अनेकता में एकता ही हमारे देश की विशेषता है : खेल एवं युवा कल्याण मंत्री सारंग
भोपाल
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने गुरूवार को भोपाल स्थित आईकफ आश्रम, शाहपुरा में आयोजित "अंतर्राज्यीय युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम (ISYEP) 2024-25" के समापन अवसर पर हिमाचल प्रदेश से आए युवा प्रतिभागियों से संवाद किया और उनके अनुभव जाने। मंत्री श्री सारंग ने कहा कि भारत विविधताओं से संपन्न देश है, लेकिन इसकी सबसे बड़ी विशेषता "अनेकता में एकता" है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से अन्य राज्य के युवाओं को एक-दूसरे की संस्कृति, परंपराओं, भाषा और जीवनशैली को समझने का अवसर मिला है, जिससे राष्ट्रीय एकता और सद्भाव को मजबूती मिलेगी। मंत्री श्री सारंग ने सभी प्रतिभागियों को अपने अनुभवों को अपने राज्य में साझा करने और राष्ट्रीय एकता के संदेश को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में विधायक श्री अमर सिंह यादव, नेहरू युवा केन्द्र के राज्य निदेशक श्री राकेश सिंह तोमर और भोपाल की जिला युवा अधिकारी श्रीमती निक्की राठौर भी उपस्थित थीं।
विकसित भारत के निर्माण में युवा निभाएँ अपनी भूमिका
मंत्री श्री सारंग ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के "विकसित भारत-2047" के संकल्प को दोहराते हुए युवाओं को प्रेरित किया कि वे नए भारत के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँ। उन्होंने कहा कि युवा शक्ति ही देश के उज्ज्वल भविष्य की आधारशिला है और यदि युवा राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लें, तो भारत को आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनाने का सपना जल्द ही साकार होगा। उन्होंने युवाओं से नवाचार, तकनीक, स्वच्छता, योग, स्वास्थ्य और सामाजिक समरसता को अपनाने की अपील की, जिससे वे देश के विकास में अपना सार्थक योगदान दे सकें।
हिमाचली लोक-नृत्य "नाटी" पर थिरके मंत्री
मंत्री श्री सारंग के विचारों से प्रेरित होकर हिमाचल प्रदेश से आये युवा बहुत हर्षित दिखे। युवाओं ने मंत्री श्री सारंग को हिमाचल प्रदेश आने और स्वयं के घर रुकने का न्यौता भी दिया। मंत्री श्री सारंग को हिमाचली लोक-नृत्य ‘नाटी’ का प्रदर्शन कर अपने नृत्य में शामिल किया। हर्षित मन से मंत्री श्री सारंग को अपने साथ थिरकते हुए देख सभी अभिभूत हुए।
हिमाचल प्रदेश के युवा मध्यप्रदेश की संस्कृति से हुए रूबरू
पांच दिवसीय अंतर्राज्यीय युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश के नाह (सिरमौर), धर्मशाला (कांगड़ा), ऊना, हमीरपुर और बिलासपुर जिलों से आए 25 युवा प्रतिभागी एवं 2 एस्कॉर्ट ने भाग लिया। इस दौरान उन्होंने भीमबेटका, बिरला मंदिर, शौर्य स्मारक, आदिवासी संग्रहालय और भोपाल के तालाबों का भ्रमण कर मध्यप्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को समीप से जाना।
युवा प्रतिभागियों ने इन गतिविधियों में लिया भाग
कार्यक्रम में युवाओं ने श्रमदान एवं स्वच्छता अभियान में भाग लेकर परिसर की सफाई की और जागरूकता बढ़ाने के लिये प्रभातफेरी निकाली। सांस्कृतिक आदान-प्रदान के तहत हिमाचली लोक-नृत्य "नाटी" का भोपाल के बोट क्लब में प्रदर्शन किया गया। इसके अतिरिक्त युवाओं ने पाक कला सत्र के दौरान हिमाचली व्यंजन सिड्डू तैयार किया और पारंपरिक परिधानों के प्रदर्शन के माध्यम से सांस्कृतिक विविधता को जाना। स्थानीय खेलों जैसे रस्साकशी और पिट्ठू में भाग लेकर उन्होंने टीम भावना का परिचय दिया। साथ ही, योग एवं स्वास्थ्य सत्रों के माध्यम से उन्हें स्वस्थ जीवनशैली और योग के महत्व से अवगत कराया गया।