बीजापुर में पंचायतों के फंड पर डाका डालने की कोशिश… जिला पंचायत सीईओ की भूमिका पर उठ रहे सवाल… कलेक्टर ने फर्म के चैक करने पर रोक लगाई… कांग्रेस पदाधिकारी अजय सिंह ने उठाया मामला…
इम्पेक्ट न्यूज. रायपुर।
बीजापुर जिला के ग्राम पंचायतों में जमा करीब 34 करोड़ रुपए में डाका डालने की कोशिश की जा रही है। जो फंड ग्राम पंचायतों में बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए 14 वें वित्त आयोग द्वारा प्रदान की गई है उस राशि पर सप्लायरों की नजर लग गई है और इसमें फर्जी बिल द्वारा निकासी की योजना का खुलासा हो गया है।
14वें वित्त आयोग की जिस राशि को लेकर बवाल मचा हुआ है। इससे जुड़े मामले को कांग्रेस के प्रदेश पदाधिकारी अजय सिंह ने उठाया है और कलेक्टर से जिला पंचायत सीईओ की भूमिका पर सवाल खड़ा किया है।
श्री सिंह के मुताबिक जिले के सभी पंचायतों में बिना पंचायतों की सहमति के करीब 20 से 25 लाख रुपए के बिल थमाए जा रहे हैं। इसमें बर्तन, साउंड सिस्टम, क्रिकेट व अन्य खेल सामग्री समेत इलेक्ट्रानिक सामान की सप्लाई बतायी जा रही है।
फिलहाल केवल फर्जी बिल थमाकर पैसा पेमेंट के लिए दबाव की शिकायत मिली है। श्री सिंह ने बताया कि इस पूरे मामले को लेकर उनकी विधायक व बस्तर प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विक्रम मंडावी से चर्चा हुई। उनकी सलाह पर ही यह मामला उठाया है।
अजय सिंह के मुताबिक श्री मंडावी ने भी कहा कि यह गैरकानूनी कार्य है जिस कार्य से पंचायतों में पेयजल, विद्युत व्यवस्था संबंधित कार्य का पूरा किया जाना है ताकि पंचायतों की बुनियादी जरूरतों को पूरा किया जा सके। इस राशि को गलत तरीके से खर्च करने की कोशिश पंचायत प्रशासन कर रहा है।
भाजपा ने आरोप लगाते कहा एफआईआर करवाएंगे
इस विषय को लेकर बीजापुर जिला भाजपा अध्यक्ष श्रीनिवास मुद्लियार ने अपने बयान में कहा कि पंचायतों की राशि का दुरूपयोग कांग्रेस विधायक के संरक्षण में हो रहा है। जिस मद के तहत 14 वें वित्त आयोग की राशि प्राप्त होती है उसका उपयोग ग्रामीण इलाकों के बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाना है। इसमें भी सप्लायर और ठेकेदार के माध्यम से कमीशनखोरी करने की कोशिश की जा रही है। इस मामले को लेकर जिला भाजपा अध्यक्ष ने एफआईआर करवाने की बात भी अपने बयान में कही है।
वहीं कांग्रेस नेता व पंचायतों की आड़ में हो रही इस गड़बड़ी को उठाने वाले अजय सिंह कहते हैं कि जिस मामले को स्वयं कांग्रेस ने उजागर किया है उसमें कांग्रेस के विधायक के संरक्षण का विपक्ष का आरोप हास्यास्पद है।
श्री सिंह ने कहा कि इस मामले को लेकर पंचायत मंत्री से बात करने की कोशिश की गई पर उनसे मोबाइल पर संपर्क स्थापित नहीं हो पाया।
देखें वे बिल जिसे पंचायतों में देकर चैक कटवाने का काम चल रहा है…
अजय सिंह ने आरोप लगाया कि इसी तरह के फर्जी बिलों के सहारे भोपालपटनम ब्लाक के करीब दस ग्राम पंचायतों से करीब डेढ़ करोड़ रुपए की निकासी हो भी चुकी है। जिसकी जानकारी कलेक्टर को दिए जाने के बाद कलेक्टर केडी कुंजाम ने तत्काल प्रभाव से पंचायतों के इस तरह के चैक के क्लियर करने पर रोक लगाने का आदेश बैंकों को दिया है।