अंधेरे को दूर कर चार गांवों में फैलेगा शिक्षा का उजियारा,
कलेक्टर ने ग्रामीणों की मांग पर संवेदनशील ईलाकों में दी स्कूल खोलने की मंजूरी
बीजापुर ।जिले के अंतिसंवेदनशील गंगालूर क्षेत्र के दूरस्थ व पहुंच विहीन ईलाकों में ग्रामीणों की मांग पर 04 गांव में स्कूल प्रारंभ करने की स्वीकृति कलेक्टर रितेश अग्रवाल ने दी है। क्षेत्र के ग्रामीणों ने 05 सूत्रीय मांगो में प्रशासन से स्कूल खोलने की मांग रखी थी जिसपर त्वरित कार्यवाही करते हुये कलेक्टर ने 15 सालो से बंद पड़े स्कूलों को फिर से चालू कर अस्थायी शेड निर्माण की स्वीकृति दी है।
विकासखण्ड बीजापुर के गंगालूर क्षेत्र के अधिकांश स्कूल संवेदनशील एवं पहुंच विहीन क्षेत्र होने के कारण सलवा-जुडूम अभियान के दौरान से लगभग 15 सालों से बंद पडे़ है । 29 जून को गंगालूर ईलाके के ग्रामीणों ने 5 सूत्रीय मांगो को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा । ग्रामीणों की मांग पर कलेक्टर ने तत्काल गंगालूर ईलाके के पेददाजोजेर, कमकानार, मल्लूर, और बुरजी में 04 स्थानों पर अस्थायी शेड के साथ स्कूल प्रारंभ करने की स्वीकृति दी है। उक्त सभी स्थानों पर स्कूल प्रांरभ करने के लिए बच्चों का सर्वे किया जा रहा है जिसमें तकरीबन 300 से ज्यादा बच्चों के दर्ज होने की संभावना है। इन स्कूलों के संचालन के लिए कलेक्टर के मागदर्शन में शिक्षा विभाग द्वारा पाठ्य-पुस्तक, मध्यान्ह भोजन, बर्तन, टाटपटटी, गणवेश आदि आवश्यक सामाग्री की व्यवस्था की जा रही है। वर्तमान में शेड निर्माण होने तक ग्रामीणों द्वारा अस्थायी झोपड़ी निर्माण किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि सलवा-जुडूम के दौरान जिले के सैकड़ो स्कूल बंद हो गये थे जिसके चलते इन ईलाको के बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे थे। इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुये कलेक्टर ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कोई भी बच्चा ड्राॅप आऊट व अप्रवेशी न रहे इसके लिए हर संभव प्रयास कर शिक्षा के क्षेत्र में शत-प्रतिशत बच्चों की भागीदारी सुनिश्चित करे।