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लोहारीडीह : मौतों के तांडव से लेकर सरकार के मरहम तक की कहानी… कांग्रेस के दौर में बिरनपुर के मुकाबले लोहारीडीह में विष्णु सरकार का रवैया…

सुरेश महापात्र। छत्तीसगढ़ में कवर्धा जिले में जमीन विवाद की रंजिश से शुरू हुई समस्या मौत और हत्या से आगे बढ़ते हुए अब व्यापक रूप ले चुकी है। छत्तीसगढ़ में हालिया मॉब लिंचिंग की यह दूसरी बड़ी घटना है। बड़ी बात यह है कि यह मॉब लिंचिंग एक ही समाज के दो समूहों के बीच सामने आई है। पहली घटना सुकमा जिले में टोनही के नाम पर हुई जिसमें पांच लोगों की मौत हुई। बस्तर में अपनी तरह की यह पहली वारदात है। वहीं छत्तीसगढ़ के दूसरे कोने में कवर्धा

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शक्तिपीठ क्षेत्र में पब्लिक सर्विस को सुदृढ़ करेगा दंतेवाड़ा धाम प्रबंधन सोसायटी…

इम्पेक्ट न्यूज। दंतेवाड़ा। बीते 08 अप्रैल 2024 को दंतेवाड़ा जिले में पहली बार दंतेवाड़ा धाम प्रबंधन समिति के नवीन प्रारूप को लेकर कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने जानकारी सार्वजनिक की थी। तीन माह बाद इस योजना को मूर्तरूप देने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। इसके तहत जिला प्रशासन द्वारा दंतेवाड़ा धाम प्रबंधन सोसायटी के माध्यम से जिले में संचालित हो रहे समस्त शासकीय परिसम्पतियों एवं संसाधनों के रख रखाव करने के साथ-साथ उन्हें बहुउद्देशीय तथा उन्हें आम जनों के लिए अधिक उपयोगी बनाए जाने की योजना है। दरअसल दंतेवाड़ा

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दो महिलाओं को एक ही खाता आबंटित कर दिया बैंक ने, कई साल तक चलता रहा लेन-देन दक्षिण बस्तर का अजीब मामला…

एक खाता, दो हमनाम दावेदार, अजब बैंक का गज़ब कारनामा (एक्सक्लूसिव ) शैलेन्द्र ठाकुर। दंतेवाड़ा। आपने एक संयुक्त बैंक खाते में दो या अधिक खातेदारों का नाम सुना व देखा होगा, लेकिन एक ही सिंगल खाता के लिए दो हमनाम खातेदारों को अलग-अलग पासबुक, वह भी सचित्र जारी करने का मामला पहली बार सुना होगा। जी हां । ऐसा अजीब मामला दंतेवाड़ा में संचालित छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक शाखा 1207 में सामने आया है। इस बैंक ने पंडेवार निवासी महिला श्यामबती पति उमाशंकर, खाता क्रमांक 7702642066-2 के नाम से दोनों

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एर्राबोर हादसे के 18 साल बाद एक डाक्यूमेंट्री ERRABORE MASSACRE 2006 ने पूरा सच उजागर किया…

इम्पेक्ट न्यूज। रायपुर। आज से करीब दो दशक पहले बस्तर में माओवादियों के खिलाफ आदिवासियों के स्वस्फूर्त विरोध के अभियान सलवा जुड़ूम के दौर में बहुत सी घटनाएं दर्ज हैं। इसी दौर में वर्ष 2006 में अब सुकमा जिला के एर्राबोर कैंप में माओवादियों ने एक बड़ा हमला किया था। यह हमला सशस्त्र पुलिस बल के खिलाफ ना होकर निरीह आदिवासियों के अस्थाई आवास पर किया गया। पूरे कैंप में मार—काट मचाते हुए ताड़ के पत्तों से बने आदिवासियों के झोपड़ियों को माओवादियों ने फूंक दिया। इस हमले में करीब

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सिस्टम ने नहीं सुनी तो दशरथ बन गए धनगोल के बाशिंदें! ताड़ वृक्ष के तनों से तान दी जुगाड़ की पुलिया…

पी रंजन दास। बीजापुर। ताड़ के तनों से तान दी जुगाड़ की पुलिया ! बिहार के दशरथ मांझी पर बनी फिल्म मांझी द माउंटेन मेन आपने जरूर देखी होगी। फिल्म के आखिरी दृश्य में दशरथ कहते है कि भगवान के भरोसे ना बैठे, क्या पता भगवान हमारे भरोसे बैठा हो। फिल्म के इस डॉयलाग से ठीक इत्तफाक रखती है बीजापुर के धनगोल पंचायत की कहानी। जहां प्रशासन से एक अदद पुलिया की फरियाद करते थक चुके ग्रामीण अब प्रशासन से उम्मीद से छोड़ बारिश में पेश आने वाली कठिनाईयों से

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20 साल बाद बजेगी स्कूल की घंटी, माओवाद प्रभावित मुदवेंडी में…

पी रंजन दास। बीजापुर । 20 सालों से शिक्षा के प्रकाश से वंचित मुदवेंडी गांव में नए शिक्षा सत्र में स्कूल की घंटी बजनी शुरु हो जाएगी। सड़क और सुरक्षा के विस्तार के बाद जिला प्रशासन के प्रयासों से अब मुदवेंडी के बच्चों को शिक्षा के अधिकार का लाभ मिलेगा और अशिक्षा के अंधकार से मुक्ति मिलेगी। नियद नेल्लानार के जरिये विकास की पहूँच और स्कूल वेंडे वर्राट पंडूम से शिक्षा की मुख्यधारा में लौटने की अपील का असर अब माओवाद प्रभावित इलाकों में दिखने लगा है। 20 सालों  से

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नक्सलगढ़ में बच्चों को भाया “तंबू क्लासरूम”! बंदूक की जगह छड़ी थाम अफसर-जवान जगा रहे शिक्षा की अलख…

बीजापुर के पालनार गांव से आई सुखद तस्वीर पी रंजन दास। बीजापुर। छत्तीसगढ़ के घोर माओवाद प्रभावित बीजापुर के पालनार गांव में सीआरपीएफ की एक तंबु वाली क्लासरूम मिसाल बनकर उभरी है। सीआरपीएफ ने गांव के बच्चों का बेहतर भविष्य गढ़ने के उद्देश्य टेंट को ही क्लासरूम बना दिया है। जिसमें अफसर से लेकर जवान गांव के बच्चों को ककहरा से लेकर अंकगणित, विज्ञान, अंग्रेजी जैसे विषय पढ़ा रहे हैं। सीआरपीएफ 202 कोबरा क्लासरूम का संचालन कर रही है। जिसे कोबरा क्लासेस का नाम भी दिया गया है। बच्चों के

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जो कभी माओवादी दस्ते का हिस्सा थी अब वह हैं देश सेवा के लिए महिला कमांडो…

पी रंजन दास। बीजापुर। सियारी के पत्तों से पत्तल और दोना, चूल्हा-चौकी के साथ बस्तर की फिजा में मांदर की थाप और बांसूरी की सुरीली आवाज को लौटाने, यहां शांति बहाली के लिए महिलाएं भी पुरूषों के साथ कदम से कदम मिलाकर नक्सलियों को उनके ही गढ़ में मुंहतोड़ जबाव दे रही हैं। बस्तर में इस समय नक्सलियों के खिलाफ छिड़ी निर्याणक जंग में महिला कमांडोज को भी युद्धग्रस्त इलाकों में उतारा गया है। इनमें समर्पित महिला माओवादी भी शामिल है जो कल तक लोकतंत्र की मुखालफत में हथियार लेकर

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…तो फिर दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में नही गूंजेगी बच्चों की किलकारियां!

विनोद सिंह. दंतेवाड़ा। जिला अस्पताल दंतेवाड़ा से प्रसूति एवम शिशु विभाग को गीदम MCH में शिफ्टिंग की तैयारी चल रही है।अगर खबर सही है तो कुछ दिनों बाद जिला अस्पताल में बच्चों की किलकारियां सुनाई नही पड़ेगी।अगर आपके बच्चे को बुखार भी आया तो उसके इलाज के लिए गीदम MCH जाना पड़ेगा। जिला चिकित्सा विभाग में पिछले एक साल से एक खिचड़ी पक रही है।तत्कालीन जिला कलेक्टर ने लगभग 1 वर्ष पहले जिला हस्पितल के अनिवार्य फैकल्टी प्रसूति एवं  शिशु विभाग को गीदम MCH में शिफ्ट करने की योजना बनाई

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CG IMPACT लगातार : सरकार बदल गई पर किलोल का सवाल अब तक कायम…! अब बजट सत्र में पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के सवाल से असल जवाब मिलने की उम्मीद…

सुरेश महापात्र। कांग्रेस के कार्यकाल में विधानसभा के आखिरी सत्र में किलोल बाल पत्रिका खरीदी पर काफी बवाल मचा था। संकुल के लिए पुस्तकों में से एक किलोल और बाल पत्रिका की खरीदी प्रक्रिया में अनियमितता के आरोप लगे थे। पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर में आरोप लगाया था कि निजी लोगों पर भी दबाव डालकर किलोल पत्रिका खरीदने के लिए मजबूर किया गया है। भारत सरकार से समग्र शिक्षा अंतर्गत सभी शालाओं के लिए स्तर के हिसाब से राशि मुहैया करवाई जाती है। जिसके लिए केंद्रीकृत खरीदी समग्र शिक्षा द्वारा

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