Tata Group को 8470 करोड़ मुनाफा, डिविडेंड का भी ऐलान, JLR को लेकर खुशखबरी
मुंबई
ऑटोमोबाइल कंपनी टाटा मोटर्स (Tata Motos Q4 Result) ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (Q4) के नतीजे जारी कर दिए हैं. कंपनी के शुद्ध मुनाफे में 51.7% की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है, जो पिछले वित्तीय वर्ष की समान तिमाही में 17,552 करोड़ रुपये था और इस तिमाही में घटकर 8,470 करोड़ रुपये पर आ गया है.
जबकि कंपनी की आय मामूली बढ़ोतरी के साथ 1,18,927 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है, जबकि EBITDA 0.6% की हल्की बढ़त के साथ ₹16,644 करोड़ पर पहुंच गई. हालांकि, टाटा मोटर्स (Tata Motors) के राजस्व में बढ़ोतरी देखी गई, लेकिन लागत में कटौती और कच्चे माल के दाम में गिरावट के बावजूद मुनाफा उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा.
6 रुपये प्रति शेयर डिविडेंड का ऐलान
इस रिजल्ट के साथ ही कंपनी शेयरधारकों को 6 रुपये प्रति शेयर डिविडेंड देने की सिफारिश की है. यह लाभांश ₹2 फेस वैल्यू वाले शेयरों पर दिया जाएगा और AGM में स्वीकृति के बाद 24 जून 2025 तक भुगतान किया जाएगा.
कंपनी ने लग्जरी वाहन ब्रांड Jaguar Land Rover (JLR) ने SUV सेगमेंट में अच्छा प्रदर्शन किया है.
चौथी तिमाही (Q4 FY25) के वित्तीय परिणाम
टाटा मोटर्स का Q4 FY25 में शुद्ध मुनाफा ₹8,470 करोड़ रहा.
यह पिछले वर्ष की समान तिमाही के ₹17,552 करोड़ के मुकाबले 51.7% की गिरावट दर्शाता है.
टाटा मोटर्स ने ₹1,000 करोड़ के नेट ऑटो कैश बैलेंस के साथ अपनी वित्तीय स्थिति को और मजबूत किया है.
Jaguar Land Rover (JLR):
JLR के बिक्री वॉल्यूम में Q4 FY25 में 1.1% की वृद्धि हुई.
SUV वाहनों की उत्तरी अमेरिका और यूरोप में अच्छी मांग रही.
JLR का राजस्व 2.4% बढ़ा और कुल राजस्व ₹1.2 लाख करोड़ रहा.
तिमाही में EBIT मार्जिन 10.7% रहा.
पूरे वित्त वर्ष के लिए EBIT मार्जिन 8.5% रहा.
नतीजों की घोषणा के बाद टाटा मोटर्स के शेयर में गिरावट देखी गई. बीएसई (BSE) पर इसका शेयर 1.76% की गिरावट के साथ ₹707.90 पर बंद हुआ. पिछले 6 महीने में टाटा मोटर्स का शेयर करीब 10 फीसदी गिरा है, जबकि एक साल के अंदर शेयर में 26 फीसदी की बड़ी गिरावट देखी गई है. अभी भी शेयर अपने ऑल टाइम हाई से करीब 40 फीसदी नीचे है.
कंपनी अपने इलेक्ट्रिक वाहनों के पोर्टफोलियो को और मजबूत करने की योजना बना रही है. इसके साथ ही लागत कटौती और ऑपरेशनल एफिशिएंसी को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. JLR सेगमेंट में अधिक मुनाफा कमाने पर जोर रहेगा.
क्या हैं सेक्टर की चुनौतियां
चीन और दक्षिण कोरिया जैसे ग्लोबल लीडर्स के मुकाबले भारतीय शिपयार्ड उत्पादन क्षमता, डिजाइन, स्वचालन, कुशल श्रमशक्ति और वेंडर नेटवर्क के मामले में पीछे हैं.
शिप रिपेयर का बढ़ता अवसर
वैश्विक शिप रिपेयर मार्केट तेजी से बढ़ रहा है, और भारत की रणनीतिक स्थिति इसे इस सेक्टर में प्रमुख खिलाड़ी बना सकती है.
भारतीय शिपयार्ड भारतीय नौसेना के साथ-साथ अमेरिकी नौसेना की 5वीं और 7वीं फ्लीट को सेवाएं देने के लिए समझौते कर रहे हैं.
उदाहरण के लिए, मझगांव डॉक और कोचीन शिपयार्ड ने US नेवी के साथ मास्टर शिप रिपेयर एग्रीमेंट (MSRA) पर हस्ताक्षर किए हैं.
प्रमुख शिपयार्ड की संभावनाएं
मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (MDL) : पारंपरिक पनडुब्बियों के निर्माण में अग्रणी और P75I व कलवरी के ऑर्डर से इसका ऑर्डर बुक बढ़ने की संभावना है.
गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) : छोटे जहाजों और फ्रिगेट्स के निर्माण में माहिर. NGC और P17B प्रोजेक्ट्स से इसे बड़े ऑर्डर मिलने की संभावना है.
कोचीन शिपयार्ड (CSL) : सबसे बड़ी क्षमता वाला शिपयार्ड, लेकिन निकट भविष्य में IAC-II के ऑर्डर की कमी के कारण इसके ऑर्डर बुक पर प्रभाव पड़ सकता है. हालांकि, शिप रिपेयर में इसे बढ़ने का मौका है.
इन शेयरों (Defence Stocks) पर रखें नजर
CMP : 2,905 रुपये
रेटिंग : BUY
टारगेट प्राइस : 3,433 रुपये
Cochin Shipyards
CMP : INR 1,521
रेटिंग : HOLD
टारगेट प्राइस : 1,481 रुपये
Garden Reach Ship. & Engineers
CMP : 1,820 रुपये
रेटिंग : BUY
टारगेट प्राइस : 2,024 रुपये