cgschool.in से एनआईसी ने पल्ला झाड़ा… स्कूल शिक्षा विभाग ने ली जिम्मेदारी… दो हफ्ते में करीब 27 करोड़ विजिटर का आंकड़ा… यह भी फर्जी होने का अंदेशा…
इम्पेक्ट न्यूज. रायपुर।
‘पढ़ई तुंहर द्वार’ की वेबसाइट cgschool.in से एनआईसी द्वारा विकसित और होस्ट लाइन को हटाया गया। इसकी जगह पर स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा विकसित और होस्ट दर्शाया गया। सीजी इम्पेक्ट ने छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग द्वारा संचालित आन लाइन शिक्षा कार्यक्रम के तहत बनाए गए वेब पोर्टल की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए थे। जिसके लिए यह स्थापित किया कि यह वेब पोर्टल निजी सर्वर पर डाटा एकत्र कर रहा है। लगता है इस मामले में शासन ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
इस वेब पोर्टल की विश्वसनीयता के लिए एनआईसी द्वारा विकसित और होस्ट लिखा गया था। जिसे अब स्कूल शिक्षा विभाग ने हटा दिया है। इस प्रकार से यह स्थापित हो गया कि इम्पेक्ट की खबर पूरी तरह तथ्यात्मक और सत्य पर आधारित रही।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा विकसित और होस्ट की गई इस वेब साइट में अभी भी कई तकनीकी खामियां हैं जिस पर पड़ताल जारी है। दुर्भाग्य की बात है कि इस तरह के गुमराह कार्यक्रम में विभाग प्रमुख ने शासन की छवि को भी ताक पर रख दिया है।
एक चौंकाने वाला तथ्य ये है कि इस वेब साइट पर विजिटर के आंकड़े भी फर्जी हैं। यदि आंकड़े सही हैं तो यह वेबपोर्टल cgschool.in दुनिया का सबसे तेज चलने वाला वेबसाईट स्थापित हो जाएगा। 4 अप्रेल को इस पोर्टल की लांचिंग हुई। महज 16 दिनों में इस पोर्टल पर 26 करोड़ 70 लाख विजिटर का आंकड़ा पार हो गया है। यह अद्भुत है। ऐसा होना अविश्वसनीय है।
क्योंकि इम्पेक्ट ने अपने मोबाइल पर हर सेकेंड में रिफ्रेश किया तो इसमें करीब 2 हजार विजिटर का आंकड़ा बदल गया। यह दुनिया में कहीं संभव नहीं है। वेैसे भी छत्तीसगढ़ की आबादी महज 2 करोड़ 50 लाख है जिसमें से यदि एक करोड़ आबादी को हटा दिया जाता है तो क्या डेढ़ करोड़ आबादी हर पल विजिटर के तौर पर इस cgschool.in वेब साइट पर आन लाइन पढ़ाई करने के लिए जाएगा। यदि यह आंकड़ा सही है तो इसके लिए गुगल एनालिस्टिक रिपोर्ट निकाला जाना चाहिए। ताकि यह स्थापित हो सके कि विजिटर के जो आंकड़े वेब पोर्टल दर्शा रहा है यह सत्य हैं।
18 अप्रेल की शाम स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डा. आलोक शुक्ला ने इसमें 25 करोड़ विजिटर एंटर करने का दावा किया। इसके बाद आज शाम 4 बजे तक करीब दो करोड़ विजिटर बढ़ गए। खैर यह प्रयास स्कूल शिक्षा विभाग वाहवाही लूटने के लिए भी कर रहा हो सकता है। पर यह समझना चाहिए कि शिक्षा से जुड़े विभाग की ऐसी हरकत से छत्तीसगढ़ की छवि पर बुरा प्रभाव भी पड़ सकता है।
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