केंद्र सरकार ने दुर्घटना में घायलों के उपचार के लिए डेढ़ लाख रुपये तक के निश्शुल्क उपचार की सुविधा दी
भोपाल
केंद्र सरकार ने दुर्घटना में घायलों के उपचार के लिए निजी या सरकारी अस्पताल में डेढ़ लाख रुपये तक के निश्शुल्क उपचार की सुविधा दी है। इसके लिए देश के सात राज्यों को चुना गया है, जिसमें मध्य प्रदेश भी है। कुछ राज्यों में प्रायोगिक (पायलट) के तौर पर सुविधा प्रारंभ की गई है। राज्य में इसकी जिम्मेदारी आयुष्मान योजना का संचालन करने वाले राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को दी गई है। प्राधिकरण इसकी तैयारी कर रहा है। सबसे पहले हाईवे किनारे के उन अस्पतालों को चिह्नित किया जाएगा जहां आपरेशन थियेटर और घायलों के उपचार के लिए विशेषज्ञ डाक्टर व अन्य सुविधाएं हों।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एयर एंबुलेंस सेवा की समीक्षा के दौरान यह भी निर्देश दिए हैं कि निजी और सरकारी सभी एंबुलेंसों की मैपिंग की जाए।
इससे घायलों को उपचार के लिए उचित अस्पताल में पहुंचाया जा सके।
केंद्र सरकार द्वारा पायलट प्रोजेक्ट में मिले अनुभव के बाद कोई बदलाव होता है तो उसे भी इसमें समाहित किया जाएगा।
आयुष्मान भारत योजना के सीईओ योगेश भरसट ने बताया कि आयुष्मान के अंतर्गत पहले चिह्नित अस्पतालों के अतिरिक्त राजमार्गों के किनारे के आवश्यक सुविधाओं वाले सभी अस्पतालों को योजना में शामिल कर उन्हें आयुष्मान के दायरे में लाया जाएगा।
जहां आयुष्मान और गैर आयुष्मान दोनों तरह के घायलों का उपचार हो सकेगा।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार अभी इस बात पर उलझन है कि सात दिन बाद भी उपचार जारी रहा तो भुगतान कौन करेगा।