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भारत ने की टी20वर्ल्डकप पर विराट जीत, 17 साल बाद भारत फिर बना चैम्पियन

नई दिल्ली
करीब डेढ़ अरब भारतीयों की दुआओं और उम्मीदों पर खरा उतरते हुए रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम ने एकजुटता, साहस और संयम के तालमेल का अद्भुत प्रदर्शन करते हुए साउथ अफ्रीका को रोमांचक मुकाबले में 7 रन से हरा कर टी20 वर्ल्ड कप 17 साल बाद भारत की झोली में डाल दिया। भारत ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी करते हुए 7 विकेट पर 176 रन बनाए, जिसके जवाब में साउथ अफ्रीका की टीम 8 विकेट पर 169 रन ही बना सकी। 17 साल बाद यह पहला मौका है जब भारत ने टी20 वर्ल्ड कप अपने नाम किया है। महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में 2007 में भारत ने पहली बार टी20 का विश्वकप जीता था। इससे पहले भारत के हाथ आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप 2011 में आया था, जिसके बाद भारत ने 2013 में चैंपियंस ट्राफी अपने नाम की थी। इस लिहाज से भारत के हाथ 11 साल बाद कोई आईसीसी ट्रॉफी हाथ आई है।

जीत के बाद कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली एक-दूसरे के गले लगकर रो पड़े। हार्दिक पांड्या, सूर्यकुमार यादव, ऋषभ पंत समेत हर भारतीय खिलाड़ी की आंखें नम थीं। कमेंटरी बॉक्स में भारतीय टीम के पूर्व गेंदबाज इरफान पठान भी फूट-फूट कर रोए। उन्होंने कहा कि रोहित की टीम ने आज कमाल कर दिया। वह इस टीम के शुक्रगुजार हमेशा रहेंगे, जिन्होने उनका सपना साकार कर दिया।

यह मेरा आखिरी टी20 वर्ल्ड कप था: कोहली
रोहित शर्मा और विराट कोहली के लिए यह वर्ल्ड कप काफी अहम था। विराट ने टीम के विश्व विजेता बनने के साथ ही टी 20 के फॉर्मैट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। संभावना है कि रोहित शर्मा भी क्रिकेट के इस फॉर्मैंट से संन्यास ले सकते हैं। कोच राहुल द्रविड़ के लिए भी यह विश्वकप काफी मायने रखता था। द्रविड़ की कप्तानी भारत 2007 में वनडे वर्ल्ड कप के ग्रुप स्टेज में ही बाहर हो गया था। विश्वकप की जीत के बाद भावुक विराट ने कहा, 'यह मेरा आखिरी टी20 वर्ल्ड था। मैं इससे पहले छह टी20 विश्वकप में खेल चुका हूं। अब वक्त आ गया है जब नई प्रतिभाओं को मौका मिले। मैंने खेल का भरपूर आनंद लिया और यह लम्हा मेरी जिंदगी के लिए यादगार रहेगा। उन्होने कहा कि इस जीत के लिए टीम का हर सदस्य बराबर का हकदार है। सभी ने बेहतरीन खेल दिखाया, जिसके चलते भारत यह विश्वकप अपने नाम कर सका।

विकेट गिरने से बैकफुट पर आ गया था भारत
विराट कोहली (76) की सूझबूझ भरी पारी और अक्षर पटेल (47) के साथ 72 रनों की महत्वपूर्ण भागीदारी की मदद से भारत ने 7 विकेट पर 176 रनों का स्कोर खड़ा किया। लगभग पूरे टूर्नामेंट में खामोश रहने वाला विराट का बल्ला आज खिताबी मुकाबले में जमकर दहाड़ा। विराट ने मार्को यानसन के पहले ओवर में तीन चौके लगाकर अपने इरादों का इजहार किया। भारत ने पहले ओवर में 15 रन जुटाए,उस समय लग रहा था कि इस पिच पर 200 से ऊपर का स्कोर खड़ा हो सकेगा मगर दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों ने जबरदस्त वापसी करते हुए पहले पावर प्ले में ही भारत के तीन महत्वपूर्ण विकेट रोहित शर्मा (9), ऋषभ पंत (0) और सूर्यकुमार यादव (3) का विकेट झटक कर टीम इंडिया को बैकफुट पर धकेल दिया और मैदान पर सन्नाटा छा गया।

फाइनल में चला विराट का बल्ला
रोहित और ऋषभ के विकेट केशव महाराज ने निकाले, जबकि सूर्यकुमार कसिगो रबाडा की गेंद को पुल करने के प्रयास में डीप स्कावयर लेग पर धरे गए। इस कठिन समय पर विराट का साथ देने आए अक्षर ने संयमित बल्लेबाजी करते हुए भारत के स्कोरबोर्ड को बढ़ाया और दोनों बल्लेबाजों ने चौथे विकेट के लिए अहम 72 रन जोड़े। विस्फोट के साथ पारी की शुरुआत करने वाले विराट ने सूझबूझ का परिचय देते हुए बाउंड्री की बजाय विकेट के बीच दौड़ लगाने को प्राथमिकता दी। आखिरी के ओवर में उन्होने गियर बदलते हुए अपने चिरपरिचित अंदाज में दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों की बखिया उधेड़ कर रख दी। वह पारी के 19वें ओवर में मार्को यानसन का शिकार बने, जब मिडिल और लेग में बैक आफ लेंथ गेंद को पुल करने के प्रयास में गेंद का बल्ले से संपर्क ठीक से नहीं हो सका और रबाडा ने दौड़कर उनका कैच लपक लिया। उन्होंने 59 गेंद खेल कर छह चौके और दो छक्के लगाए, जबकि चौथे विकेट के रुप में रन आउट होने से पहले अक्षर ने 31 गेंद की पारी में एक चौका और चार छक्के जड़े। आखिरी के ओवर में शिवम दुबे (27) रन गति बढ़ाने के प्रयास में अपना विकेट थमा बैठे। पांड्या पांच रन बनाकर नाबाद लौटे।

अच्छी नहीं रही साउथ अफ्रीका की शुरुआत
177 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीका की शुरुआत अच्छी नहीं रही और दूसरे ओवर में जसप्रीत बुमराह ने रीजा हेंड्रिक्स (4) को बोल्ड कर पवेलियन भेज दिया। अगले ही ओवर में अर्शदीप सिंह ने कप्तान एडन मारक्रम (4) को आउट कर दक्षिण अफ्रीका को दूसरा झटका दिया। इसके बाद क्विंटन डिकॉक और ट्रिस्टन स्टब्स ने पारी को संभाला। दोनों के बीच तीसरे विकेट के लिए 58 रनों की साझेदारी हुई। इस साझेदारी को अक्षर पटेल ने नौवें ओवर में स्टब्स 21 गेंदों में (31) को आउट कर तोड़ा। हेनरिक क्लासेन बल्लेबाजी करने आए और उन्होंने डिकॉक के साथ मोर्चा संभाला। 13वें ओवर में अर्शदीप सिंह ने डिकॉक 31 गेंदों में 39 रन को आउट कर पवेलियन भेज दिया। हेनरिक क्लासेन रुके नहीं और ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए 27 गेंदों में 52 रन जोड़ कर अपनी टीम को जीत की ओर अग्रसर कर दिया।