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छत्तीसगढ़ में एक और IAS की राजनीति में एंट्री… कोंडागांव के पूर्व कलेक्टर नीलकंठ टेकाम भाजपा में शामिल… केशकाल से चुनाव लड़ना तय…

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इम्पेक्ट न्यूज़। केशकाल/रायपुर।

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव हने से पहले अब जमीन पर सिस्टम का प्करति करने वाले अफसर राजनीति के मैदान में उतरते दिख रहे हैं। हाल ही में कांग्रेस में एक पूर्व आईएएस ने शामिल होकर सक्ईरि राजनीति में एंट्री ली थी आज कोंडागांव के पूर्व कलेक्टर नीलकंठ टेकाम ने कोंडागांव ज़िले में आयोजित भाजपा के कार्यकर्ता सम्मेलन में भाजपा का दामन थाम लिया है। वे अपने समर्थकों के साथ पार्टी में शामिल हुए।

उन्होंने इस्तीफ़ा देकर नौकरी छोड़ दिया है। उनके वीआरएस पर निर्णय में विलंब हो रहा था। इस्तीफ़ा देने की कई वजहों में से एक पॉलिटिकल प्रेशर भी बताया जा रहा है।इस तरह से चुनावी रण में एक और IAS की एंट्री हो चुकी है। कोंडागांव में 3000 समर्थकों के साथ टेकाम ने भाजपा में शामिल हो गए। बीते विधानसभा चुनाव से ठीक पहले युवा आईएएस ओम प्रकाश चौधरी ने राजनीति में एंट्री ली थी। वे भाजपा की टिकट पर खरसिया से चुनाव भी लड़े। श्री टेकाम केशकाल से भाजपा के संभावित प्रत्याशी हैं। यह सीट फ़िलहाल कांग्रेस के लिए मजबूत दिखाई दे रही है।

कार्यक्रम के दौरान नीलकंठ टेकाम ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि प्रशासनिक अधिकारी रहते जो सहयोग मुझे मिला, उससे ज्यादा विश्वास और सहयोग लोगों का मिलेगा. आने वाले दिनों में हम छत्तीसगढ़ और बस्तर के लिए जरुर कुछ कर के दिखाएंगे. आगे उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुझे जबरदस्ती तीन साल से बेवजह बैठाकर रखा गया था. लेकिन अब पहले जो छोटी-मोटी बाधाएं आती थीं अब वो बाधाएं नहीं रहेंगी. हम खुलकर के काम करेंगे

छात्र जीवन से बुनियादी समस्याओं के समाधान के लिए सक्रिय रहे नीलकंठ टेकाम का जन्म कांकेर के अंतागढ़ ब्लॉक में हुआ. यहां प्रारंभिक शिक्षा के बाद आगे की पढ़ाई के लिए वे कांकेर जिला मुख्यालय में आ गए. जहां कॉलेज की पढ़ाई के साथ ही छात्र राजनीति में वे सक्रिय हो गए. कॉलेज के हॉस्टल में रहकर ही लोकतंत्र की नर्सरी कहे जाने वाली छात्र संघ चुनाव में हिस्सा लेकर अपने कॉलेज का प्रतिनिधित्व करने लगे और 1987-88 कांकेर महाविद्याल के छात्र संघ अध्यक्ष निर्वाचित हुए.

7 दिन के लिए बनाए गए शिक्षक

यहीं से समाज सेवा को लेकर टेकाम का सफर शुरु हुआ. वहीं 1989 में समाज शास्त्र स्नातकोत्तर के बाद मात्र 7 दिनों के लिए 1991 में शिक्षक के रूप में टेकाम चयनित हुए. कुछ ही दिनों के बाद अविभाजित मध्यप्रदेश में खंडवा महिला कॉलेज में प्रोफेसरी और इसके बाद 1994 में मध्यप्रदेश पीएससी में टॉप सूची में शामिल हुए. बतौर डिप्टी कलेक्टर चयनित होकर बस्तर का नाम गौरवान्वित किया.

2008 में मिला आईएएस आवार्ड

मध्यप्रदेश के धार जिले में एसडीएम रहकर उन्होंने सेवाएं दी. उसके बाद छत्तीसगढ़ राज्य विभाजन के बाद मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ केडर ऐलॉट होने पर रायपुर पहुंचे और उनकी तैनाती जगदलपुर एसडीएम के तौर पर हुई. इसके साथ ही 2008 में उन्हें आईएस अवार्ड मिला और वे बस्तर के कोण्डागांव जिले में कलेक्टर बनाए गये। जब टेकाम कोण्डागांव के कलेक्टर थे तब उनके काम को नीति आयोग ने सराहा था और देश में पहले स्थान पर थे। बतौर कलेक्टर आज भी उनके काम को याद किया जाता है। छत्तीसगढ़ के मंत्रालय में कई पदों में अपनी सेवाएं देने के बाद अब समाज में और बेहतर करने के सपने सजाए प्रोफेसरी से कलेक्ट्री करने वाले नीलकंठ टेकाम भाजपा का दामन थाम चुके हैं। अब देखना होगा एक प्रोफेसर और कलेक्टर राजनीति में कितना सफल हो पाते हैं।