निर्भया केस : फांसी नहीं रुकेगी, चारों दोषियों का आज आखिरी दिन, अक्षय की पत्नी ने तलाक की अर्जी लगाई…
न्यूज डेस्क. दिल्ली।
दिनांक 16 दिसंबर 2012 की रात से लेकर आज तक 7 साल 3 महीने और 3 दिन बीत चुके हैं। बाद भी निर्भया के साथ दरिंदगी करने वाले चारों दोषियों- मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर को फांसी नहीं दी जा सकी है।
सिद्धदोष इन अपराधियों ने फांसी रोकने के लिए कई तिकड़में कीं और फांसी के आखिरी दिन तक भी पैंतरेबाजी करने में जुटे हैं। फांसी से दो दिन पहले दोषी अक्षय की पत्नी पुनीता ने बिहार की औरंगाबाद जिले की कोर्ट में तलाक की अर्जी लगा दी।
उसकी दलील है कि ‘मैं विधवा की तरह नहीं जीना चाहती, इसलिए फांसी से पहले कानूनी तौर पर हमारा तलाक हो जाए।’ इस याचिका के बाद सवाल है कि क्या इस आधार पर दोषियों की फांसी टल सकती है?
तिहाड़ जेल में लीगल अधिकारी रहे सुनील गुप्ता और सीनियर लॉयर उज्जवल निकम बताते हैं कि तलाक सिविल मामलों में आता है और फांसी क्रिमिनल मामलों में। और क्रिमिनल मामलों पर सिविल मामले असर नहीं डालते। इस कारण 20 मार्च की सुबह 5:30 बजे होने वाली दोषियों की फांसी टलने की संभावना न के बराबर है।
तलाक की अर्जी इसलिए, ताकि फांसी रोकने की कोशिश हो सके
तलाक का मामला पेंडिंग होने की वजह से दोषी डेथ वॉरंट की तारीख आगे बढ़ाने या रद्द करने की अपील कर सकते हैं? तो इस सवाल के जवाब में सुनील गुप्ता और उज्जवल निकम ने कहा कि ये दोषियों के ऊपर है कि वो क्या करते हैं? लेकिन अगर दोषी अपील भी करते हैं तो कोर्ट अब उनकी फांसी नहीं रोक सकती। उज्जवल निकम कहते हैं कि उसकी (अक्षय) की पत्नी ने तलाक की अर्जी इसलिए लगाई होगी ताकि फांसी को रोका जा सके। लेकिन कानून कहता है कि तलाक की वजह से दोषियों की फांसी नहीं टल सकती।
लेकिन दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा- पीड़िता को न्याय मिलना चाहिए
एक तरफ पूरा देश चारों दरिंदों के फांसी पर लटकने का इंतजार कर रहा है, दूसरी तरफ इन दोषियों के वकील एपी सिंह अभी भी फांसी टालने की कोशिश में लगे हुए हैं। एपी सिंह ने कहा- अक्षय की पत्नी पीड़िता है। उसका अधिकार है। अगर अक्षय फांसी दे दोगे, तो उसकी पत्नी के अधिकारों का क्या होगा? वो तो विधवा हो जाएगी।
क्या इस आधार पर डेथ वॉरंट को चुनौती दे दी गई है। फाइल कर दी है पिटीशन। अक्षय और पवन की दूसरी दया याचिका राष्ट्रपति के पास पेंडिंग है। लेफ्टिनेंट गवर्नर के यहां भी पेंडिंग है।
आज निर्भया के दोषियों का आखिरी दिन हो सकता है, क्योंकि
- 14 दिन का समय खत्म : सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन कहती है कि डेथ वॉरंट और फांसी की तारीख में 14 दिन का अंतर होना चाहिए। दोषियों का डेथ वॉरंट 5 मार्च को जारी हुआ था।
- सारे कानूनी रास्ते भी खत्म : फांसी की सजा में दोषी को सारे कानूनी रास्ते इस्तेमाल करने का अधिकार होता है और चारों दोषियों ने अपने सारे कानूनी अधिकार इस्तेमाल भी कर लिए हैं। चारों की रिव्यू पिटीशन, क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका भी खारिज हो चुकी है।
- अगर आज भी कोई पिटीशन लगी, तो भी फांसी टलने की संभावना कम : अगर दोषी फांसी टालने के लिए आज भी कोई पिटीशन लगाते हैं, तो भी उनकी फांसी टलने की गुंजाइश बहुत ही कम है।
- आतंकी याकूब मेमन ने फांसी से एक दिन पहले राष्ट्रपति के पास दया याचिका लगाई थी। दया याचिका खारिज होने के बाद उसके वकील रात में सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचे थे। लेकिन उसके बावजूद उसकी फांसी नहीं रुकी थी।