Madhya Pradesh

नये कानूनों से न्यायालयीन प्रणाली और लोकतंत्र हुआ है समृद्ध : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि न्याय पाना देश के हर नागरिक का कानूनी अधिकार है। वादी को समय पर न्याय दिलाना ही सम्पूर्ण न्याय प्रणाली का एकमात्र लक्ष्य है। न्याय पाने के अधिकार की सुरक्षा करते हुए हमारी सरकार प्रदेश के हर नागरिक को सहज और सुलभ न्याय उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि समय पर न्याय दिलाना एक समाजिक सूत्र है, जिसे हम सभी को अपने-अपने दायरे में पूरी शिद्दत से निभाना चाहिए। उन्होंने कहा कि रियासत काल से ही रीवा क्षेत्र न्याय व्यवस्था की दृष्टि से हमेशा अग्रणी रहा है। इस दिशा में रीवा में आज एक और नए युग का सूत्रपात हुआ है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार को रीवा में नवनिर्मित जिला न्यायालय कॉम्पलेक्स के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस नवनिर्मित भवन को न्याय का मंदिर बताते हुए विश्वास जताया कि इस भवन में आने वाला हर व्यक्ति सहज, सुलभ और पूर्ण न्याय प्राप्त करेगा। उन्होंने कहा कि सच्चे अर्थों में सम्राट विक्रमादित्य ने ही देश में एक सशक्त न्याय प्रणाली की आधारशिला रखी थी और आज भी उनकी वही समृद्ध परम्परा निर्बाध गति से प्रवाहमान है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पिछले डेढ़-दो सालों में ही न्यायालयीन व्यवस्था की बेहतरी के लिए प्रदेश में 30 से अधिक छोटे-बड़े न्यायालय भवनों का लोकार्पण किया गया है और यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारी सरकार न्याय पाने के इच्छुक हर व्यक्ति के लिए जिला न्यायालय में एक सकारात्मक वातावरण तैयार करने तेजी से आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने न्यायिक प्रणाली को अधिक कारगर बनाने के लिए नये कानून बनाए। उन्होंने उच्चतम न्यायालय द्वारा बीते कुछ सालों में दिए गए प्रमुख निर्णयों का जिक्र करते हुए कहा कि इन निर्णयों से सबके दिलों में देश की न्याय व्यवस्था के प्रति श्रद्धा और बढ़ी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि देश की न्यायपालिका ने एक अहम निर्णय लेते हुए अब न्याय की देवी की काली पट्टी खोल दी है, ताकि न्याय की देवी खुली आंखों से सबको न्याय दे सके, यह एक अभूतपूर्व पहल है। न्यायशीलता और न्यायप्रणाली के प्रति अगाध श्रद्धा हम भारतीयों की पहचान है। खुद के साथ-साथ दूसरों के अधिकारों की संरक्षा भी संस्कृति है। इस संस्कृति को हम सबको मिलकर और आगे लेकर जाना है। उन्होंने सर्वसुविधायुक्त नये न्यायालय भवन के लिए रीवावासियों को बधाई देते हुए कहा कि सबके अधिकारों और हितों की रक्षा में यह भवन न्याय के प्रति आस्था का केंद्र बनेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रीवा में न्याय की गौरवशाली परंपरा रही है। भगवान श्रीराम ने अपने वनवास के 11 वर्ष रीवा राज्य के चित्रकूट में बिताकर इस धरती को धन्य किया है। उनकी प्रेरणा से ही राम राज्य की परिकल्पना को साकार करने का बल मिला है।

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश श्री सूर्य कांत ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार सभी क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ रही है। सरकार के सक्रिय सहयोग से 30 नवीन न्यायालय भवनों की सौगात मिली है। रीवा के नवीन न्यायालय भवन में न्यायालयीन प्रणाली से जुड़ी सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इससे आगामी 50 वर्षों की आवश्यकताएं पूरी हो जाएंगी। नवीन भवन में मानवीय मूल्यों की स्थापना हो और कारगर न्यायप्रणाली से निष्पक्ष न्याय मिले। देश की प्रगति के लिए मजबूत न्याय प्रणाली का होना आवश्यक है।

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश श्री जे.के. माहेश्वरी ने कहा कि रीवा में राजा विश्वनाथ सिंह ने वर्षों पहले दो न्यायालयों का गठन किया था। मेताक्षरा न्यायालय में हिन्दू धर्म की परंपराओं के अनुसार तथा धर्मसभा में धार्मिक आधार पर न्याय किया जाता था। नवीन न्यायालय भवन बघेली स्थापत्य और आधुनिकता का अनूठा संगम है। इस भवन में जब करूणा, विवेक और न्याय होगा तभी इसकी आत्मा जागृत होगी।

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश श्री सतीश चन्द्र शर्मा ने कहा कि रीवा में विधि का इतिहास बहुत महत्वपूर्ण है। इसी माटी से निकलकर श्री जी.पी. सिंह हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश तथा जस्टिस जे.एस. वर्मा सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने। यहाँ के कई जज और अधिवक्ता हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपनी प्रतिभा की चमक बिखेर रहे हैं। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश श्री सुरेश कुमार कैत ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के प्रयासों से प्रदेश को 30 नये भवन मिले हैं। रीवा के भव्य न्यायालय भवन में 40 कोर्ट और 750 वकीलों के बैठने की व्यवस्था है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में प्रकरण अधिक हैं लेकिन जजों की संख्या कम है। प्रकरणों के निराकरण के लिए हाईकोर्ट में 32 नये जजों की नियुक्ति की जाना आवश्यक है।