह से शेर का रेस्क्यू किया गया है उस लोकोशन पर यदि मोबाइल डिवाइस ट्रेक किया जाता है तो यह साफ हो सकता है कि ग्रामीण की मौत वाले दिन वहां केवल मृतक ही नहीं था बल्कि और भी लोग मौजूद थे।
वन विभाग पर गंभीर सवाल
वन विभाग की भूमिका इस मामले में संदेह के घेरे में है। सूत्रों का दावा है कि डिप्टी रेंजर नीरज श्रीवास्तव और सुमंत राय मांझी को 15 दिन पहले ही घटना की जानकारी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इन पर अवैध शिकार में संलिप्तता और संरक्षण के गंभीर आरोप हैं। डीएफओ संदीप बलगा के नेतृत्व में रेस्क्यू हुआ, लेकिन देरी और पारदर्शिता की कमी ने विवाद को बढ़ाया।
सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभाव
सर्वे कुन्ना की मृत्यु की खबर तो उसी दिन गांव वालों को मिल गई थी। फिर वन विभाग ने इस मामले को लेकर गंभीरता क्यों नहीं दिखाई। इ्ंद्रावती टाइगर रिजर्व के अधिकारी कहते हैं ‘नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण वन विभाग की पहुंच सीमित है।’ शायद इसका फायदा शिकारी उठा रहे हैं। यह घटना इंद्रावती टाइगर रिजर्व में वन्यजीव संरक्षण की कमजोर स्थिति को दर्शाती है।
मांग और सुझाव
वन्यजीव विशेषज्ञों और स्थानीय लोगों ने शिकारियों पर सख्त कार्रवाई, वन विभाग में पारदर्शी जांच, और बाघ के इलाज के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति की मांग की है। ट्रैप कैमरे और ड्रोन से निगरानी बढ़ाने के साथ-साथ स्थानीय समुदाय को जागरूक करने की जरूरत है।
इंद्रावती टाइगर रिजर्व में हुई इस घटना ने वन्यजीव संरक्षण की चुनौतियों को सामने लाया है। बाघ का रेस्क्यू उम्मीद की किरण है, लेकिन शिकारी गिरोहों की सक्रियता और वन विभाग की निष्क्रियता चिंता का विषय है। तत्काल कार्रवाई और सख्त निगरानी से ही इस जैव विविधता को बचाया जा सकता है। बाघ का इलाज और पुनर्वास अब इस क्षेत्र के लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
इंद्रावती टाइगर रिजर्व: घायल बाघ रेस्क्यू पर डायरेक्टर संदीप बलगा से सुरेश महापात्रा की बातचीत
सुरेश महापात्र (बस्तर इंपैक्ट, दंतेवाड़ा): नमस्ते सर, सुरेश महापात्र बोल रहा हूं, बस्तर इंपैक्ट दंतेवाड़ा से। कल बीजापुर के एक घायल शेर को जंगल सफारी में लाया गया है। इसके बारे में डिटेल चाहिए, सर। क्या है इसका पूरा मामला?
संदीप बलगा (डायरेक्टर, इंद्रावती टाइगर रिजर्व): हां, देखिए, मैं आपको बता रहा हूं। ये कॉल मैंने ही उठाया है। ये घटना दो हफ्ते पुरानी है। कल रात को हमने घायल बाघ को रेस्क्यू किया। उसकी स्थिति बहुत चिंताजनक है। दोनों पिछले पैरों में गहरे घाव हैं, कीड़े पड़ गए हैं। अभी हम उसका इलाज कर रहे हैं।
सुरेश महापात्र: सर, मैंने अभी पीसीसीएफ सर से बात की, उन्होंने कहा कि आप डिटेल बताएंगे। ये बाघ अगर किसी को मारा है या किसी की हत्या हुई है, तो वो कौन था? आपके पास क्या जानकारी है?
संदीप बलगा: देखिए, अभी जांच चल रही है। ऑफिशियली मैं इतना ही कह सकता हूं कि एक घायल बाघ को रेस्क्यू किया गया है, और हम उसका उपचार कर रहे हैं। बाकी जो कारण हैं, वो जांच के बाद ही बता पाएंगे।
सुरेश महापात्र: सर, लेकिन बीजापुर के लोग तो पहले से जानते थे। मुझे मोटा-मोटी जानकारी चाहिए। ये जो चोट है, मैंने वीडियो देखा, उसमें तार निकाला जा रहा है पैर से। जंगल में तार कौन लगाएगा, जहां बाघ घूम रहा हो?
संदीप बलगा: हां, वही तो हम जांच कर रहे हैं। तार का मामला सामने आया है, लेकिन ये कैसे और किसने लगाया, ये जांच के बाद ही साफ होगा। अभी मैं ऑफिशियली कुछ और नहीं कह सकता। जांच पूरी होने के बाद जो निष्कर्ष निकलेंगे, वो आपको बताएंगे।
सुरेश महापात्र: ठीक है, सर। ये बाघ की उम्र कितनी होगी? और इंद्रावती टाइगर रिजर्व में कुल कितने बाघ हैं अभी?
संदीप बलगा: उम्र के बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि 4 से 5 साल के बीच हो सकती है, लेकिन ऑफिशियल पुष्टि नहीं कर सकता। बाघों की संख्या की बात करें तो, हमारे पास 6 से 8 बाघों की पुष्टि है। लेकिन नक्सल प्रभाव की वजह से कैमरा ट्रैप लगाने में दिक्कत होती है, तो सटीक सेंसस नहीं हो पाता। हर चार साल में गणना होती है, उसमें भी कई चुनौतियां हैं।
सुरेश महापात्र: सर, न्यूज तो बाहर आ रही है। बीजापुर में लोगों को पहले से पता था। फिर भी आप कह रहे हैं कि जांच के बाद बताएंगे?
संदीप बलगा: हां, देखिए, बीजापुर में लोगों को जानकारी थी, लेकिन हम चाहते हैं कि जांच पूरी हो जाए ताकि सही तथ्य सामने आएं। न्यूज से पहले हमें सारी चीजें कन्फर्म करनी हैं। मेरी तरफ से ऑफिशियल वर्जन यही है। बाकी आप जो ठीक समझें, वो करें।
सुरेश महापात्र: ठीक है, सर। कोई दिक्कत नहीं। मैं देख लूंगा। बस इतना बता दीजिए, ये जांच कब तक पूरी होगी?
संदीप बलगा: अभी टाइमलाइन नहीं बता सकता। हम जल्द से जल्द जांच पूरी करने की कोशिश कर रहे हैं। जैसे ही कुछ ठोस निकलेगा, हम जानकारी साझा करेंगे।