नक्सलवाद पर #emotional text के साथ विष्णु सरकार… देखें विडियो
पहले एर्राबोर फिर अब हमले से पीड़ितों का हाल बताते विडियो जारी… दिल्ली में प्रदर्शन और गृहमंत्री से आदिवासियों का मिलना…
सुरेश महापात्र। रायपुर।
माओवादी मोर्चे पर छत्तीसगढ़ सरकार अब फ्रंट फुट पर सीधे खेल रही है। बस्तर में माओवादियों के ठिकानों में ताबड़तोड़ हमले में मिल रही जबरदस्त सफलता के बाद माओवादियों से पीड़ितों का हाल बस्तर से दिल्ली तक पहुंच रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार ने माओवादियों के हमलों की हकीकत लोगों के सामने लाने के लिए अब इमोशनल विक्टिम कार्ड खेल दिया है।
आज नई दिल्ली के जंतर मंतर में बस्तर के माओवादी हमलों में बुरी तरह से घायल होने के बाद आदिवासियों ने अपना प्रदर्शन किया। इसके बाद गृहमंत्री से उनकी मुलाकात हुई। गृहमंत्री अमित शाह माओवादी पीड़ितों से मिलने के बाद भावुक हो गए। इस प्रदर्शन में बस्तर संभाग के विभिन्न हिस्सों से माओवादी पीड़ितों का दल छत्तीसगढ़ सरकार के सौजन्य से दिल्ली पहुंचा है। यह अपनी तरह का अभिनव प्रयोग है। जिसमें अब पीड़ितों ने बस्तर से नक्सलवाद मुक्ति का अभियान छेड़ दिया है।
हाल ही में छत्तीसगढ़ सरकार ने करीब दो दशक पुराने एर्राबोर हमले की बरसी पर एक विडियो जारी किया था। जिसमें उस दौरान हमले की हकीकत को सबके सामने लाया। अब आज एक और विडियो यूट्यूब पर जारी किया है। इसमें बीजापुर जिले में माओवादी हमले में किस तरह से आदिवासी पीड़ित हुए हैं उनका हाल है। साथ ही बीहड़ में अब आदिवासियों की दैनिक जिंदगी को पटरी पर लाने के प्रयासों को दिखाया गया है। देखिये ये विडियो
बड़ी बात यह है कि हाल ही में माओवादियों ने दो दशक का अपना रिपोर्ट कार्ड जारी किया। उसमें उन्होंने बताया कि अब तक कितने लोगों की जान जा चुकी है। उनके कितने साथ मारे गए हैं और कितने जवान शहीद हुए हैं। साथ ही बस्तर में हुई मौतों का एक आंकड़ा पहली बार लोगों के सामने आ सका है।
छत्तीसगढ़ में नई सरकार के काम संभालने के बाद गृहमंत्री विजय शर्मा ने बातचीत का खुला आफर दिया। इसके बाद फोर्स भी सधे तरीके से जंगल में एक के बाद एक बड़े कामयाब हमलों में बड़ी सफलता पाई। कई बार कुछ बेगुनाहों की मौतों क खबरें भी आईं पर साथ ही बड़ी तादात में माओवादियों के मय हथियार शवों को देखने के बाद यह प्रमाणित भी हुआ कि बस्तर में फोर्स अब एडवांस तकनीक पर काम कर रही है। इसका श्रेय बस्तर में आईजी पी सुंदरराज को भी जाता है। उन्होंने पूरे बस्तर में अपना मजबूत कमांड स्थापित कर लिया है।
ERRABORE MASSACRE 2006 | CMO CHHATTISGARH | CHAPTER ONE | DOCUMENTARY |BASTAR |
बड़ी बात तो यह है कि सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर और नारायणपुर जिलों के साथ—साथ कांकेर और तेलंगाना, महाराष्ट्र और उड़ीसा के सीमावर्ती इलाकों में माओवादियों को तगड़ा नुकसान पहुंचा है।
छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय के मुख्यमंत्री बनने के बाद पहले पहल यह लग रहा था कि कहीं आदिवासी सीएम का दांव बस्तर में माओवादियों के हमले के बाद उल्टा ना पड़ जाए। पर इसके विपरित बस्तर में इस समय जिस तरह से काम हो रहा है। वह निश्चित तौर पर सरकार की सफलता बताने के लिए उचित ही है। नियद नेल्लानार जैसी योजना के साथ छत्तीसगढ़ सरकार एक तरफ माओवाद प्रभावित इलाकों के विकास के लिए जमीन पर काम करते दिखना चाह रही है।
साथ ही मुठभेड़ों को लेकर लग रहे आरोपों के जवाब में पीड़ितों को सीधे सामने ही खड़ा करने में कामयाबी हासिल कर ली है। सोशल मीडिया में जारी किए जा रहे विडियो से लोगों को साफ दिखाई दे रहा है कि आखिर माओवादियों के मामले में बस्तर ने क्या कुछ खोया है और अब शांति की बहाली के लिए सरकार की मानवीय पहल भी दिखाई दे रही है।