#between naxal and force सोनी सोरी के दस बरस छह महिने और 4 दिन तक से पहले बस्तर… जहां माओवादी, पुलिस और जनता निष्पक्ष नहीं हो सकती…
सुरेश महापात्र। बस्तर में माओवादियों की समस्या के समाधान के नाम पर कितना कुछ हो रहा है। पृथक छत्तीसगढ़ से पहले पूर्ववर्ती मध्य प्रदेश सरकार पर यह आरोप लगता रहा कि बस्तर के पिछड़ेपन के लिए राज्य सरकार ही जिम्मेदार है। बस्तर अंतिम छोर पर रहा। विकास के पैसा और पहिया रायपुर से ही गुम हो जाता रहा। यही वजह है बस्तर में विकास ही अब सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है। विकास में बाधा के लिए माओवादियों की जिम्मेदारी भी तय कर दी गई है। छत्तीसगढ राज्य निर्माण के
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