शिक्षक मोबाइल पर अपलोड करेंगे क्षेत्रीय बोलियों पर आधारित कथा-कहानी, शिक्षा के प्रचार के लिए नई पहल
कलेक्टर रितेश अग्रवाल ने जिले के सभी बीईओ, बीआरसी एवं सीएसी का परिचयात्मक बैठक लेकर शिक्षा सत्र के शुरुआत से पूर्व विभिन्न निर्देश दिए। जिसमें 5 साल से अधिक आयु के बच्चों की सूची निकटस्थ आगंनबाडी केन्द्रों से प्राप्त कर शत् प्रतिशत शालाओं में प्रवेश दिया जावे। शाला अप्रवेशी, शाला त्यागी बच्चे जिनकी आयु 18 साल तक है, सर्वे कराया जाए। विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी,/बीआरसी., सीएसी, प्रधान पाठकों द्वारा बच्चों को स्कूलों में दाखिला करावाया जाए। प्राचार्य ,प्रधान पाठक एवं शिक्षक बच्चों के माता पिता से संपर्क कर सामाजिक जागरुकता विकसित किया जाए। कक्षा 6वी से 12वी तक पढ़ने वाले तथा पात्रता रखने वाले सभी विद्यार्थियों का जाति प्रमाण पत्र एक माह के अंदर बनाया जाने का अभियान चलाया जाए। संस्थाओं में शौचालय साफ सुथरा हो, सभी शौचालय क्रियाशील हो आवश्यकतानुसार मरम्मत , रनिंग वाटर, बाल्टी , मग और हाथ धुलाई हेतु फ्लेटफार्म की व्यवस्था, सभी विद्यालयों में अंशकालीन स्वीपरों की व्यवस्था , सभी स्कूल , छात्रावास, आश्रम शालाओं में वृक्षारोपण पूरी व्यवस्था एवं बाडी बनाकर किचन गार्डन विकसित करने, स्वच्छ पेयजल, धुंआ रहित मध्यान्ह भोजन शेड एवं साफ सफाई, स्थानीय संसाधनों मंे जमीन उपलब्धता के आधार पर स्कूलों की बाउंड्री लकडी या बांस से तैयार करने, मलेरिया से बचाव हेतु छात्रावास , आश्रम एवं पोटाकेबिन में मच्छरदानी का नियमित उपयोग किया जाए, संस्था भवन के समीप गंदे पानी की निकासी के साथ सोखता टंकी की व्यवस्था की जाए। सभी संस्थाओं में जमीन उपलब्धता के आधार पर खेल मैदान विकसित किया जाए , पानी भरने की स्थिति में समतलीकरण करवाया जाए एवं प्राप्त आबंटन से खेल सामाग्री क्रय किया जाए। स्थानीय भाषा , बोलियों (शिक्षा का विकास के संबंध में) के कथा , कहानी, लोक गीतों का संग्रहण कर मोबाईल से अपलोड करें। कबाड़ से जुगाड़ पर आधारित शिक्षण सामाग्री समस्त विकासखण्डों में तैयार करने एवं पढ़ाई तुंहर दुआर का संचालन समस्त विकासखण्डों को करने समेत कई महत्वपूर्ण निर्देश श्री अग्रवाल ने दिया एवं अच्छे से कार्य करने के लिए शिक्षकों को प्रोत्साहित किया। जिले में बंद पड़े स्कूलों को पुनः खोलने के लिए शिक्षकों को कहा एवं उनमे आ रही समस्याओं से अवगत हुए।