Madhya Pradesh

धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान

धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान

जनजातीय समुदायों के समग्र विकास के लिये तेज़ी से बढ़ते कदम
केन्द्र सरकार ने जनजातीय समुदायों के समग्र विकास और उनके जीवन स्तर को सुधारने की दिशा में बड़ा कदम उठाया

भोपाल

केन्द्र सरकार ने जनजातीय समुदायों के समग्र विकास और उनके जीवन स्तर को सुधारने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इसी क्रम में 2 अक्टूबर 2024 से 'धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान' की शुरुआत की गई है। इस अभियान का उद्देश्य मध्यप्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों में जनजातीय आबादी के लिए समान अवसरों का सृजन, सामाजिक-आर्थिक स्तर का विकास, बुनियादी ढांचे के सुधार और स्वास्थ्य, शिक्षा व आजीविका के क्षेत्र में ठोस प्रगति करना है।

जनजातीय कार्य, लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने बताया कि प्रदेश के 51 जिलों के 267 विकासखंडों में स्थित 11 हजार 377 जनजातीय गांवों को इस अभियान का लाभ मिलेगा। यहां 43 जनजातीय समुदायों के 18 लाख 58 हजार परिवार निवास करते हैं, जिनकी कुल 93 लाख 23 हजार आबादी इस अभियान से लाभान्वित होगी। उन्होंने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर इन जनजातीय गांवों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए समन्वित प्रयास कर रही हैं।

अभियान के प्रमुख लक्ष्य

अभियान में सभी जनजातीय परिवारों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए कौशल विकास, उद्यमिता संवर्धन और स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। सभी पात्र जनजातीय परिवारों को पक्का घर उपलब्ध कराना और उनके गांवों में सड़क, पानी, बिजली जैसी बुनियादी सेवाओं का विस्तार किया जायेगा। अधिक से अधिक मोबाइल मेडिकल यूनिट्स (एमएमयू) की स्थापना की जाएगी, ताकि स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर पहुंच सुनिश्चित की जा सके। इसी प्रकार जनजातीय क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा जनजातीय बहुउद्देशीय विपणन केंद्र (टीएमएमसी) शुरू करने के प्रयास किये जायेंगे, जिससे जनजातीय परिवारों को उनकी अपनी कला, संस्कृति, चित्रकारी, वनोपज संग्रहण, शहद, कोदो-कुटकी, ज्वार-बाजरा, महुआ से तैयार उत्पादों, जड़ी-बूटी से प्राकृतिक उपचार ज्ञान कौशल की बेहतर मार्केटिंग हो सकें और जनजातियों की उन्हीं के गांव में ही आमदनी बढ़ाई जा सके। इससे जनजातियां पलायन भी नहीं करेंगी।

अभियान में 25 प्रकार की नागरिक सेवाएं/सुविधाएं जनजातीय समुदायों को प्रदान की जाएंगी, जो 18 लाइन मंत्रालयों/विभागों के द्वारा संचालित की जाएंगी। ये मंत्रालय अनुसूचित जनजातियों के लिए विभागीय विकास कार्ययोजना (DAPST) के तहत अपनी बजट राशि से पांच वित्त वर्षों (2024-25 से 2028-29) तक जनजातीय क्षेत्रों में विकासमूलक काम करेंगे।

केन्द्र सरकार के ग्रामीण विकास, जल शक्ति, विद्युत, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, कौशल विकास, कृषि, दूरसंचार और जनजातीय कार्य मंत्रालय/विभाग इस अभियान में प्रमुख रूप से शामिल होंगे।

अभियान के लिय मध्यप्रदेश ने की है बड़ी तैयारी

मध्यप्रदेश ने इस अभियान का अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए तेजी से तैयारी की है। सितंबर माह में अभियान की रूपरेखा तैयार होते ही राज्य सरकार ने 1226 करोड़ रुपये लागत के कार्य प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिये हैं। इस राशि से जनजातीय क्षेत्रों में अधोसंरचना विकास, स्वास्थ्य सुविधाएं, गांव-गांव तक पहुंच रोड और कौशल विकास प्रशिक्षण के जरिये रोजगार के अवसरों का विस्तार किया जाएगा।

प्रमुख सचिव, जनजातीय कार्य विभाग डॉ. ई. रमेश कुमार ने बताया कि राज्य सरकार इस अभियान के अंतर्गत जनजातीय क्षेत्रों में अधिकाधिक मात्रा में मोबाइल मेडिकल यूनिट्स और जनजातीय बहुउद्देशीय विपणन केंद्रों की स्थापना के लिए विशेष प्रयास कर रही है।

केंद्र सरकार के 18 मंत्रालय और विभागों द्वारा जनजातीय समुदायों के लिए विशेष सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा पीएम आवास योजना (ग्रामीण) के तहत पक्का घर और पीएम ग्रामीण सड़क योजना के तहत गांवों को मुख्य मार्गों से जोड़ा जाएगा। जल शक्ति मंत्रालय जल जीवन मिशन के माध्यम से पात्र गांवों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति करेगा, जबकि ऊर्जा मंत्रालय अविद्युतीकृत गांवों और बसाहटों में बिजली पहुंचाने का कार्य करेगा।

यह अभियान केंद्र सरकार के समग्र विकास के प्रयासों का हिस्सा है, जिसमें प्राथमिकता के आधार पर जनजातीय समुदायों को सामाजिक और आर्थिक मुख्यधारा से जोड़ने की योजना बनाई गई है। इसके माध्यम से अगले पांच वर्षों में जनजातीय आबादी के समग्र विकास के लिए ठोस कार्य किए जाएंगे।

अभियान के सफल क्रियान्वयन से प्रदेश की जनजातीय आबादी को बुनियादी सेवाओं का सीधा लाभ मिलेगा। इससे इन क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, और बुनियादी ढांचे में सुधार होगा, जो समग्र राष्ट्रीय विकास में अहम योगदान देगा।